कोरोना वायरस: जेल में कैदी बना रहे मास्क, मार्केट में भी करेंगे सप्लाई
Ranvijay Singh 23 March 2020 12:48 PM GMT
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के साथ ही मास्क की कमी की खबरें भी आने लगी थीं। मास्क की इसी कमी से निपटने के लिए भारत की जेलों में कैदी खुद मास्क बना रहे हैं। यह मास्क जेल के कैदियों को दिए जाएंगे, साथ ही इसे मार्केट में भी सप्लाई किया जाएगा।
''उत्तर प्रदेश की 71 में से 40 जेलों में मास्क बनाने का काम चल रहा है। हमारी कोशिश है कि बाकी की जेलों में भी इसे चालू करा दिया जाए। प्रदेश की जेलों में करीब एक लाख कैदी हैं, उनसे मिलने वाले भी आते रहते हैं। साथ ही जेलों में साढ़े पांच हजार के करीब कर्मचारी हैं। इन सभी को मास्क की जरूरत है, इसी के मद्देनजर हम मास्क बनवा रहे हैं। करीब 50 हजार मास्क बन गए हैं, लेकिन यह हमेशा इस्तेमाल करने वाला आइटम है तो हम लगातार बनवा रहे हैं। जब हमारी डिमांड पूरी हो जाएगी तो हम इसे मार्केट में भी भेजेंगे।'' यह बात यूपी की जेलों के एडिशनल इंस्पेक्टर जनरल डॉ. शरद कहते हैं।
उत्तर प्रदेश की ही तरह देश के अलग-अलग राज्यों की जेलों में भी मास्क बनाने का काम चल रहा है। यह कवायद इसलिए भी जरूरी है कि भारत की जेलों में कैदी भरे हुए हैं। 'भारतीय जेल सांख्यिकी 2017' की रिपोर्ट को देखें तो पता चलता है कि 31 दिसंबर, 2017 तक भारत में कुल 1,361 जेल हैं, जिनकी कुल क्षमता 3,91,574 कैदियों की है, लेकिन इन जेलों में क्षमता से कहीं ज्यादा 4,50,696 कैदी (115.1%) रह रहे हैं।
इन आंकड़ों से साफ होता है कि भारत की जेलों में देश के कई केंद्र शासित प्रदेशों जैसे अण्डमान-निकोबार, दमन-दीव से भी ज्यादा लोग रह रहे हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच जहां मास्क की कमी देखने को मिल रही है ऐसे में यह कैदी खुद के लिए और देश के दूसरे लोगों के लिए मास्क बनाने में जुट गए हैं।
उत्तर प्रदेश की तरह ही केरल में भी कैदी मास्क बना रहे हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कैदियों द्वारा बनाए गए नीले रंग के मास्क की तस्वीर ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा, ''मास्क की कमी को देखते हुए यह निर्देश दिए हैं कि जेलों में कैदियों को मास्क बनाने में लगाया जाए। यह काम युद्ध स्तर पर किया जाए। तिरुवनंतपुरम जेल के अधिकारियों ने मास्क का पहला बैच आज सौंप दिया।''
#COVID19 | Solving The Mask Problem 😷
— Pinarayi Vijayan (@vijayanpinarayi) March 14, 2020
In light of the shortage, directions were given to engage the prisons in the State in manufacturing masks. It has commenced on a war footing basis. Today, the Prison officials of Thiruvananthapuram Jail have handed over the first batch. pic.twitter.com/QKgHWqYNOg
केरल की तिरुवनंतपुरम, विय्युर और कन्नूर सेंट्रल में यह मास्क बनाने का काम चल रहा है। कैदियों ने जो मास्क बनाए हैं वो डबल कोट मास्क हैं। अभी तक कैदियों ने 6 हजार मास्क प्रशासन को दिए हैं। यह मास्क मार्केट में 15 से 20 रुपए में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे में कैदियों के बनाए मास्क की वजह से बहुत से लोगों को फायदा मिलेगा जो महंगे दामों पर मास्क खरीदने को मजबूर हैं।
मास्क की कमी और फिर दुकानदारों द्वारा मनमाने दाम पर इसे बेचने की घटनाओं को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने मास्क की कमीत भी तय कर दी है। खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट कर बताया कि कोरोना वायरस फैलने के बाद से बाजार में विभिन्न फेस मास्क, इसके निर्माण में लगने वाली सामग्री और हैंड सेनिटाइजर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इनकी कीमतें तय कर दी हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 2 और 3 प्लाई मास्क में इस्तेमाल होने वाले फैब्रिक की कमीत वही रहेगी जो 12 फरवरी 2020 को थी। 2 प्लाई मास्क की खुदरा कीमत 8 रुपए प्रति मास्क और 3 प्लाई के मास्क की कीमत 10 रुपए से अधिक नहीं होगी।
यूपी, केरल की तरह ही बिहार की जेलों में भी मास्क बनाए जा रहे हैं। बिहार के पूर्णिया सेंट्रल जेल में यह काम चल रहा है। पूर्णिया सेंट्रल जेल की क्षमता 890 कैदियों की है, लेकिन यहां 1441 कैदी रह रहे हैं। इस जेल के सुपरिटेंडेंट जितेंद्र कुमार बताते हैं, ''कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए हमारे यहां मास्क बनाने का काम चल रहा है। अभी तक हमने 10 हजार मास्क बनाकर दूसरी जेलों में भेजा है। हमारे पास 25 सिलाई मशीन है, जैसे-जैसे डिमांड आता है हम मास्क बनाकर भेज रहे हैं। अगर मार्केट से भी डिमांड मिलेगा तो हम वहां भेजेंगे।''
ऐसा नहीं कि जेलों में मास्क बनाने का काम सिर्फ भारत में हो रहा है। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के कई देश प्रभावित हैं और वहां भी मास्क की कमी देखने को मिल रही है। इसी कमी को पूरा करने के लिए अमेरिका के टेक्सास की जेल में बंद कैदी भी मास्क बना रहे हैं। यह कैदी कॉटन बेस मास्क बना रहे हैं। ऐसे करीब 25 हजार मास्क यह बनाएंगे। जेलों में बंद इन कैदियों के इस प्रयास से यह समझा जा सकता है कि दुनिया भर के लोग इस महामारी से लड़ने के लिए एकजुट हो रहे हैं और अपने-अपने स्तर से योगदान दे रहे हैं।
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