गौधन संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश में बनेगी गौ कैबिनेट, कई विभाग होंगे शामिल
मध्य प्रदेश में गौधन संरक्षण के लिए छह विभागों को मिलाकर गौ-कैबिनेट बनायी जा रही है, जिसकी पहली बैठक 20 नंवबर को होगी।
गाँव कनेक्शन 18 Nov 2020 10:47 AM GMT
मध्य प्रदेश में गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए गो कैबिनेट का गठन किया जाएगा। गौ कैबिनेट प्रदेश में गो संरक्षण के लिए काम करेगी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी है। इस कैबिनेट में सात विभाग शामिल किए जाएंगे। इन विभागों में पशुपालन, वन, पंचायत, ग्रामीण विकास, गृह, राजस्व और किसान कल्याण विभाग शामिल होंगे। गौ कैबिनेट की पहली बैठक 20 नवंबर को गोपाष्टमी के दिन दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण सालरिया आगर मालवा में होगी।
प्रदेश में गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए 'गौकैबिनेट' गठित करने का निर्णय लिया गया है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 18, 2020
पशुपालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग गौ कैबिनेट में शामिल होंगे।
पहली बैठक 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण, आगर मालवा में आयोजित की जाएगी।
शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है, "प्रदेश में गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए 'गौकैबिनेट' गठित करने का निर्णय लिया गया है। पशुपालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग गौ कैबिनेट में शामिल होंगे। पहली बैठक 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण, आगर मालवा में आयोजित की जाएगी।"
इससे पहले छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश सरकार ने गोवंश सरंक्षण के लिए काम कर रही हैं। छत्तीसगढ़ में जुलाई में हरेली त्योहार के दिन से 'गोधन न्याय योजना' की शुरूआत की है। इस योजना के तहत किसानों और पशुपालकों से गोठान समितियों द्वारा दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जा रहा है, जिससे महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है। तैयार वर्मी कंपोस्ट को 8 रुपए प्रति किलो की दर से सरकार द्वारा खरीदा जा रहा है। खरीदे गए गोबर से अन्य सामग्री भी तैयार की जा रही है।
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