कोरोना वायरस: चीन के वुहान से 324 भारतीयों को लेकर विशेष विमान दिल्ली पहुंचा

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कोरोना वायरस: चीन के वुहान से 324 भारतीयों को लेकर विशेष विमान दिल्ली पहुंचा

चीन के वुहान में फंसे 324 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया का विशेष विमान दिल्ली पहुंच गया है। चीन में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाने गए एयर इंडिया का 423 सीटों वाला बी747 विमान शनिवार की सुबह भारत आ गया।

कोरोना वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाली एक ऐसी बीमारी है जो चीन के अलावा 18 अन्य देशों में फैल चुकी है। अभी इस वायरस के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित कर दिया है।

चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने का फैसला किया था। विशेष उड़ान से लाये गये सभी 324 यात्रियों को अगले 14 दिन तक मानेसर और छावला कैंप में रखा जायेगा, जिससे वे दूसरे लोगों के संपर्क में न आ सकें। डॉक्टरों की टीम उनकी लगातार जांच करेगी।

भारत ने अपने लोगों को निकालने और उनके इलाज के लिए व्‍यापक रूप से तैयारियां शुरू कर दी हैं। आईटीबीपी ने संक्रमित भारतीयों को मरीजों को बुनियादी चिकित्सा सेवा देने के लिए दिल्ली में 600 बेड वाला अलग केंद्र तैयार किया है।

आईटीबीपी के प्रवक्‍ता विवेक कुमार पांडे का कहना है, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के छावला इलाके में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के कैंप में चीन से आने वाले भारतीयों के लिए अलग व्यवस्था की गई है। इस 600 बिस्तरों वाले केंद्र में डॉक्टरों की एक टीम मौजूद रहेगी। संक्रमण के संदिग्ध मरीजों के इस केंद्र में बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस कैंप में रखे जाने वाले लोगों को खाना, पानी और बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी। यही नहीं सेना ने भी हरियाणा के मानेसर में कुछ इसी तरह का इंतजाम किया है।

फिलहाल कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है क्योंकि यह एक नया वायरस है। इसके लिए कोई खास दवाई भी नहीं है लेकिन इससे संक्रमित लोगों में दिखाई देने वाले लक्षणों के आधार पर उपचार किया जा सकता है।

साथ ही इसके उपचार की तलाश के लिए 'क्लिनीकल ट्रायल' यानी परीक्षण किए जा रहे हैं। एंटीबायोटिक्स इसके इलाज में कारगर नहीं हैं क्योंकि वे सामान्यतः बैक्टीरिया पर असर डालती हैं जबकि यह एक वायरस है। वहीं अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों को एंटीबायोटिक्स दी जा सकती है, बशर्ते इस वायरस संक्रमण के साथ बैक्टीरिया भी एक वजह हो।

कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतना और साफ-सफाई का ख्याल रखना जरूरी है क्योंकि अभी तक रोकथाम का जरिया उपलब्ध नहीं है।

ध्यान रखें

- श्वसन संबंधी संक्रमण के लक्षणों वाले लोगों से सीधे तौर पर संपर्क ना रखें

- अपने हाथ बार-बार साबुन से धोएँ, विशेषकर मरीजों से सीधे संपर्क करने के बाद

- खाँसते व छींकते समय टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें या मुंह और नाक को कोहनी से ढंक ले

- खाँसी और बुख़ार से पीड़ित किसी व्यक्ति के सीधे संपर्क में ना आएं

- बुखार , खाँसी या सांस लेने में मुश्किल महसूस होने पर तत्काल डॉक्टर के पास जाएं

- कोरोना वायरस से पीड़ित क्षेत्रों के बाजारों में जानवरों और उन्हें रखने-बैठने के स्थान से दूरी बनाएं रखें

- कच्चे या अधपके मांस और अन्य उत्पादों का इस्तेमाल जहां तक संभव हो ना करें

- कच्चे मांस, दूध और जानवरों के अंगों का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें

  

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