विशेष : दीपावली का त्यौहार एक, दंत कथाएं अनेक
हर कहानी के पीछे कोई न कोई बड़ी उपलब्धि भी बताई जाती है। आज हम आपको दीपावली के मौके पर ऐसी ही छह कहानियों के बारे में बताने जा रहे है।
गाँव कनेक्शन 6 Nov 2018 8:28 AM GMT
लखनऊ। होली, दीपावली, रक्षाबंधन आदि कई ऐसे भारतीय त्यौहार है जिनकी विश्व में एक अलग पहचान है। इन त्योहारों को लोग बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाते है। इन सभी त्योहारों की अपनी एक अलग अलग दंत कथाये है। प्रायः हर कहानी के पीछे कोई न कोई बड़ी उपलब्धि भी बताई जाती है। आज हम आपको दीपावली के मौके पर ऐसी ही छह कहानियों के बारे में बताने जा रहे है।
पहली कहानी वो कहानी और कारण है जो लगभग सभी भारतीय को पता है। दीपावली श्री राम जी के वनवास से लौटने की ख़ुशी में मनाते हैं। मंथरा के गलत विचारों से पीड़ित हो कर भरत की माता कैकई श्री राम को उनके पिता दशरथ से वनवास भेजने के लिए वचनवद्ध कर देती हैं। ऐसे में श्री राम अपने पिता के आदेश को सम्मान मानते हुए माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल पड़ते हैं। वहीँ वन में रावण माता सीता को छल से अपहरण कर लेता है।
ये भी पढ़ें- दिवाली विशेष- राणा लखनवी की क़लम से निकली उर्दू रामायण
तब श्री राम सुग्रीव के वानर सेना और प्रभु हनुमान के साथ मिल कर रावण की सेना को परास्त करते हैं और श्री राम रावण का वध करके सीता माता को छुड़ा लाते हैं। उस दिन को दशहरे के रूप में मनाया जाता है और जब श्री राम अपने घर अयोध्या लौटते हैं तो पूरे राज्य के लोग उनके आने की ख़ुशी में रात्री के समय दीप जलाते हैं और खुशियाँ मनाते हैं। तब से उस दिन का नाम दीपावली के नाम से जाना जाता है।
दूसरी कहानी, पांडवों का अपने राज्य में लौटना
आप ने महाभारत की कहानी तो सुनी ही होगी। कौरवों ने, शकुनी मामा के चाल की मदद से शतरंज के खेल में पांडवों का सब कुछ छीन लिया था और यहाँ तक की उन्हें राज्य छोड़ कर 13 वर्ष के लिए वनवास भी जाना पड़ा। इसी कार्तिक अमावस्या को वो 5 पांडव (युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव) अपने 13 वर्ष के वनवास से अपने राज्य लौटे थे। उनके लौटने के ख़ुशी में उनके राज्य के लोगों नें दीप जला कर खुशियाँ मनाया। यह भी दीपावली मनाने का एक बहुत ही मुख्य कारण है।
तीसरी कहानी राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक
राजा विक्रमादित्य प्राचीन भारत के एक महान सम्राट थे। वे एक बहुत ही आदर्श राजा थे और उन्हें उनके उदारता, साहस तथा विद्वानों के संरक्षणों के कारण हमेशा जाना गया है। इसी कार्तिक अमावस्या को उनका राज्याभिषेक हुआ था।
चौथी कहानी माता लक्ष्मी का अवतार
हर बार दीपावली का त्यौहार हिन्दी कैलंडर के अनुसार कार्तिक महीने के 'अमावस्या' के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन समुन्द्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी जी ने सृष्टि में अवतार लिया था। माता लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। इसीलिए हर घर में दीप जलने के साथ-साथ हम माता लक्ष्मी जी की पूजा भी करतें हैं।
पांचवीं कहानी सिख गुरु की आजादी
इस त्यौहार को सिख समुदाय के लोग भी मनाते हैं अपने 6वें गुरु श्री हरगोविंद जी के ग्वालियर जेल से मुक्त होने पर जो मुग़ल सम्राट जहाँगीर की कैद में थे।
छठवीं कहानी इसी दिन भगवान् श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षश का संहार किया था
दीपावली का त्यौहार मनाने के पीछे एक और सबसे बड़ी कहानी है। इसी दिन प्रभु श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। नरकासुर उस समय प्रागज्योतिषपुर (जो कि आज दक्षिण नेपाल में एक प्रान्त है) का राजा था। नरकासुर इतना क्रूर था की उसने देवमाता अदिति के शानदार बालियों तक को छीन लिया। देवमाता अदिति श्री कृष्ण की पत्नी सत्यभामा की सम्बन्धी थी। नरकासुर ने कुल सोलह भगवान की कन्याओं को बंधित कर के रखा था। श्री कृष्ण की मदद से, सत्यभामा ने नरकासुर का वध किया और सभी देवी कन्याओं को उसके चंगुल से छुड़ाया। यह भी दीपावली मनाने का एक मुख्य कारण है।
आयुर्वेद में मरीजों को तत्काल राहत और दुष्प्रभावों से बचाने वाली दवाओं की खोज की जरूरत : मोदी
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हाईटेक गोशाला: A-2 दूध की खूबियां इनसे जानिए
राजस्थान के किसान खेमाराम ने अपने गांव को बना दिया मिनी इजरायल , सालाना 1 करोड़ का टर्नओवर
happy diwali Latest Hindi news Deepawali 2017 Happy Dhanteras diwali story dipawali story दिवाली की कहानी दीपावली की कहानी bhagwan ram
More Stories