डेंगू फिर मार रहा है डंक, उत्तर प्रदेश में अब तक 90 मामले आए सामने, 2 की मौत
Mithilesh Dhar 7 July 2017 7:51 PM GMT
लखनऊ। डेंगू का नाम लेते ही पिछले वर्ष का खौफनाक मंजर सामने आता है, जब सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों तक में जगह नहीं थी, एक-एक बेड पर 2-3 तीन मरीज थे। आंकड़ों की माने तो इस बार हालात पिछली वर्ष से ज्यादा ख़राब हो सकते हैं। डेंगू से निपटने के लिए दिल्ली से लेकर लखनऊ तक में बैठकों का दौर जारी है। उत्तर प्रदेश में इस साल डेंगू ने समय से पहले दस्तक दे दी है। ऐसे में प्रदेश में बैठकों का दौर शुरू हो गया है।
एक जनवरी से 6 जुलाई 2017 के बीच प्रदेश में इस साल कुल 90 डेंगू के मामले सामने आए। सबसे ज्यादा मामले जून महीने के हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल इस अवधि में एक भी मामला सामने नहीं आया था। जबकि पिछले वर्ष डेंगू ने सैकड़ों लोगों की जान ली थी। करोड़ों रुपए लोगों ने डॉक्टरों को सौंप दिए थे, इस बार हालात को देखते हुए दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री देशभर के हालातों पर इसी हफ्ते एक बैठक कर चुके हैं, जबकि यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ने आज अधिकारियों के पेंच कसे।
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मरीजों की सुविधा के लिये प्रदेश के प्रत्येक जिला चिकित्सालय में डेंगू के 10 बेड व CHC पर 5 बेड की अलग से व्यवस्था की गई है। @BJP4UP @UPGovt
— Sidharth Nath Singh (@HealthMinUP_SNS) July 7, 2017
Departmental meeting at secretariat to control & manage Dengue & other vector diseases in the state. @CMOfficeUP @UPGovt @BJP4UP pic.twitter.com/JrNX4ufH02
— Sidharth Nath Singh (@sidharthnsingh) July 7, 2017
लखनऊ में बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी कि डेंगू को लेकर विभाग तैयार है। साथ ही प्रदेश के सभी जिलों के जिला चिकित्सालयों में मरीजों की सुविधा के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिला चिकित्सालय में डेंगू के 10 बेड व सीएचसी पर 5 बेड की अलग से व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में अभी डेंगू के जो मामले सामने आए हैं उस सूची में लखनऊ सबसे ऊपर है। इस मामले में डॉ सुनील कुमार रावत, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि लखनऊ में अब तक 16 मामले सामने आए हैं। जबकि महाराजगंज और सीतापुर में एक-एक मौत भी हो चुकी है। पिछले साल सितंबर में सबसे ज्यादा डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। तब पूरे प्रदेश से कुल 3000 मामले सामने आए थे। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग को जवाब तलब भी किया था। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल शुरुआती 6 महीनों में कोई मामले सामने नहीं आए थे। लखनऊ में 5 जुलाई को डेंगू के तीन नए केस सामने आए थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस छिटपुट मामला बताया।
डेंगू से निपटने की तैयारियों के बारे में लखनऊ जिले माल ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रके अधीक्षक डॉ वाईके सिंह ने बताया, “स्वास्थ्य केंद्र पर पांच बेड का अलग वार्ड गठित कर दिया गया है। इन बेड पर मच्छरदानी लगी हुई है| अभी तक सभी मरीज यहां आ रहे हैं। जैसे ही किसी मरीज मेंडेंगू की पुष्टि होगी उस दिन से पूरा वार्ड अलग कर दिया जायेगा।"
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लखनऊ में इस साल अब तक कुल 16 मामले सामने आए हैं। पिछले साल के मामले के बारे में इसलिए कुछ नहीं कह सकता क्योंकि तब मामलों को नाटिफाई नहीं किया जा रहा था। हम प्रतिदिन जांच कर रहे हैं।डॉ सुनील कुमार रावत, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी
आंकड़े बताते हैं कि स्वास्थ्य महकमे को अभी भी जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है। प्रदेश की राजधानी के अलावा इलाहाबाद, कानुपर नगर और हरदोई में सात-सात मामले सामने आ चुके हैं। सीतापुर में 6, लखीमपुर में 5, बाराबंकी, सिद्धार्थनगर और सुल्तानपुर में तीन-तीन मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश में पिछले साल डेंगू के कुल 3000 मामले सामने आए थे। लखनऊ में ये संख्या 350 के आसपास थी।
घरों में पानी जमा होने पर कार्रवाई की बात
डेंगू से बचाव के लिए कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने कहा था कि अगर लोगों के घरों में पानी भरा मिला तो उसपर जुर्माना और एफआईआर हो सकता है। जांच के लिए एक टीम गठित गई है। टीम में एक महिला होगी, नगर पालिका के हवलदार और सफाई कर्मचारी भी होगा जो कि सफाई पर ध्यान देगा। ये लोग घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे और साफ पानी भी जम न होने देने की हिदायत देंगे। नगर पालिका 10 दिन फिर चेक करेगी, पानी दोबारा भरा पाया जाता है तो पहले नोटिस दी जाएगी, अगर पहले जैसी स्थित फिर पाई गई तो उस पर 5000 रुपए का जुर्माना लगेगा। जुर्माना न भरने की स्थित में जनमानस को हानि पंहुचाने के एफआईआर भी दर्ज करवा दी जाएगी।
दिल्ली में मई तक 40 मामले
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार मई तक डेंगू के कुल 40 डेंगू मामले सामने आए थे। एसडीएमसी नगर निकायों की ओर से आंकड़े एकत्र करता है। वर्ष 2016 में डेंगू के 4431 मामले सामने आए थे। इस दौरान चिकनगुनिया के कम से कम 96 मामले सामने आए।
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