मुजफ्फरपुर: बच्चों की जान बचाने के लिए होगा अनुंसधान, विशेष टीम तैनात, बनेंगी 5 रिसर्च लैब
गाँव कनेक्शन 18 Jun 2019 7:46 AM GMT
नई दिल्ली। बिहार के मुज्फ्फरपुर में बच्चों को मौत से बचाने, उन्हें बेहतर इलाज देने और बीमारी पर शोध के लिए अत्याधुनिक बहु-विषयक अनुसंधान केंद्र बनाने की कवायद शुरु हो गई है। चमकी (दिमागी बुखार की जांच और अनुसंधान के लिए विशेष टीम बिहार भेजी गई है। इस हाईलेवल अनुंसधान टीम कई विभागों और मेडिकल शोध से जुड़ी संस्थाओं के वैज्ञानिक शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को दिल्ली इसकी जानकारी दी।
बिहार में चमकी बुखार से अब तक सौ से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर से लौटने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की है। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) एवं एम्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
.@drharshvardhan deploys another high level multi-disciplinary team to #Muzaffarpur; to support the State in epidemiology research.
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) June 17, 2019
"Five virological labs to be set up in different districts in Bihar".@PMOIndia@PIB_India@MIB_India@AshwiniKChoubeyhttps://t.co/TY84F5x8ly
हर्षवर्धन ने बिहार में संदग्धि एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित बच्चों के परिवारों से रविवार को मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने एसकेएमसीएच में 100 बेड का बाल चिकित्सा आईसीयू स्थापित करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा आस-पास के जिलों में केंद्र की मदद से 10 बिस्तरों वाले बाल आईसीयू बनाए जाने की बात कही थी।
बिहार में जिस बीमारी से बच्चों की मौत हो रही है, इसके बारे में अभी तक डॉक्टर भी ठीक से पता नहीं लगा पाएं है। ये बीमारी कुछ घंटों में बच्चों को अपनी चपेट में लेती है और सही समय पर इलाज न मिलने पर मौत हो जाती है।
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हर्षवर्धन ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगलपांडे के संग (एसकेएमसीएच) अस्पताल का दौरा किया था। हर्षवर्धन ने कहा कि बीमारी की वजह का पता लगाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली अंतर विशेषक अनुसंधान टीम की तत्काल जरूरत है। अनुसंधान टीम दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चों के साथ काम करेगी और बीमारी का चक्र, पर्यावरण कारक और मेट्रोलॉजिकल डेटा समेत विभिन्न पहलुओं को देखेगी।
अंतर विषयक टीम में दिल्ली के (आईसीएमआर), बेंगलुरु के एनआईएमएचएनएस, हैदराबाद के राष्ट्रीय पोषण संस्थान, पुणे के (एनआईवी), चेन्नई के (एनआईई) और दिल्ली के (एम्स) के विशेषज्ञ शामिल होंगे। हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि राज्य में जिलों के विभिन्न हिस्सों में पांच वाइरोलॉजिकल लैब भी विकसित की जाएंगी। (इनपुट- भाषा)
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