धोनी के आधार कार्ड की जानकारी साझा करने वाली एजेंसी 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
धोनी के आधार कार्ड की जानकारी साझा करने वाली एजेंसी 10 साल के लिए ब्लैकलिस्टभारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी।

नई दिल्ली (भाषा)। क्रिकेटर एम एस धोनी के आधार कार्ड के विवरण के सार्वजनिक होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने उस संस्था को 10 साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया है जिसने क्रिकेटर का कार्ड बनाया था। यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने बताया, ‘‘हमनें एमएस धोनी की जानकारी लेने वाली वीएलई (ग्राम स्तरीय उद्यमी) को उस आधार रसीद लीक को करने पर ब्लैक लिस्ट कर दिया है जिसमें उनकी निजी जानकारी थी।

ये भी पढ़ें- धोनी के आधार कार्ड की जानकारी ट्विटर पर साझा होने से साक्षी बुरी तरह नाराज, रवि शंकर का कार्रवाई करने का वादा

यूआईडीएआई में हम निजता के मामले में बेहद सख्त हैं। हमने इस मामले में आगे जांच के आदेश दिए हैं और जानकारी को लीक करने में जो भी शामिल होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'' उन्होंने कहा कि उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी जो सरकारी सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए रसीद की तस्वीर ट्वीट करने में शामिल थे। यूआईडीएआई ने यह कार्रवाई धोनी की पत्नी साक्षी द्वारा यह मामला उठाने और कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से शिकायत के बाद की। प्रसाद ने इस मामले में कार्रवाई का भरोसा दिया था।

देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

एजेंसी के कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ने मंगलवार को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘‘क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और उनके परिवार ने वीएलई मारिया फारुकी के सीएसई रांची, झारखंड के केंद्र से अपना आधार कार्ड अपडेट कराया।'' इस ट्वीट में प्रसाद को भी टैग किया गया था। ट्वीट में सीएसई प्रतिनिधि के साथ क्रिकेटर का एक फोटो भी शेयर किया गया था। यही नहीं, एक अन्य तस्वीर में क्रिकेटर की निजी जानकारियां भी थीं।

बाद में इस ट्वीट को हटा लिया गया। धोनी की पत्नी साक्षी ने इस बारे में ट्वीट किया था, ‘‘क्या कुछ निजता बची हुई है? आधार कार्ड की जानकारी और आवेदन समेत सबको सार्वजनिक संपत्ति बना दिया गया है।'' मंत्री ने साक्षी को इस मुद्दे को संज्ञान में लाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘‘निजी जानकारी साझा करना गैरकानूनी है। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।''

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

              

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.