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कोरोना महामारी के बीच बढ़ी आम लोगों की मुश्किल, अरहर दाल, खाने का तेल, फल सब्जी, सब हुआ महंगा

कोरोना काल में खाद्य वस्तुओं की बढ़ी कीमतों ने आम लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है। खाद्य तेल, दाल, फल, सब्जी, सब महंगा हो गया है।
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कोरोना महामारी के बीच खाद्य तेल, अरहर दाल, फल और सब्जियों की बढ़ी कीमत ने आम लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है। अप्रैल में 115-120 रुपए प्रति किलो में बिकने वाले सरसों तेल की कीमत इस समय 150 से 170 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है। इसी तरह अरहर की दाल भी इस दौरान 15 से 25 रुपए महंगी हुई है।

उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहने सौरभ कुमार वहां की एक निजी कम्पनी में काम करते हैं। वे गांव कनेक्शन को फोन पर बताते हैं, “3 या 4 अप्रैल को दो लीटर सरसों का तेल लिया है। तब मुझे 115 रुपए लीटर के हिसाब से तेल मिला था। इस महीने की 8 तारीख को वही तेल 155 रुपए लीटर में खरीदा, जबकि पैकेट में पुराना रेट ही लिखा है। मैंने दुकानदार से कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि हमें खुद इसी रेट में मिला है। 100 रुपए किलो वाली अरहर की दाल की कीमत 120 रुपए किलो हो गई है।”

नोएडा से 850 किलोमीटर उत्तर प्रदेश वाराणसी के नदेसर में रहने वाले आनंद विश्वकर्मा भी सौरभ की बातों की दोहराते हुए कहते हैं, “सरसों तेल का दाम 50-60 रुपए प्रति लीटर बढ़ गया है। दालों की कीमत बढ़ गई है। दुकानदारों से पूछो तो कहते हैं सबने स्टॉक जमा कर लिया है, महंगा दे रहे हैं तो हम महंगा ही बेचेंगे।”

10 अप्रैल को खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमत। (साभार-उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय)

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद रिपोर्ट भी बताती है है कि पिछले एक महीने में सरसों, सोयाबीन, वनस्पति, सूरजमुखी और पाम ऑयल और अरहर (तूर) दाल की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है। 

रिपोर्ट के अनुसार देश की राजधानी नई दिल्ली में 10 अप्रैल को अरहर दाल की खुदरा कीमत 107 रुपए प्रति किलो थी, 10 मई को यही कीमत 115 रुपए प्रति किलो हो गई। बिहार की राजधानी पटना में 10 अप्रैल को दाल की खुदरा कीमत 105 रुपए प्रति किलो थी जो 10 मई को बढ़कर 115 रुपए प्रति किलो हो गई।

अब तेलों की बात करें तो देश की राजधानी नई दिल्ली में 10 अप्रैल को सरसों तेल की खुदरा कीमत 149 रुपए प्रति लीटर थी जो 10 मई को बढ़कर 165 रुपए प्रति लीटर पहुंच गई। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इस अवधि में सरसों तेल की कीमत 128 से 143 रुपए प्रति लीटर पहुंच गई।

10 मई को खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमत। (साभार-उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय)

10 अप्रैल से 10 मई के बीच सोयाबीन तेल की खुदरा कीमत 15 से 20 रुपए, वनस्पति की कीमत 10 से 15 रुपए, सूरजमुखी की की कीमत १० से 20 रुपए और पाम ऑयल की कीमत 5 से 10 रुपए प्रति लीटर बढ़ी है। 

नोएडा में होशियारपुर मार्केट में किराना का व्यापर करने वाले उमेश चंद ने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया, “पिछले एक महीने में दलहन और तिलहन की थोक कीमत में 10 से 50 रुपए किलो/प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। सरसों तेल और रिफाइंड 40 से 60 रुपए प्रति लीटर तक महंगे हुए हैं। यही हाल दालों का भी है। खुदरा बाजार में दाल की कीमत में भी 40 से 50 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हुई है।”

कीमत बढ़ क्यों रही है? इस सवाल के जवाब में वे बताते हैं, “बड़ी कंपनियों ने ही कीमत में बढ़ोतरी की है। लोकल बाजारों में कुछ बड़े व्यापारियों ने लॉकडाउन को देखते हुए स्टॉक जमा कर लिया है। कीमत इस वजह से भी बढ़ी है।”

फल और सब्जियों की कीमत भी बढ़ी

पेट्रोल, डीजल, दाल और खाद्य तेलों के अलावा सब्जी और फलों की कीमत भी बढ़ गई है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में फल और सब्जी का कारोबार करने वाले व्यापारी राजेश कुमार कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि बस कीमतें ही बढ़ी हैं। आवक भी कम हुई है। 

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वे गांव कनेक्शन को बताते हैं, “जो फुटकर विक्रेता हमसे प्रतिदिन 40 किलो सब्जी ले जाता था, वह 20 किलो ही ले जा रहा है। हम जो सब्जी मंगा रहे हैं, वह बिक ही नहीं पा रहा। लॉकडाउन की वजह से बिक्री आधी हो गयी है। ऐसे में फुटकर विक्रेताओं ने कीमत बढ़ा दी है।” 

सब्जी की कीमत पर वे कहते हैं कि जिस भिंडी की थोक कीमत पिछले महीने 10 से 15 रुपए किलो थी, वह इस समय 20 30 रुपए प्रति किलो हो गई है। टमाटर की कीमत भी 2-5 रुपए प्रति किलो बढ़ी है। टमाटर अब 8 से 10 रुपए किलो में बिक रहा है। लौकी, मिर्ची, हर हरी सब्जियों की कीमत बढ़ी है। इसी तरह फलों की कीमत भी 20 से 40 फीसदी बढ़ गयी है। कई राज्यों में लॉकडाउन है जिस कारण पर्याप्त माल मंडी तक पहुंच ही नहीं पा रहा।

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