भारतीय नौसेना के बारे में क्या आप को ये पता है?
4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। लेकिन इसका इतिहास 16वीं शताब्दी से शुरु होता है। 5 सितंबर, 1612 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने समुद्री डकैतों और अपने प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबले के लिए एक छोटे से समुद्री रक्षक बेड़े का गठन किया।
गाँव कनेक्शन 4 Dec 2018 9:45 AM GMT
इंडियन नेवी यानी भारतीय नौ सेना का समुद्र में परचम लहराता है। भारत में तीन तरह की सेनाएं हैं, जिसमें समुद्र के जरिए काम करने वाली सेना को नौसेना कहा जाता है। दुनिया की पांच बड़ी नेवी में शामिल भारतीय नौसेना का गौरवशाली इतिहास रहा है।
इंडियन नेवी का इतिहास
4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। लेकिन इसका इतिहास 16वीं शताब्दी से शुरु होता है। 5 सितंबर, 1612 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने समुद्री डकैतों और अपने प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबले के लिए एक छोटे से समुद्री रक्षक बेड़े का गठन किया। इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के मरीन के नाम से जाना गया। 1685 में इसे इसका नाम बॉम्मे मरीन रखा गया। जिसे आजादी के बाद भारतीय नौसेना के नाम से जाना गया। दूसरे विश्व युद्ध् के दौरान 1934 भारतीय नौसेना अनुशासनअधिनियम पारित किया और इसका नाम रॉयल इंडियन नेवी हुआ। द्वितीय विश्वयुद्ध के समयनौसेना का विस्तार हुआ और बेड़े में आधुनिक जहाज शामिल किए गए। उसी समय से इसका अधुनिकीकरण शुरु हुआ जो पिछले कुछ दशकों में परवान चढ़ रहा है, जिसकी बदौलत भारत के पास दुनिया के पांचवें नंबर की नौसेना है।
1971 के युद्ध में कर दिए थे पाकिस्तान के दांत खट्टे
4 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत करांचीबंदरगाह पर एक ही रात में उनकी तीन जलपोतों को नेस्तनाबूद कर डुबो दिया था। इस युद्ध मेंपाकिस्तान के 500 से ज्यादा नौसेनिक माने गए थे। इस ऑपरेशन में पहली बार नौसेना की मिसाइलबोट्स का प्रयोग किया गया। इस सफल अभियान की याद में हर साल चार दिसंबर को नौ सेना दिवसके रूप में मनाया जाता है।
चीन के इरादे और भारतीय नौसेना की रणनीति
हिंद महासागर में चीन से वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहा भारत नौसैन्य ताकत में भले ही चीन से अभीपीछे हो लेकिन अपनी इस ताकत को वह तेजी से बढ़ाने में जुटा हुआ है। पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमारके बंदरगाहों पर चीन सामरिक रणनीति के तहत स्ट्रिंग ऑफ पर्ल का निर्माण कर रहा है। चीन काइरादा इस कदम के जरिये भारत को घेरना हे। चीन के इस इरादे को भाप भारत ने भी ईरान मेंचाबहार पोर्ट विकसित करने सहित इंडोनेशिया के साबांग द्वीप पर पोर्ट विकसित करने की सहमति दी है।
क्या क्या है नौसेना के बेड़े में
मारकोस
मैरीन कमांडो फोर्स (मारकोस) भारतीय नौसेना की एक विशेष कमाडों फोर्स है। इसका गठनखास ऑपरेशन और बचाव कार्य के लिए किया गया है।
1) एक विमानवाहक पोत और एक परिवहन जहाज।
2) 14 पारंपरिक रूप से संचालित पनडुब्बियां।
3) 8 लैडिंग जहाज टैंक
4) 10 बड़े तटीयगश्ती जहाज
5) एक एक परमाणु संचालित पनडुब्बी/बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी/खान काउंट रमेजर जहाज
6) 11 विध्वसंक
7) 14 फ्रिगेट
8) 23 कॉर्वेट
महाशक्ति बनने की तैयारी
67228 कुल सैनिकों वाली नौसेना में 2021 तक रुस निर्मित परमाणु पनडुब्बी आईएनएस चक्र भी शामिल हो जाएगी, जिसके बाद भारतीय हिंद महासागर से लेकर उपमहाद्वीप में भारत की ताकत में अतुलनीय वृद्धि हो जाएगी।
अहम अभियान
1. 1961 ऑपरेशन विजय
2. पुर्तगालियों से गोवा मुक्ति अभियान में पहली बार नौसेना का इस्तेमाल
3. 1971 ऑपरेशन ट्राइडेंट (भारत पाकिस्तान युद्ध)
4. 1988 ऑपरेशन कैक्टस (वायुसेना के साथ मिलकर मालदीव संकट का समाधान)
5. 1999 ऑपरेशन तलवार (कारगिल युद्ध के दौरान सहयोग)
6. 2004 सुनामी संकट (हिंद महासागर में सुनामी से मची तबाही में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु केअलावा इंडोनेशिया, श्रीलंका, मालदीव के राहत एंव पुनर्वास कार्यक्रम में सहयोग)
7. 2006 ऑपरेशन सुकून (इज़रायल-लेबनान संघर्ष के दौरान लेबनान में फसे भारतीय, श्रीलंकाऔर नेपाल के नागरिकों को निकालने में सहायता)
8. 2011 ऑपरेशन सेफ होमकमिंग (युद्धग्रस्त लीबिया से भारतीयों को बचाने में अहम भूमिकानिभाई)
9. 2015 ऑपरेशन राहत (यमन संकट के दौरान वहां फसे 3,074 नागरिकों को बचाने मेंअहम भूमिका)
10. 2018 ऑपरेशन निस्तर (चक्रवात के कारण यमन के सोकोद्रा द्वीप पर फसे 38 भारतीयोंको सुरक्षित निकाला गया)
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