लॉकडाउन में लोगों का द‍िल जीत रही उत्तर प्रदेश पुलिस

Ranvijay SinghRanvijay Singh   30 March 2020 8:13 AM GMT

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लॉकडाउन में लोगों का द‍िल जीत रही उत्तर प्रदेश पुलिस

नोएडा के रहने वाले उग्रसेन अग्रवाल शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। लॉकडाउन के बीच ही उनकी जरूरी दवाइयां खत्‍म हो गईं। लॉकडाउन का पालन करते वे हुए बाहर नहीं जाना चाहते थे। ऐसे में उन्‍होंने उत्तर प्रदेश पुलिस की आपात सेवा नंबर 112 पर फोन करके मदद मांगी। पुलिस ने उनकी सूचना दर्ज की और फिर कुछ देर में दवा लेकर उनके घर पहुंच गई।

यह एकलौता मामला नहीं है जहां उत्तर प्रदेश पुलिस मदद लोगों करने पहुंची हो। लॉकडाउन के इस कठिन समय यूपी पुलिस लोगों की मदद करने में दिन रात जुटी नजर आ रही है। पुलिस के इन्‍हीं कामों की वजह से कभी जो खाकी वर्दी लोगों में डर पैदा कर रही थी वह अब भरोसे की निशानी बनती जा रही है।

आपात सेवा 112 की प्रभारी निरीक्षक शिवा शुक्‍ला बताती हैं, ''लॉकडाउन के वक्‍त में रोजाना करीब 400 फोन ऐसे लोगों के आ रहे हैं जो खाना या अन्‍य जरूरी सामान मांग रहे हैं। सामन्‍य दिनों में हर दिन 600 से 700 कॉल आया करती थी, लेकिन इसबीच 1100 से 1200 कॉल रोज आ रही हैं। हमारी कोश‍िश रहती है कि हम सभी लोगों तक मदद पहुंचा सकें। इसीलिए जो स्‍टाफ हैं वे पहले की अपेक्षा ज्यादा काम कर रहे हैं, साथ ही हमने स्‍टाफ भी बढ़ाया है।''

कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में जो जहां है वहीं रुका हुआ है। कई ऐसे लोग भी हैं जो रोज कमाते और खाते थे। यूपी पुलिस की यह सेवा उन लोगों के लिए बहुत काम आ रही है। लोग पुलिस से खाने का सामान मांग रहे हैं और पुलिस उनके पास सामान लेकर पहुंच रही है। ऐसे ही कई वरिष्‍ठ नागरिक भी हैं जो घर में अकेले रहते हैं। इनकी जरूरतों का ध्‍यान भी पुलिस रख रही है। ऐसे ही एक बुजुर्ग का अनोखा मामला लखनऊ में सामने आया।

लखनऊ के 88 वर्षीय बुजुर्ग व्‍यक्‍ति ने पुलिस को फोन करके कहा कि वे घर में अकेले हैं और बेटा बहू अमेरिका रहते हैं। उनका शूगर लेवल कम है तो उन्‍हें कुछ मीठा खाना है। उनकी इस मांग को यूपी पुलिस ने जायज माना और उनके घर इंस्‍पेक्‍टर हजरतगंज संतोष सिंह रसगुल्‍ला लेकर पहुंचे और उन्‍हें खिलाया। मिठाई खाने के बाद बुजुर्ग ने इंस्‍पेक्‍टर को धन्‍यवाद देते हुए कहा कि 'अगर शूगर लेवल सही न होता तो उनकी तबीयत खराब हो सकती थी।'

लॉकडाउन के इस वक्‍त में लोगों से यूपी पुलिस का यह भावनात्‍मक जुड़ाव साफ देखने को मिल रहा है। कहीं पुलिस राशन और दवाइयां लेकर पहुंच रही है तो कहीं खुद खाना बनाकर लोगों को खिला रही है। पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक अभ‍िषेक दीक्षित ने तो 'कोई भूखा न रह जाए' करके एक योजना चलाई है। इसके तहत पुलिसवाले खाना बनाकर जरूरतमंद लोगों और बेसहारा जानवरों को खाना खिला रहे हैं।

एक बात और है कि आपदा के इस वक्‍त में कमजोर तबके से जुड़े लोगों तक राशन पहुंचाने और उन्‍हें खाना खिलाने के लिए यूपी पुलिस उनसे कोई पैसे नहीं ले रही। आपात सेवा 112 की प्रभारी निरीक्षक शिवा शुक्‍ला बताती हैं, ''पुलिस के लोग खुद से पैसे जोड़कर जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचा रहे हैं। कहीं अगर कोई संस्‍था खाना देना चाह रही है तो हम उससे जुड़कर लोगों को खाना पहुंचा रहे हैं। इस तरत हम इस पूरे मामले को मैनेज कर रहे हैं। कहीं किसी जरूरतमंद से कोई रुपया नहीं लिया जा रहा। हम जानते हैं कि उन्‍हें बहुत तकलीफ है और हम उस तकलीफ को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।''

यूपी पुलिस का यह मानवीय चेहरा लोगों को भी बहुत पसंद आ रहा है। सोशल मीडिया में कई लोग इस बात की तारीफ भी कर रहे हैं कि यूपी पुलिस हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है। हाल ही में जब दिल्‍ली से मजदूरों के पलायन की तस्‍वीरें आ रही थीं तब कई ऐसी तस्‍वीरें भी सोशल मीडिया में चल रही थीं जहां यूपी पुलिस मजदूरों को खाना खिला रही थी। यूपी पुलिस अपनी इन तस्‍वीरों को ट्वीट करते हुए लिखती है, 'हर जरूरतमंद तक पहुंचना हमारा कर्तव्‍य है।' यह लाइन इस आपदा के वक्‍त में सही साब‍ित होती दिख रही है।


  

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