देवरिया कांड : पंद्रह नोटिस के बाद भी क्यूं नहीं बंद हुआ बालिका गृह?
एक साल पहले ही मान्यता हो चुकी थी रद्द, विभाग ने बंद कर दी थी ग्रांट, निदेशालय से जारी हर पत्र का जिला प्रशासन देता रहा जवाब, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
Manish Mishra 7 Aug 2018 6:34 AM GMT
लखनऊ। एक साल पहले मान्यता रद्द करने के बाद भी अवैध तरीके से बालिका आश्रय गृह को चलाया जा रहा था। विभाग ने संस्था में रह रही लड़कियों को देवरिया से गोरखपुर भेजने के साथ ही इसको जारी होने वाली धनराशि भी रोक दी थी।
अनियमितताओं के चलते महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने 13 जून, 2017 को मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान कुर्मी टोला, स्टेशन रोड देवरिया की मान्यता स्थगित कर दी गई थी। गाँव कनेक्शन के पास मौजूद दस्तावेज के अनुसार विभाग ने 15 बार देवरिया की इस बालिका गृह पर कार्रवाई के लिए नोटिस भेजा, लेकिन जिला प्रसाशन के कान में जूं तक नहीं रेंगी।
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संस्था की मान्यता रद्द होने के बाद डीएम, निदेशालय, सीडीपीओ और डीपीओ ने एक दूसरे को पत्र भेज कर कार्रवाई से अवगत कराते रहे। लेकिन देवरिया के बालिका गृह में अवैध गतिविधियां संचालित होती रहीं।
उधर, पत्रकारों से बात करते हुए महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
लाचार जिला प्रशासन नहीं घुस पाया देवरिया के बालिका गृह में
देवरिया के तत्कालीन जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने फोन से उच्च अधिकारियों को जानकारी दी कि कई बार बालिका गृह में प्रवेश प्रयास हुए, लेकिन असफल रहे। आखिर में 30 जुलाई को एफआईआर दर्ज कराई गई।
इतने पत्रों को भेजने के बाद भी जिला प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई
- 13 जून, 2017 को मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान, देवरिया की मान्याता रद्द।
- 23 जून, 2017 संस्था में रह रही 28 संवासिनियों को राजकीय महिला शरणालय गोरखपुर भेजने के आदेश देते हुए, जानी होने वाले पैसे को रोकने के आदेश दिए गए।
- 03 जुलाई, 2017 : फिर से जिला प्रशासन को पत्र भेजा गया।
- 17 जुलाई, 2017 : मान्यता स्थगित करने के लिए फिर से पत्र भेजा।
- 31 अक्टूबर, 2017 : आदेशों की जानबूझकर अवहेलना बताते हुए डीएम देवरिया को पत्र भेजा गया की संवासिनियों को तत्काल स्थानांतरित किया जाए। उस समय इस संस्था में 28 संवासिनियां थीं।
- 28 जून, 2018 : फिर डीएम गोरखपुर को पत्र भेज कर बच्चों को तत्काल गोरखपुर भेजने को कहा गया।
- 03 अगस्त, 2018: समाज कल्याण आयुक्त ने सभी नारी शरणालय, बालगृह और बालिका गृह के निरीक्षण के लिए पत्र जारी किया। महिला कल्याण विभाग ने भी विस्तृत आदेश जारी किया।
It was either negligence or connivance, it will be decided when the reports come in. CM is monitoring this. He is very firm that those responsible will not be spared: Rita Bahuguna Joshi, UP Women & Child Welfare Minister on #DeoriaShelterHomeCase pic.twitter.com/0j6SyLhrtv
— ANI UP (@ANINewsUP) August 7, 2018
पुरानी सरकार के दौरान कई संस्थाओं को इफरात में पैसा बांटा गया। लेकिन वित्तीय अनियमितता को लेकर हो रही सीबीआई जांच में कई संस्थाओं की मान्यता रद्द की गई थी। उसमें देवरिया के इस बालिका गृह की भी मान्यता रद्द की गई थी। इस वैधानिक प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी की गईं, जब संचालकों ने नहीं माना तो एफआईआर दर्ज हुई। पूरे मामले के निष्पक्ष जांच के आदेश हुए हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
शलभमणि त्रिपाठी, प्रवक्ता, भाजपा
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