National Milk Day: देश के 86 दूध उत्पादक किसानों को किया गया सम्मानित

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने 62 दूध उत्पादकों और दूध उत्पादक कंपनियों के 24 दूध उत्पादकों को डिजिटल माध्यम का प्रयोग करने के लिए सम्मानित किया।

Divendra SinghDivendra Singh   26 Nov 2020 7:32 AM GMT

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राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर डिजिटल माध्यमों को बढ़ावा देने और उन्हें प्रेरित करने के लिए देश भर के डेयरी किसानों और दुग्ध सहकारिता और दूध उत्पादक कंपनियों को 'दूध उत्पादक डिजिटल पुरस्कार दिए गए।

भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्मदिवस 26 नंवबर को हर साल राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day) मनाया जाता है। पहली बार 26 नंवबर, 2014 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया गया था। नेशनल डेयरी डेयरी डेवलपमेंट (NDDB) के चेयरमैन दिलीप रथ ने इन पुरस्कारों को डिजिटल माध्यम से सभी प्रोड्यूसर कंपनियों और डेयरी किसानों के अवार्ड की घोषणा की।

इस मौके पर एनडीडीबी के अध्यक्ष दिलीप रथ ने कहा कि इस पुरस्‍कार से बेंचमार्क स्‍थापित होगा और एनडीडीबी के प्रयास भारत सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के साथ मिलकर डेयरी किसानों को बैंक के माध्‍यम से निश्चित रूप से 100% दूध बिल के भुगतान को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे जिससे अन्‍य डिजिटल प्‍लेटफार्मों का प्रयोग बढ़ेगा। राष्‍ट्रीय स्तर पर ऐसी सामाजिक मान्यता मिलने से निश्चित रूप से अन्‍य दूध उत्‍पादक अधिक जागरूक होंगे तथा धीरे-धीरे भुगतान के पारदर्शी डिजिटल माध्‍यम को अपनाएंगे।

कार्यक्रम में ऐसे डेयरी किसानों को मान्‍यता देकर सम्‍मानित किया गया, जिन्‍होंने बिना किसी परेशानी के अपने निजी बैंक खाते में दूध बिल के भुगतान प्राप्‍त किया और दूध संघों/उत्‍पादक कंपनियों को अपने राज्‍यों में डिजिटल भुगतान प्राप्ति में सहयोग देने के लिए सम्मानित किया गया।

एनडीडीबी ने डेरी सहकारिताओं के 62 दूध उत्‍पादकों और दूध उत्‍पादक कंपनियों के 24 दूध उत्पादकों को डिजिटल माध्यम से दूध बिल के भुगतान प्राप्ति के लिए सम्‍मानित किया। 22 राज्‍यों के 19 डेरी सहकारी दूध संघों/महासंघों और आठ दूध उत्‍पादक कंपनियों को दूध बिल के भुगतान को डिजिटल माध्‍यम से बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया ।

20वीं पशुगणना के अनुसार देश में 14.51 करोड़ गाय और 10.98 करोड़ भैंसें हैं, जबकि गोधन (गाय-बैल) की आबादी 18.25 करोड़ है। साथ ही दुधारू पशुओं (गाय-भैंस) की संख्या 12.53 करोड़ है। इनसे लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

इन्हें मिला पुरस्कार

बिहार: राजनंदन यादव, शंकर महतो और संतोष साह को ये अवार्ड मिला है।

छत्तीसगढ़: छेदूराम यादव, रवि यादव और आदित्य मिश्रा

उड़ीसा: बाला जानी, विपिन बिहारी, और दिलीप प्रधान

झारखंड : से फूलचंद्र गोपे, सोनी देवी और अरुण कुमार

असम: प्रमोद रे, पंकज सर्मा, मंजू देवी

सिक्किम: पेमदे भूटिया, बिमल छेत्री और सुकु माया तमंग

त्रिपुरा: गौतम अधिकारी, बीजन नंदी, अशिम साहा

मणिपुर: युमनाम सोविता देवी

पंजाब: जतिंदर सिंह, पिर्थी सिंह, दलजीत सिंह

हरियाणा: राकेश, राम मेहर और अजय सिंह

उत्तर प्रदेश: जगन नाथ, राम सेवक यादव

राजस्थान: सुशीला कुमारी, नारायणी देवी सुरेश कुमार यादव

उत्तराखंड: षष्ठी देवी, बैशाखी देवी, सुखविंदर कौर

हिमाचल प्रदेश: तनुज, राम किशन, सतीष कुमार

कर्नाटक: थिम्मेगोड़ा, बेबी और प्रदीप सी

केरल: टीएम मैथ्यू, साजी मैथ्यू, लीमा रोजलीन एस

तमिलनाडु: आर मणिवन्नन, एस मुरुगाराज, के नटराजन

पुडुचेरी: ई महालक्ष्मी, एस सतीशराज, जी नारायणन

गोवा: नितिन नारायण राउल, सविता भंडोलकर, विनोद जोशी

मध्य प्रदेश: भुवनीराम वर्मा और रणछोड़लाल पाटीदार

गुजरात: अल्पेश कुमार कालीदास पटेल, अजयभाई धुलाभाई पटेल और रामशीभाई पुंजाभाई भोचिया

महाराष्ट्र: रत्नमाला आर थंम्बारे, वंसत टी शिंदे और मांगू आर पाटिल

    

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