आरटीआई में खुलासा, दो विदेशी कंपनियों के पास है आपके आधार कार्ड का पूरा डाटा

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आरटीआई में खुलासा, दो विदेशी कंपनियों के पास है आपके आधार कार्ड का पूरा डाटाप्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जहां हाल ही में आधार कार्ड के मामले में चल रहे निजता के अधिकार को नागरिकों का मौलिक अधिकार माना है वहीं केंद्र के दावों से उलट ये बात सामने आई है कि आधार डाटा के संरक्षक यूआईडीएआई द्वारा विदेशी कंपनी के कॉनट्रैक्ट में व्यक्तिगत जानकारी पर पूरी आजादी है। इस जानकारी में फिंगरप्रिंट, आईरिस की जानकारी और निजी जानकारी जैसे जन्मतिथि, पता व फोन नंबर भी शामिल है। यही नहीं, उन्हें इस डेटा को 7 साल तक रखने की आजादी भी है।

इस बात का खुलासा बेंगलुरु के कर्नल मैथ्यू थॉमस द्वारा दायर की गई आरटीआई के ज़रिए से हुआ, जो हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में सुनाई जाने वाली गोपनीयता मामले के अधिकार में याचिकाकर्ताओं में से एक हैं। आरटीआई के जवाब में यह कहा गया कि अनुबंधों की प्रकृति ने यूआईडीएआई के बयान का खंडन किया है, कोई भी निजी संस्था का बिना किसी एन्क्रिप्टेड आधार डेटा तक पहुंच हो सकती है।

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आरटीआई के जवाब से पता चला है कि इस कॉन्ट्रैक्ट में यूआईडीएआई द्वारा दिए गए बयानों का खंडन हुआ है, जिसमे उसने कहा था कि कोई भी निजी कंपनी आधार के डाटा तक नहीं पहुंच सकती। अमेरिका की बायोमेट्रिक सर्विस प्रोवाइडर (बीएसपी) कंपनी, एल -1 आईडेंटिटी सॉल्यूशंस ऑपरेटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के साथ हुए कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक इस कंपनी के पास आधार डाटा का एक्सेस है. मार्फो और एक्सेंचर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड दो अन्य फर्म हैं, जिनके पास 2010-2012 तक कॉन्ट्रैक्ट के तहत आधार डेटा एक्सेस था।

बता दें कि आधार कार्ड पर सुनवाई के दौरान प्राइवेसी मामला उठा और आधार कार्ड से प्राइवेसी खत्म होने की दलील दी गई। याचिकाकर्ता की दलील है कि बायोमैट्रिक जानकारी लेना प्राइवेसी के खिलाफ है। वहीं, रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि आधार से जुड़ा डाटा पूरी तरह सुरक्षित है।

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बीबीसी में छपी एक ख़बर के मुताबिक, इस पर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया है। लेकिन आधार एक्ट वैध है या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों आधार का डाटा लीक के मामले भी सामने आए थे। 13.5 करोड़ भारतीयों का आधार डाटा लीक हुआ है। 10 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट नंबर लीक हुए हैं।

राज्यसभा सांसद और उद्योगपति राजीव चंद्रशेखर का मानना है कि प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दूरगामी असर पड़ेगा। आधार एक्ट के साथ प्रस्तावित डाटा कानून पर भी इसका असर पड़ेगा। उधर कांग्रेस ने प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए सरकार के लिए करारा तमाचा बताया है।

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