फोनी तूफान से ओडिशा में तीन की मौत, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्य प्रभावित

ओडिशा में 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। समुद्र के किनारे बसे शहर पुरी के कई इलाकों में पानी भर गया है। राज्य के सभी तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। इस तूफान की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई है।

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लखनऊ। चक्रवाती तूफान फोनी शुक्रवार सुबह ओडिशा के पुरी तट पर पहुंच गया। इससे ओडिशा के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। ओडिशा में 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। समुद्र के किनारे बसे शहर पुरी के कई इलाकों में पानी भर गया है। राज्य के सभी तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। विभिन्न जगहों पर तूफान की वजह से पेड़ उखड़ गए और भुवनेश्वर समेत कई स्थानों पर बनीं झोपड़ियां तबाह हो गई हैं। इस तूफान की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई।

सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों ने तबाही का मंजर शेयर कर रहे हैं। ओ़डिशा के तटीय जिलों के करीब 11 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त के मुताबिक राज्य के किसी भी हिस्से से अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। केंद्र सरकार भी इस तूफान को लेकर अलर्ट है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस तूफान के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर 1938 जारी किया है। आपात स्थिति में 1938 पर फोन कर के किसी भी सहायता के लिए संपर्क किया जा सकता है।

इस तूफान की वजह से रेलवे कुल 147 ट्रेनों को रद्द कर चुका है। वहीं भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर भी विमानों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना और NDRF की टीम भी तैयार है।

ओडिशा के अलावा यह तूफान पड़ोसी राज्यों पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में भी भारी तबाही मचा रही है। इस तूफान का असर मध्य भारत के मैदानी इलाके में भी देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के सीतापुर और गोरखपुर इलाके में भारी बारिश हो रही है।

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के निदेशक एच. आर. बिस्वास ने कहा, "चक्रवात सुबह करीब आठ बजे पुरी तट पर पहुंचा। चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया पूरी होने में करीब तीन घंटे का समय लगा। चक्रवात का केंद्र करीब 28 किलोमीटर दूर है और वह 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। चक्रवात के तट पर पूरी तरह पहुंचने की प्रक्रिया सुबह 11 बजे तक खत्म होने की संभावना है। पुरी और आसपास के इलाकों में 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर पहुंच सकता है।"

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बी. पी. सेठी ने बताया कि चक्रवात के कारण गंजाम, पुरी, खोरधा और गजपति जैसे कई तटीय जिलों में तेज हवा चल रही है। कम से कम 11 तटीय जिलों के निचले और संवेदनशील इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है। इन लोगों को 4,000 शिविरों में ठहराया गया है जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिए बनाए गए 880 केंद्र शामिल हैं। सेठी ने बताया कि राज्य के किसी भी हिस्से से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि राजधानी भुवनेश्वर में 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। सेठी ने बताया कि विमान से गिराने के लिए एक लाख से अधिक भोजन के पैकेट भी तैयार किए गए हैं। इसके लिए दो हेलीकॉप्टर भेजने का अनुरोध किया गया है।

वहीं भारतीय तटरक्षक बल ने विशाखापत्तनम, चेन्नई, गोपालपुर, हल्दिया, फ्रासेरगंज और कोलकाता में विभिन्न स्थानों पर 34 आपदा राहत टीमों को तैनात किया है। उसने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चार जहाजों को भी तैनात किया है। भारतीय नौसेना ने भी राहत सामग्री और मेडिकल टीमों के साथ तीन जहाजों को भी तैनात किया है ताकि ओडिशा के तट पर चक्रवात के पहुंचने के बाद वह राहत अभियान शुरू कर सकते हैं।

नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण के लिए कई विमानों को भी तैयार रखा गया है। कैप्टन शर्मा ने कहा, जरुरत पड़ने पर बचाव अभियान और राहत सामग्री गिराने के लिए हेलीकॉप्टरों को भी तैयार रखा गया है। फोनी को सबसे खतरनाक चक्रवाती तूफान कहा जा रहा है। साल 1999 के सुपर चक्रवात में 10,000 लोगों की जान चली गई थी और उसने ओडिशा में जमकर तबाही मचाई थी। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवात के दौरान लोगों से घरों में रहने की अपील की है और कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैं। 11 तटीय जिलों में सभी दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, निजी और सरकारी कार्यालय एहतियाती तौर पर बंद रहेंगे।

(भाषा से इनपुट के साथ)

    

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