खिचड़ी के अलग-अलग रूप, मगर हर दिल पसंद

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खिचड़ी के अलग-अलग रूप, मगर हर दिल पसंद

लखनऊ। चावल, दाल और कई सब्जियों से मिलकर तैयार होने वाली 'खिचड़ी', भारत के सभी प्रसिद्ध पकवानों से अलग ख्याति प्राप्त है और अब इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है। मगर आप जानकर हैरान होंगे कि देशभर में खिचड़ी के अलग-अलग रूप हैं, चलिए आपको बताते हैं कि खिचड़ी से जुड़ी कई रोचक बातें…

खिचड़ी एक, मगर नाम कई

अपने देश में खिचड़ी भले ही एक भोजन है, मगर अलग-अलग राज्यों में कई नामों से जानी जाती है। इनमें खिचड़ी को खिचरी, खिचाड़ी, खीचेड़ी, कीसुरी, बिसिलेले भात, असुर खिचड़ी, खितचड़ी, खेचिड़ी और वेन पोंगल के नाम से प्रसिद्ध है।

खिचड़ी मेला काफी प्रसिद्ध

गोरखपुर के खिचड़ी मेले का प्रबंध देख रहे लेखाधिकारी शिवशंकर उपाध्याय बताते हैं, "खिचड़ी मेले के लिए बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है। अब तक करीब 90 प्रतिशत से ज्यादा स्टॉल भी बुक हो चुके हैं। गोरखपुर का खिचड़ी मेला काफी प्रसिद्ध है, यही कारण है कि कई राज्यों से यहां लोग आते हैं।"

वैदिक साहित्य में भी खिचड़ी का जिक्र

फूड ब्लॉग की एक रिपोर्ट के अनुसार, खिचड़ी का जिक्र वैदिक साहित्य में भी देखा गया है। दूध और दही से पकने वाले इस भोजन को 'क्रूसन्ना' नाम दिया गया। सिर्फ इतना ही नहीं, मुगल शासक अकबर के समय में भी खिचड़ी ख्याति प्राप्त थी। अकबर के आईने-अकबरी में कई जगहों पर खिचड़ी का उल्लेख मिलता है।

भगवान को चढ़ाते हैं खिचड़ी

भारत में भगवान को भी श्रद्धालु खिचड़ी का भोग लगाते हैं। 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर उत्तर प्रदेश में लोग मंदिरों में चावल, दाल का दान करते हैं। इस दिन हर घर में खिचड़ी बनाई जाती है। दूसरी ओर तमिलनाडु में पोंगल मनाया जाता है, करीब एक हजार पुराने इस त्योहार में खिचड़ी ही परोसी जाती है। वहीं, पश्चिम बंगाल की बात करें तो दुर्गा पूजा और काली पूजा में बंगाल समाज के लोग देवी को बिना प्याज और लहसुन वाली खिचड़ी भोग स्वरूप चढ़ाते हैं।

अलग-अलग राज्यों में पकाने के तरीके भी अलग-अलग

न्यूज रिपोटर्स के अनुसार, जैसे खिचड़ी अपने देश में कई नामों से जानी जाती है, वैसे हर राज्य में खिचड़ी बनाने के तरीके भी अलग-अलग है। उत्तर प्रदेश में चावल, टूटा काला उड़द की खिचड़ी ज्यादा पकाई जाती है तो बिहार में चावल, मूंग दाल, हरे मटर और फूलगोभी की।

असुर खिचड़ी के नाम से छत्तीसगढ़ में मशहूर इस खिचड़ी को महुआ के आटे से पकाया जाता है। इसी तरह पश्चिम बंगाल में चावल, मूंग दाल, हरा मटर, आलू, फूलगोभी, इलायची और तेज पत्ता से खिचड़ी पकाई जाती है। इसी तरह केरल में चावल, मूंग दाल, घी के साथ-साथ नारियल और ड्राई फ्रूटस का उपयोग किया जाता है।

सेहत के लिए फायदेमंद खिचड़ी

खिचड़ी लोगों की स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है। ऐसा इसलिए क्योंकि खिचड़ी में बहुत ही कम मात्रा में कैलोरी होती है। हालांकि देश में तरह-तरह की खिचड़ी पकाई जाती हैं। मगर प्रमुख खिचड़ियों में शामिल मूंग दाल खिचड़ी में सिर्फ 355 कैलोरी, सब्जी वाली खिचड़ी में 345 कैलोरी और बाजरा खिचड़ी में 427 कैलोरी होती है।


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