दिल्ली में धुंध को लेकर एनजीटी सख्त, तत्काल निर्माण कार्य रोकने का दिया आदेश
गाँव कनेक्शन 9 Nov 2017 1:04 PM GMT
लखनऊ। देश की राजधानी दिल्ली में धुंध के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गुरुवार सुबह प्रदूषण को लेकर सुनवाई शुरू कर दी है। सुनवाई में NGT ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और पड़ोसी राज्यों को कड़ी फटकार लगाते हुए बड़ा आदेश जारी किया है। एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर में तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्य रोकने का आदेश दिया है।
#AirPollution matter: "All the constitutional authorities and statutory bodies measurably failed to perform their duties. So far pollution is the concern, it is a joint responsibility of all the stakeholders" said NGT.
— ANI (@ANI) November 9, 2017
#AirPollution matter: "All the constitutional authorities and statutory bodies measurably failed to perform their duties. So far pollution is the concern, it is a joint responsibility of all the stakeholders" said NGT.
— ANI (@ANI) November 9, 2017
#AirPollution matter: NGT has asked Delhi Government on the steps taken to curtail pollution, the number of challans issued to violators and the number of construction sites where work has been stopped. NGT asked, why rain isn't artificially being triggered using helicopters
— ANI (@ANI) November 9, 2017
Industrial activities to not be carried on in Delhi, till the next hearing directs NGT. NGT also directed, all the public authorities should depute an officer to monitor the polluting activities
— ANI (@ANI) November 9, 2017
हालांकि इसके साथ ही साथ कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि निर्माण कार्य तो बंद होंगे लेकिन उन साइटों पर काम कर रहे मजदूरों को उनकी मजदूरी मिलती रहेगी। उनकी मजदूरी नहीं रोकी जाएगी।ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि आखिर आपने अब तक हेलिकॉप्टर से पानी का छिड़काव क्यों नहीं किया।
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एनजीटी ने पूछा कि आपने अब तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया। अब जब स्थिति इतनी खराब हो गई है तो आप कदम उठा रहे हैं।साथ ही एनजीटी ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों यूपी, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान को भी फटकार लगाई और इस मुद्दे को लेकर उनकी गंभीरता पर भी प्रश्न उठाए।
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ट्रिब्यूनल बोली हर वैधानिक संस्था व प्राधिकरण अपनी ड्यूटी निभाने में नाकाम रहे हैं। एनजीटी ने ये भी कहा कि संविधान के आर्टिकल 21 और 48 के अनुसार यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो पक्का करे कि लोगों को साफ और सुरक्षित पर्यावरण मिले। अगर लोगों को साफ पर्यावरण उपलब्ध नहीं कराया जा सकता तो उनसे जीवन जीने का अधिकार भी छीना जा रहा है।
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