बॉक्साइट खनन के खिलाफ ओडिशा में संघर्ष कर रहे हैं डोंगरिया कोंध आदिवासी
गाँव कनेक्शन 20 April 2017 3:57 PM GMT
लखनऊ। ओडिशा के डोंगरिया कोंध आदिवासी नियमगिरी की पहाड़ियों में वेंदाता समूह द्वारा हो रहे बॉक्साइट खनन का पिछले कई सालों से विरोध कर रहे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा साल 2016-17 में जारी एक सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि डोंगरिया कोंध समुदाय का संगठन नियमगिरी सुरक्षा समिति को इस तरह का विरोध करने के लिए माओवादी भड़का रहे हैं ।
इस बारे में डोंगरिया कोंध आदिवासी समुदाय ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि नियमगिरी सुरक्षा समिति, डोंगरिआ कोंध आदिवासी लोगों और अन्य स्थानीय समुदायों का एक सामूहिक समूह है जो खुद को नियमागिरि पहाड़ियों (ओडिशा) में बॉक्साइट खनन के खिलाफ एक दशक से अधिक समय तक संगठित कर रहे हैं, जो उनका एकमात्र घर है लेकिन जिस तरह से हम पर माओवादियों के साथ मिलने का इल्जाम लगाया जा रहा है, वह गलत है।
इस समुदाय के लोगों का कहना है कि खनन विरोधी सामाजिक कार्यकर्ताओं को नक्सली करार देकर उन्हें हर तरह से परेशान किया जा रहा है। भालियापदर के दसारु कडकरा को नक्सली बताकर उनकी गिरफ्तारी हालिया घटना है। इस आदिवासी समूह का कहना है कि हम गृह मंत्रालय से गुजारिश करना चाहते हैं कि संविधान के अनुसार जिम्मेदारी ली जाए और नियमगिरी सुरक्षा समिति पर नक्सलियों के साथ मिले होने का जो आरोप लगाया गया है उसे हटाया जाए। साथ ही यहां चल रहे खनन को भी रोका जाए।
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दरअसल, ओडिशा के कालाहांडी जिले के लांजीगढ़ में राज्य सरकार ने बॉक्साइट की कमी से जूझ रहे वेदांता ग्रुप के साथ मिलकर आदिवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। यहां दांव पर है वेदांता का लांजीगढ़ स्थित एल्युमिना रिफाइनरी प्लांट, जिसमें बतौर कच्चा इस्तेमाल होने वाले बॉक्साइट की कमी हो गई है। जैसे-जैसे यह लड़ाई अपने अंजाम की तरफ अग्रसर हो रही है, वेदांता रिसोर्सेज, पीएलसी और ओड़ीशा सरकार साथ मिलकर अपने उदेश्य को पूरा करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसमें कानूनी दांव-पेंच के साथ-साथ स्थानीय गुंडों का भी सहारा लिया जा रहा है।
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