अभी टला नहीं है खतरा, 18 मार्च से शुरू होगा बारिश का एक और दौर, जानिए कहां होगी बारिश

Arvind ShuklaArvind Shukla   17 March 2020 9:23 AM GMT

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अभी टला नहीं है खतरा, 18 मार्च से शुरू होगा बारिश का एक और दौर, जानिए कहां होगी बारिश

लखनऊ। मौसम के सताए किसानों के लिए के सिर से खतरा अभी टला नहीं है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 18 मार्च से लेकर 21 मार्च तक दिल्ली से लेकर पंजाब, ओडिशा और महाराष्ट्र तक15 राज्यों में बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि हो सकती है।

मार्च के महीने के शुरुआती 15 दिनों में बारिश का रिकॉर्ड टूट चुका है। देश के 57 फीसदी हिस्से में मार्च में लार्ज एक्सैस रेन (बेमौसम अतिवृष्टि) हुई है। कई राज्य ऐसे हैं जहां के 95 फीसदी से ज्यादा हिस्सा बारिश, ओले और तेज हवाओं की चपेट में आया है। यूपी के 75 में से 74, हरियाणा के 22 में से 21 जिलों में अतिवृष्टि हुई है। एक मार्च से 15 मार्च तक हुई बारिश से भारत में सिंचाई की उपलब्धता वाले कृषि प्रधान राज्यों में भारी नुकसान हुआ है। अब एक बार फिर मौसम में बदलाव के लिए पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है।

मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट वेदर में मेट्रोलॉडी और क्लाईमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) के वाइस प्रेसीडेंट महेश पालावत कहते हैं, 18 से 21 मार्च तक एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जिससे कुछ राज्यों में बारिश और ओले गिर सकते हैं लेकिन ये काफी कम होगा। इसके अलावा 23 मार्च को भी कुछ जगह मौसम बिगड़ सकता है।'

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18 मार्च को कहां कैसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में 18 मार्च को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा में बारिश, ओलावृष्टि की आशंका जाहिर की है। इसके साथ ही आंध्रप्रदेश के तटीय इलाकों में भी मौसम बदल सकता है। लेकिन छत्तीसगढ़ में मौसम का प्रकोप सबसे ज्यादा हो सकता है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के लिए विदर्भ के लिए मौसम विभाग ने ओरेंट अलर्ट भी जारी किया है। यहां आसमानी बिजली की भी आशंका है।

19 मार्च को यहां बदलेगा मौसम

छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र के विदर्भ के लिए 19 मार्च का दिन भी मौसम के लिहाज से सचेत रहना वाला है। मौसम विभाग ने इन दोनों इलाकों के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया है। 19 मार्च को पूर्वी मध्य प्रदेश में भी मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, मेघायल और असम में भी बारिश की आशंका है।

20 मार्च- दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में बारिश

भारतीय मौसम विभाग ने 20 मार्च को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंड़ीगढ़, उत्तराखंड, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिमी बंगाल में ओलावृष्टि, आंधी, और तेज बारिश के साथ ही आकाशीय बिजली के लिए चेतावनी जाहिर की। 14 मार्च को दिल्ली रिकॉर्ड़ तोड़ बारिश हुई थी।

21 मार्च- राजस्थान, दिल्ली से लेकर केरल तक कई राज्यों में बारिश

भारतीय मौसम विभाग ने अपने अगले पूर्वानुमान में 21मार्च को हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, केरल, पुडुंचेरी, हरियाणा, चंड़ीगढ़ दिल्ली, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश के कोस्टल एरिया, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, और तमिलनाडु में बारिश, थंडरस्टोम और लाइटिंग हो सकती है।


किन राज्यों में कौन सी हैं फसलें

उत्तर भारत में ये रबी की सीजन है। गेहूं, सरसों, जौ, चना, मसूर, रागी, आलू, रामदाना की फसलें लगभग पकने को तैयार थीं, मार्च में कई दौर की बारिश से गेहूं समेत दहलनी और तिलहनी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। इसके साथ ही सब्जियों की बात करें तो आलू, गोभी, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, तरोई, परवल, अगैती भिंड़ी, लौकी, बैंगन और टमाटर की फसल खेतों में भी उसका भी नुकसान हुआ है।

गर्मियों में आने वाले तरबूज, खीरा, ककड़ी और खरबूज की फसलें उत्तर भारत में अब एक से डेढ़ महीना लेट हो सकती हैं। क्योंकि मार्च में हुई ओलावृष्टि से इन फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। सीतापुर जिले में गोंदलामऊ ब्लॉक के किसान वीरेंद्र यादव के पास 4 एकड़ तरबूज था। वीरेंद्र बताते हैं, उनकी फसल 46 दिन हो गई थी, और आने वाले 10-15 दिनों में फल आने लगते, हमने डेढ़ लाख रुपए लगाया था लेकिन अब खेत में एक भी पौधा नहीं बचा।"

मौसम से संबंधित जानकारी के लिए आईएमडी की वेबसाइट पर जाएं


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सीतापुर के मिश्रिख तहसील में आने वाले वीरेंद्र के गांव समेत पूरे इलाके के 69 गांवों को नुकसान पहुंचा है। मिश्रिख के उप जिलाधिकारी राजीव पांडेय ने गांव कनेक्शन के सीतापुर संवाददाता को बताया, "हमारी तहसील के 69 गांवों में 33 से 90 फीसदी तक नुकसान हुआ है, हमने शासनको 6 करोड़ 28 लाख रुपए का अनुमान नुकसान की रिपोर्ट भेजी है।"

भारी बारिश और ओलावृष्टि के चलते यूपी में गेहूं, आलू, चना, सरसों और सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचा है तो पंजाब और हरियाणा में गेहूं और सरसों की फसल भारी मात्रा में तबाह हुई है। पंजाब-हरियाणा में गेहूं में गेहूं की नई फसल में एक महीने तक की देरी हो सकती है।

हरियाणा के करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान शोध संस्थान में के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बीएस त्यागी कहते हैं, बारिश से ज्यादा नुकसान फसलों के गिरने से होता है। पंजाब, बिहार, हरियाणा यूपी में जलभराव की समस्या हुई है, क्योंकि लगातार बारिश हुई है ऐसे में गिरी फसलों को नुकसान होगा।"

महाराष्ट्र के विदर्भ में क्या हैं फसलें

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में 15 दिन पहले भी दो दिन बारिश हुई थी। अब एक बार फिर मौसम विभान ने बारिश की आशंका जताई है। मराठवाड़ा में दिन दिनों गेहूं, चना और जवार की कटाई चल रही है। उस्मानाबाद में उमरगा तालुका के अशोक पवार कहते हैं, "मराठवाड़ा में ज्वार, चना की कटाई चल रही है। अभी बारिश हुई तो ज्यादा नुकसान हो जाएगा। क्योंकि ज्वार सिर्फ इंसान नहीं जानवरों के चाहे के लिहाज से जरूरी है।"

मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के दूसरे सूखे क्षेत्र विदर्भ के लिए ओरेंज चेतावनी जताई है। यहां इन दिनों चना, संतरा, और मौसंबी की फसल लगी। अगर ओलाव़ृष्टि हुई तो दोनों फल वाली फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।

    

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