धूल भरी हवा से दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना मुश्किल, यूपी में चेतावानी जारी

पश्चिम भारत की धूल भरी आंधी की वजह से दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगले तीन-चार दिन तक धूल भरी आंधी चल सकती है तथा लोगों को लंबे समय तक घर से बाहर ना रहने की सलाह दी गई है।

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धूल भरी हवा से दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना मुश्किल, यूपी में चेतावानी जारी

नई दिल्ली। देश की राजधानी में हवा की गुणवत्ता आज तीसरे दिन भी खतरनाक स्तर पर है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगले तीन - चार दिन तक धूल भरी आंधी चल सकती है तथा लोगों को लंबे समय तक घर से बाहर ना रहने की सलाह दी गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि पश्चिमी भारत खासतौर से राजस्थान में धूल भरी आंधी चलने के कारण हवा की गुणवत्ता एकदम खराब हो गई है। हवा में मोटे कणों की मात्रा बढ़ गई है। दिल्ली- एनसीआर में पीएम 10 (10 मिलीमीटर से कम मोटाई वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 796 और केवल दिल्ली में 830 है जिससे हवा में घुटन सी हो गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश में भी धूल भरी आंधी का अलर्ट जारी किया गया है।

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हवा में घुले खतरनाक सूक्ष्म कण

सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के निशान से पार है। पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार इलाके में आज सुबह पीएम 10 का स्तर 929 और पीएम 2.5 का स्तर 301 मापा गया। गौरतलब है कि 0 से 50 के बीच के वायु गुणवत्ता सूचकांक को अच्छा माना जाता है, 51-100 के बीच को संतोषजनक , 101-200 के बीच को मध्यम , 201-300 को खराब , 301-400 को बहुत खराब और 401-500 खतरनाक माना जाता है। क्षेत्र में चल रही हवा से धूल के कण लगातार वायु में फैल रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में आज 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। धूल से भरी हवाओं ने कल से दिल्ली- एनसीआर की आबोहवा में घुटन पैदा कर रखी है। पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि अगले तीन दिन तक धूल भरी हवाएं चलने का अनुमान है। उसने निर्माण एजेंसियों, नगर निगमों और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को पानी का छिड़काव सुनश्चिति करने के लिए अलर्ट किया है। सीपीसीबी ने कहा कि इस बार गर्मियों में प्रदूषण पिछले साल से काफी अलग है। नवंबर में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर बढ़ गया था जिससे स्थानीय निवासियों का सांस लेना दूभर हो गया था।

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मौसम विभाग के निदेशक डॉ. रंजीत सिंह का कहना है, "धूल भरी हवाओं की रफ्तार कम है। यदि यह आंधी तूफान का स्वरूप लेती हैं, तो फिर यह धूल दूर तक उड़ जाएगी। दूसरा, बारिश होने से यह छंट सकती है। लेकिन अभी न तो आंधी-तूफान के आसार हैं और न ही बारिश के। इसलिए अगले दो दिनों तक इससे राहत के आसार नहीं दिख रहे।"

वहीं सीपीसीबी के सदस्य सचिव सुधाकर का कहना है," प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। हमने निर्माण कंपनियों की बैठक भी बुलाई है और अगर हालात इतने बदतर रहे तो हम निर्माण गतिविधियां रोक देंगे। अगले तीन-चार दिन का प्रदूषण का स्तर ऐसा ही रह सकता है।"

धूल भरी आंधी के कारण लोगों को खासी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। यह धूल सेहत के लिए खतरनाक है। इससे एलर्जी और सांस की दिक्कत जैसी बीमारियां हो सकती हैं। धूल की चपेट में आने से इन बीमारियों के चपेट में आने की संभावना है।

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बुखार

धूल से एलर्जी होने पर मरीज को बुखार चढ़ सकता है। इसके फलस्‍वरूप, आखों में जलन होती है, पानी लगातार बहता रहता है, छीकें आती है, कफ बनता है और गले में खराश हो जाती है।

अस्‍थमा

ज्‍यादा समय तक धूल से एलर्जी बना रहना, अस्‍थमा का कारण बनता है। छोटे कणों, रोएं आदि से अस्‍थमा का अटैक पड़ने की संभावना रहती है। यह एक खतरनाक बीमारी है जिसमें मरीज को कही भी और कभी भी अस्‍थमा का अटैक पड़ सकता है।

खुजली

एक्जिमा या खुलजी होना भी धूल से एलर्जी का एक लक्षण है। इसमें त्‍वचा लाल पड़ जाती है और खुजली होती है। कई बार त्‍वचा फूल जाती है और खाल निकलने लगती है। बच्‍चों में अक्‍सर यह देखने को मिलता है।


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