जिंदगी विद ऋचा : दादी की रसोई- भुखमरी के खिलाफ अनूठी जंग

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जिंदगी विद ऋचा : दादी की रसोई- भुखमरी के खिलाफ अनूठी जंगजिंदगी विद ऋचा अनिरूद्ध।

देश की जानी-मानी पत्रकार-एंकर ऋचा अनिरूद्ध इस वक्त खास सीरीज ‘जिंदगी विद ऋचा’ कर रही हैं, ये कहानियां कुछ हटकर कुछ प्रेरणादायक और कुछ आपको झकझोरने वाली... अब ये कहानियां आप गांव कनेक्शन वेबसाइट और अख़बार में भी पढ़ सकेंगे...

भुखमरी पूरी दुनिया में नामालूम कितने लोगों को हर रोज निगल रही है। दो वक्त का खाना जुटाना लाखों लोगों के लिए मुश्किल है। लोग लाखों-करोड़ों रुपए धर्म-कर्म के कामों में खर्च कर देते हैं, लेकिन ऐसा सोचने वाले लोग कितने होंगे, जो इन आडंबरों से अलग किसी भूखे को खाना खिलाना ही सबसे बड़ा धर्म और कर्म समझते होंगे।

नोएडा में हर दिन लगने वाली दादी की रसोई मानवता के इसी सबसे बड़े धर्म की मिसाल है क्योंकि दादी की रसोई में भूखों को भरपेट खाना खिलाया जाता है। नोएडा के अनूप खन्ना की दादी की रसोई से कोई भी इंसान भूखा नहीं जाता और खाना भी ऐसा की खाने वाला अंगुलियां चाटता रह जाए। हर दिन नोएडा के सेक्टर 17 में सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 12.30 बजे से 3 बजे तक सेक्टर 29 के गंगा शॉपिंग कांपलेक्स में दादी की रसोई के काउंटर लगते हैं।

69 साल के अनूप खन्ना की दादी की ये रसोई सालों से भूखों का पेट भर रही है, निस्वार्थ, निसंकोच। खाने की कीमत 5 रुपए रखी गयी है, लेकिन ये सिर्फ इसलिए क्योंकि खाना लेने वाला इंसान अपने जमीर के साथ, सम्मान के साथ अपना पेट भर सके।

वो खाने को भीख या मेहरबानी ना समझे, बल्कि अपनी मेहनत की कमाई समझ कर इज्जत से अपना पेट भर सके। दादी की रसोई चलाने वाले अनूप खन्ना अपने इस काम को खुदा की इबादत से कम नहीं समझते और इसलिए बिना रुके, बिना थके, हर हाल में हर रोज वो इस काम को बदस्तूर कर रहे हैं। दादी की रसोई हर रोज लोगों का पेट भर रही है।

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