आदिवासी महिला अन्नपूर्णा ने गहने गिरवी रखकर बनवाया शौचालय

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
आदिवासी महिला अन्नपूर्णा ने गहने गिरवी रखकर बनवाया शौचालयअन्नपूर्णा बाई

देवास (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश के अलग-अलग हिस्सों से स्वच्छ भारत अभियान को व्यापक समर्थन मिल रहा है। मध्य प्रदेश के देवास जिले की आदिवासी महिला अन्नपूर्णा बाई के दिल व दिमाग पर इस अभियान का संदेश कुछ ऐसा बैठा कि उन्होंने अपने गहने गिरवी रखकर शौचालय बनवा डाला। इतना ही नहीं वह गांव के अन्य परिवारों को भी शौचालय बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

देवास जिले की दूरस्थ पंचायत बरोली व उसका भील आदिवासी बाहुल्य गांव अमोदिया की आबादी 630 लोगों की है। इस गाँव में अन्नपूर्णा बाई नाम की भील आदिवासी महिला अपने परिवार के साथ रहती है, उसके चार बच्चे हैं, जिनमें दो बेटी और दो बेटे हैं। अन्नापूर्णा के पति मजदूरी करते हैं।

ये भी पढ़ें - 17 वर्षीय मानसी स्वच्छ भारत अभियान को दे रही नई उड़ान

अन्नपूर्णा बाई बताती हैं कि उन्हें खुले में शौच जाना अच्छा नहीं लगता था। उसने शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली राशि का भी इंतजार नहीं किया और अपनी लज्जा तथा परिवार की सुरक्षा के लिए अपने गहनों को गिरवी रख उससे मिले पैसे से शौचालय का निर्माण कराया।

ये भी पढ़ें - स्वच्छ भारत अभियान को इस गाँव के युवा दे रहे रफ्तार

अन्नपूर्णा को देखकर गाँव के अन्य परिवार भी अब शौचालय का निर्माण करा रहे हैं। वहीं, इसी गांव की कालीबाई (65 वर्ष) का कहना है कि उन्होंने भी अपने घर में शौचालय का निर्माण कराया है ताकि बहू-बेटियों का सम्मान बना रहे। अन्नपूर्णा बाई एवं कालीबाई की प्रेरणा से ही मनीबाई एवं मीराबाई ने जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी की मौजूदगी में शौचालय निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। अब गाँव में निगरानी समिति का गठन कर लिया गया है। यह समिति सुबह उठकर स्वच्छता का संदेश देगी और अपने गाँव के लोगों को खुले में शौच से मुक्त करने की प्रतिज्ञा दिलवाएगी।

ये भी पढ़ें -

स्वच्छ भारत मिशन : साइकिल चलाकर देश में शहर-शहर जाकर स्वच्छता का संदेश दे रहे जयदेव

स्वच्छ भारत अभियान: कहीं शादी के लिए शौचालय जरुरी तो कहीं बहनों को रक्षाबंधन पर गिफ्ट में मिलेगा शौचालय

         

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.