दिल्ली चलो मार्च: किसानों को रोकने के लिए हरियाणा ने सील किया बॉर्डर, किसान नेताओं की गिरफ्तारी शुरू, योगेंद्र यादव ने कहा- घबराई हुई है सरकार
देशभर से लगभग 400 किसान संगठन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए कई जगहों से किसान नेताओं की गिरफ्तारी हुई है। दिल्ली पुलिस ने भी कहा कि प्रदेश में प्रदर्शन की इजाजत नहीं है।
गाँव कनेक्शन 25 Nov 2020 4:00 AM GMT
कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए देशभर के लगभग 400 किसान संगठन देश की राजधानी नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। किसान 26 और 27 नवंबर को दिल्ली का घेराव करेंगे। आंदोलन को रोकने के लिए किसान नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई है। हरियाणा सरकार ने बॉर्डर सील कर दिया है। इस बीच कोरोना को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा है कि प्रदेश में इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। अगर किसान नहीं मानें तो उन पर कानूनी कार्रवाई होगी।
पंजाब, हरिणाण और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान और किसान संगठन के नेता 25 नवंबर, बुधवार को दिल्ली कूच कर गये हैं। किसान अपने साथ खाने का सामान भी लेकर निकले हैं। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए पंजाब, हरियाणा में किसान नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो चुकी है।
दिल्ली पुलिस 24 नवंबर की रात से ही दिल्ली-गाजीपुर रोड पर तलाशी कर रही है। डीसीपी ईस्ट दिल्ली जसमीत सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "हम किसानों को दिल्ली में नहीं घुसने देंगे। किसानों को शहर में प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी गयी है।"
Farmer organisations from UP, Haryana, Uttarkhand, Rajasthan, Kerala & Punjab have called a march to Delhi on Nov 26 & 27. No gathering is permitted amid coronavirus.The permission has been rejected and it was communicated well in time to the organizers @CPDelhi @LtGovDelhi
— #DilKiPolice Delhi Police (@DelhiPolice) November 24, 2020
किसान आंदोलन को देखते हुए उत्तर रेलवे ने पांच ट्रेनों को जहां रद्द कर दिया है तो वहीं सात ट्रेनों की दूरी कम कर दी गयी है। 9 ट्रेनों का रूट भी बदला गया है।
हिरासत में 30 से ज्यादा किसान
हरियाणा में 24 नवंबर से ही किसान नेताओं की गिरफ्तारी हो रही है। मंगलवार को सुबह तड़के ही राज्य के अलग-अलग जगहों से गिरफ्तारियां हुईं और लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। इसमें लाडवा से करण सिंह, करनाल से जगदीप सिंह, तोशाम से रमेश पंघल, गोहाना से सत्यवान नरवाल, रोहतक से सुंदर सिंह और अनिल नांदल, यमुनानगर से सुभाष गुर्जर, सिरसा से एसपी सिंह, राम चंदर और झज्जर से सूबेदार सत्यनारायण प्रमुख हैं।
खरकड़ी से हिरासत में लिये गये रमेश पंघाल ने गांव कनेक्शन को फोन पर बातचीत में बताया कि उन्हें सुबह 5:00 बजे तोशाम पुलिस स्टेशन ले जाया गया और उन्हें यह भी नहीं बताया कि उन्हें हिरासत में क्यों लिया जा रहा है। हालांकि, तोशाम पुलिस स्टेशन में तैनात एसआई सज्जन सिंह ने बताया कि रमेश पंघाल को केवल हिरासत में लिया गया है, गिरफ्तार नहीं किया गया है।
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यह पूछने पर कि उन्हें क्यों हिरासत में लिया गया और किस आरोप में, एसआई सज्जन सिंह ने कहा, "चल रहे कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए, इन लोगों को राज्य भर में हिरासत में लिया जा रहा है ताकि उन्हें यह समझाया जा सके कि वे विरोध के लिए भीड़ इकट्ठा ना करें। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को इस मार्च से बचना चाहिए अपने साथी किसानों से भी आग्रह करना चाहिए।
'घबराई हुई है किसान'
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि 26 नवंबर के दिल्ली चलो कार्यक्रम से घबराई हरियाणा सरकार ने किसानों को गिरफ्तार किया है। धरपकड़ अभी जारी है। हमारा शांतिमय और लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रहेगा।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगेंद्र यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब सरकार को स्थिति संभालने का रास्त नहीं सूझ रहा है तो वह किसान और किसान नेताओं को गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 26 नवंबर को सरकार उन्हें भी गिरफ्तार करवा सकती है।
किसान विरोधी तीन कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेताओं को हरियाणा भर में हिरासत में लिए जाने के सम्बंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस देखें लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस गुरुग्राम हरियाणा से https://t.co/TkPM017LBJ
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) November 24, 2020
उन्होंने आगे कहा, "जो लोग अधिकार मांग रहे हैं उन्हें पकड़ा जा रहा है। 50 दिन हो गए हैं पूरे पंजाब में आंदोलन चलते हुए। सरकार ने सोचा था यह पंजाब में सीमित रह जाएगा लेकिन बाहर भी हुआ। तमिलनाडु और कर्नाटक से भी प्रोटेस्ट की खबर आई। जब हमने केवल चार घंटे के लिए सड़क बंद कर दिया था उस दिन लगभग 10 हजार लोगों ने प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया। अब सरकार घबराई हुई है। अब उन्हें लगता है कि किसान हरियाणा के रास्ते आएंगे। जब पंजाब में कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो उस चीज को हरियाणा में तोड़ने की कोशिश की जा रही है।"
"डरी हुई सरकार डराने की कोशिश कर रही है। सरकार घबराई है, बौखलाई है और अब लगता है कि लाठी चलाओ और इ्हें अंदर कर दो। किसान तो उठ ही नहीं सकते। मैं आपको कहना चाहता हूं कि 26 तारीख का कार्यक्रम है और रहेगा। चाहे किसी को भी अंदर कर दिया जाए। हो सकता है हमें भी गिरफ्तार कर लिया जाए लेकिन कार्यक्रम होगा। जितना दबाने की कोशिश होगी उतना ही कार्यक्रम उठेगा।" योगेंद्र यादव आगे कहते हैं।
हरियाणा में ट्रैवल एडवाइजरी जारी
हरियाणा सरकार ने यात्रियों की सुविधा के लिए एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि 25 और 26 नवंबर को सड़क द्वारा पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने वाले स्थानों तथा 26 और 27 नवंबर को हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने वाले स्थानों पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
Travel Advisory by Haryana Police for 25-27 Nov, 2020 in view of planned farmers "Delhi Chalo" call. pic.twitter.com/pkmgwsALSL
— Navdeep Virk IPS (@nsvirk) November 24, 2020
हरियाणा पुलिस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि विभिन्न किसान संगठनों ने 26 और 27 नवंबर को 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया गया है। उसके मद्देनजर राज्य में नागरिक और पुलिस प्रशासन ने कानून व्यवस्था, यातायात और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इन प्रबंधों का उद्देश्य प्रदेश में कानून और व्यवस्था बनाए रखना, किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने और सार्वजनिक शांति बनाए रखने, यातायात और सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के कामकाज को सुविधाजनक सुनिश्चित करना है।
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