नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने लोकसभा में उठी मांग

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने लोकसभा में उठी मांग

देश में केंद्र सरकार खेती-किसानी को बढ़ावा देने का पूरा प्रयास कर रही है। ऐसे में सरकार किसानों के लिए तमाम योजनाएं लेकर आ रही है। इसी बीच यूपी के फैजाबाद से सांसद लल्‍लू सिंह ने बुधवार को लोकसभा में नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग की।

सांसद लल्‍लू सिंह ने कहा कि यूपी आर्थिक, शैक्षिणिक और सामाजिक रुप से पिछड़ा है। यहां की ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था बहुत ही कमजोर है। नदी तालाबों की उपलब्‍धता और मृदा उर्वरता के कारण कृषि आधारित विकास की यहां पर आपार संभावनाएं हैं। अयोध्‍या जनपद में नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है। जब यह विश्‍वविद्यालय बना था उसके बाद वहां पर तमाम शोध हुए थे, नए नए कृषि के क्षेत्र में धान, गेंहू और फल के क्षेत्र में नए नए उत्‍पाद शोध के माध्‍यम से दिए गए थे। जिसके कारण पूरी दुनिया में इस संस्‍थान का सम्‍मान और मान बढ़ा।

इसे भी पढ़ें- नए जमाने का किसान, सोशल मीडिया के जरिए अपने उत्पाद बेचता है 9वीं पास ये किसान

उन्‍होंने कहा कि पिछले दो दशक से इस विश्‍वविद्यालय की हालत ब‍हुत ही खराब है। पूरा उत्‍तर प्रदेश जो कृषि पर ही आधारित है, यहां देश में सबसे ज्‍यादा दुग्‍ध का उत्‍पादन होता है लेकिन प्रति इकाई यहां कम है। अगर नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 में क‍िसान की आय दोगुना करने में यह सहायक होगा।

गौरतलब है कि इस विश्वविद्यालय में 180 से ज्यादा खाद्यान्न दलहन तिलहन सब्जी और फल आदि फसलों की प्रजातियों का विकास हुआ है। इस विश्‍वविद्यालय का मुख्‍य परिसर ही 400 एकड़ का है। यहीं नहीं यूपी के 26 जिलों में 2500 हेक्टेयर विश्वविद्यालय की अपनी भूमि उपलब्ध है।

वहीं 16 छात्रावास क्रीड़ा स्थल जिम्नेशियम जैसी व्यवस्थाएं भी इस विश्वविद्यालय में उपलब्ध है। अपनी स्थापना के शुरुआती काल में विश्वविद्यालय द्वारा शोधित धान, गेहूं, बेल, आंवला, केला, सरसों, मटर, टमाटर जैसे फल और सब्जियों के साथ साथ अनाजों की बेहतरीन प्रजातियां उपयोग के लिए लोकार्पित की गई थी।

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.