Live: कंटीले तार बिछाये, पानी की बौछार की, बैरिकेड्स लगाये, लेकिन किसान दिल्ली की ओर बढ़े आ रहे हैं

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली निकले किसानों को रोकने के लिए सरकारें हर तरह से प्रयास कर रही हैं। कहीं उन्हें बेरिकेड्स लगाकर रोका जा रहा तो कहीं पानी की बौछारों से, लेकिन किसानों का कारवां दिल्ली की ओर बढ़ता जा रहा है।

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पंजाब/हरियाणा/नई दिल्ली। सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर, बॉर्डर पर कंटीले तार, किसानों को रोकने के लिए मजबूत बैरिकेटिंग जिसके पीछे खड़े सैकड़ों पुलिसकर्मी... बुधवार 25 नवंबर को हरियाणा-पंजाब सीमा पर कई जगह ऐसे नजारे दिखे।

अपना हक मांगने के लिए दिल्ली की तरह बढ़ रहे किसानों ने पीछे हटने से इंकार किया तो आगे बढ़ते किसानों को रोकने के लिए हरियाणा कुरुक्षेत्र में देर शाम पानी की बौछार की गई। इससे पहले अंबाला में भी वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया।

देश में लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर देश के कई राज्यों के किसानों ने निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली कूच किया है। देश के करीब 500 अलग-अलग संगठनों ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चे का गठन किया है, जिसके नेतृत्व में किसानों ने 26 और 27 नवंबर को दिल्ली कूच कर रहे हैं।

पंजाब के किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने 26 और 27 नवंबर को सीमा करने का आदेश दे दिये हैं। बुधवार 25 नवंबर को हरियाणा के अंबाला और कुरुक्षेत्र में किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया।

अंबाला में दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को हटाने और रोकने के लिए पुलिस ने चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे को सील कर दिया और हाईवे पर इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए उन पर वाटर कैनन से पानी की बौछार भी की गई। इसी तहर कुरुक्षेत्र में भी शाम को किसानों पर पानी की बौछार की गयी।

कड़ाके की ठंड में भीगने के बाद भी किसानों के कदम रुके नहीं हैं। वे दिल्ली की ओर बढ़ते जा रहे हैं। बड़ी संख्या में किसान कुरुक्षेत्र के रास्ते करनाल की तरफ दिल्ली जा रहे हैं। किसानों का एक दूसरा जत्था सोनीपत तक पहुंच चुका है। वहां से वे सुबह दिल्ली की ओर कूच करेंगे।

किसानों को रोकने के लिए हरियाणा के अंबाला पुलिस की व्यवस्था। (फोटो- गांव कनेक्शन)

उधर दिल्ली से सटे गुरुग्राम-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है। दिल्ली पुलिस पहले ही कह चुकी है कि किसानों को दिल्ली में घुसने नहीं दिया जायेगा।

दिल्ली की ही तरह हरियाणा सरकार ने भी किसानों को प्रदेश में इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी है। पिछले दो दिनों से, हरियाणा पुलिस अंबाला, भिवानी, करनाल, बहादुरगढ़, झज्जर और सोनीपत में जगह-जगह बेरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने में लगी है। अम्बाला, हिसार, रेवाड़ी और पलवल में भी पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने की व्यवस्था की गयी है।

अंबाला में किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर आगे निकल गये। इस पर अंबाला एसपी राजेश कलिया ने बुधवार देर शाम स्थानीय पत्रकारों को बताया कि पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज करेगी। धारा 144 का उल्लघंन, पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने और जाम लगाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज किये जाएंगे। पुलिस का आरोप है कि रोक रहे पुलिसकर्मियों पर किसानों ने ट्रैक्टर चला दिया, जिससे कुछ पुलिसवालों को गंभीर चोटें आई है।

जगह-जगह किसान नेताओं की गिरफ्तारी

संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार पंजाब से 20,000 ट्रैक्टर ट्रॉलियों का काफिला दिल्ली की तरफ निकल चुका है। किसानों को रोकने के लिए पुलिस अलग अलग राज्यों में किसानों को गिरफ्तार कर रही है। हरियाणा में 100 से अधिक किसान प्रतिनिधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है एवं अन्य किसान नेताओं के घर छापेमारी की जा रही है।

दक्षिण भारत के कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में 500 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए मध्य प्रदेश में प्रशासन में ट्रेन रद्द करवा दी है। प्रमुख किसान नेताओं ऋषिपाल अम्बावता एवं पी. अयाकन्नू को प्रशासन ने घर में ही नज़रबंद कर दिया है। किसान 26 नवंबर को सुबह 11 बजे दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे।

अरविंद शुक्ला, दया सागर, संदीप सिंह और अमित पांडेय की रिपोर्ट

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