कानूनी लड़ाई में फंसे धोनी, कोर्ट ने भेजा नोटिस

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कानूनी लड़ाई में फंसे धोनी, कोर्ट ने भेजा नोटिसमहेन्द्र सिंह धोनी

नई दिल्ली। क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की मुश्किल बढ़ गयी है। फिटनेस से जुड़े सामान बेचने वाली दो कंपनियों का विज्ञापन करने के मामले में हाई कोर्ट ने धोनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट ने ये नोटिस उस याचिका के बाद जारी किया है जिसमें कहा गया है कि धोनी को एफआईटी7 जिम और फिटनेस चेन का प्रचार करने से रोका जाए क्योंकि उनका पहले से ही स्पोर्ट्सफिट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड (SWPL) के साथ प्रचार करने का करार है। कोर्ट ने साथ ही स्पोर्ट्सफिट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड, इसके डायरेक्टरों और एफआईटी7 वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड से इस मामले में जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 सितंबर रखी है।

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धोनी के खिलाफ ये याचिक SWPL में 33 फीसदी शेयरों की हिस्सेदारी रखने वाले विकास अरोड़ा ने दायर की है और अपनी याचिका में कहा है कि SWPL के डायरेक्टरों ने धोनी द्वारा साफ तौर पर नियमों को तोड़ने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

SWPL में 22 करोड़ रुपए का निवेश करने वाले विकास अरोड़ा ने कहा है कि उन्होंने रिती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और रिती एमएसडी अलामोड प्राइवेट लिमिटेड के साथ मतभेदों के चलते इस कंपनी से अलग होने का फैसला किया है। रिती स्पोर्ट्स और रिती एमएसडी की SWPL में 65 फीसदी हिस्सेदारी है। विकास ने दावा कि करार के उल्लंघन के लिए उन्होंने धोनी के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में भी आपराधिक कार्यवाही शुरू की है।

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SWPL के एक डायरेक्टर संजय पाण्डेय ने कहा है कि विकास अरोड़ा ने बिल्कुल ही आधारहीन याचिका दायर की है जोकि और यहां तक कि हाई कोर्ट ने भी इस याचिक के औचित्य पर सवाल उठाया है। पाण्डेय ने कहा कि विकास ने ये याचिका ब्लैकमेलिंग और धोनी की छवि खराब करने के उद्देश्य से दायर की है।

उन्होंने कहा कि विकास ने ये याचिका उनके और उनके साथियों द्वारा SWPL में किए उल्लघंन, चूक और गैरकानूनी गतिविधियों के लिए उनके खिलाफ दायर की गई याचिका को वापस लेने के लिए दवाब बनाने की रणनीति के तहत की गई है।

         

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