कोरोना वायरस: देशभर में भीड़ न जुटाने की सलाह लेकिन अयोध्या में होने जा रहा मेला
Ranvijay Singh 16 March 2020 12:23 PM GMT
''दुनियाभर के विशेज्ञषों का कहना है कि COVID-19 को फैलने से रोकने के लिए लोगों को सामूहिक आयोजनों को कम करना चाहिए। इसलिए इस साल मैं किसी भी तरह के होली मिलन कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनूंगा।'' कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने होली से ठीक पहले 4 मार्च को यह ट्वीट किया था।
पीएम मोदी की तरह ही दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्ष कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सामूहिक सभाओं या आयोजनों को करने से मना कर रहे हैं। अमेरिका-स्कॉटलैंड जैसे कई देशों ने तो सामूहिक सभाओं को रोकने के लिए गाइडलाइन तक जारी की है। इन तमाम खबरों और प्रयासों के बीच उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रशासन एक बड़े मेले के आयोजन में जुटा है, जिसमें लाखों लोग शामिल होंगे। वो भी तब जब जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी सीएमओ ने इस मेले को न कराने की सलाह दी है।
कोरोना वायरस का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। भारत में अब तक कोरोना 15 राज्यों में फैल चुका है। सोमवार (16 मार्च) तक इसके 111 मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से 17 विदेशी हैं। देश में अब तक कोरोना से 2 लोगों की मौत हुई है, वहीं 13 लोग ठीक हुए हैं। इन आंकड़ों से साफ होता है कि कोरोना भारत को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है।
ऐसे हाल में जब दुनिया भर में फैले इस वायरस से बचने के लिए लोग घरों में कैद हो रहे हैं, यूपी के अयोध्या में 25 मार्च से रामनवमी मेले का आयोजन किया जाएगा। अयोध्या के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) घनश्याम सिंह ने इस आयोजन को न कराने की सलाह भी दी थी। उनका कहना था, ''कोरोना के बचाव में यह है कि भीड़ को इकट्ठा नहीं होना है। हम मेले में यह स्क्रीनिंग नहीं कर सकते कि कौन कोरोना से इनफेक्टेड है। ऐसे में इस तरह का आयोजन न किया जाए तो बेहतर होगा।''
सीएमओ की इस सलाह को नजरअंदाज करते हुए अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा ने यह साफ कर दिया है कि मेला तय वक्त पर ही होगा। मीडिया से बात करते हुए अनुज झा ने कहा, ''हम सभी सावधानी बरतेंगे। भक्तों को कोरोना से बचाव की सलाह दी जाएगी। यह आयोजन रद्द नहीं होगा।''
अयोध्या के रामनवमी मेले में पूरे देश से लाखों भक्त शामिल होते हैं। इस बार का मेला इसलिए भी बड़ा हो सकता है क्योंकि राम मंदिर का फैसला आ चुका है। ऐसे में हर साल की अपेक्षा इस बार ज्यादा भीड़ जुटने की संभावना है। यह संभावना तब बन रही है जब उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के 13 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना के मद्देनजर ही यूपी सरकार ने प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया है। वहीं, लखनऊ प्रशासन ने सभी सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, डिस्को, क्लब, जिम, स्वीमिंग पूल और मॉल को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश जारी किया है।
उत्तर प्रदेश ही नहीं इस तरह के आदेश भारत के अलग-अलग राज्यों में भी जारी किए गए हैं। इन आदेशों का साफ मकसद है कि लोग एक जगह इकट्ठा न हों। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए ही अमेरिका ने गाइडलाइन जारी की है जिसके मुताबिक, 50 से ज्यादा लोग एक जगह इकट्ठा नहीं हो सकते। ऐसे कोई भी आयोजन या तो स्थगित किए जाएं या उन्हें रद्द किया जाए।
इससे साफ होता है कि दुनियाभर में कोरोना को रोकने को लिए भीड़ वाली जगह से बचने की हिदायत दी जा रही है। ऐसी ही हिदायत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी जारी की है, जिसके मुताबिक अगर कोई कोरोना वायरस से पीड़ित है तो वो दूसरों के संपर्क में आने से बचे। इससे यह वायरस फैल नहीं पाएगा। हालांकि यूपी के अयोध्या में इस तमाम चेतावनी और गाइडलाइन को धत्ता बताते हुए भव्य मेले का आयोजन करने की तैयारी चल रही है।
इस आयोजन को लेकर नेताओं के तर्क भी अजीब अजीब हैं। ऐसा ही एक तर्क बीजेपी विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने भी दिया है। उनसे जब अयोध्या के सीएमओ द्वारा मेला न कराने की बात को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ''श्रद्धालुगण धार्मिक कार्य के लिए रामनवमी मेले में आ रहे हैं। उन पर कोरोना वायरस का असर नहीं होगा।''
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