अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज सहित तीन सामाजिक कार्यकर्ता को पुलिस ने किया गिरफ्तार, दो घण्टे बाद छोड़ा
झारखंड पुलिस के अनुसार ज्यां द्रेज अपने साथियों के साथ बिना प्रशासनिक अनुमति के एक कार्यक्रम कर रहे थे।
गाँव कनेक्शन 28 March 2019 9:46 AM GMT
लखनऊ। झारखंड पुलिस ने जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और उनके दो साथियों को आचार संहिता के उल्लंघन में हिरासत में ले लिया। झारखंड पुलिस के अनुसार ज्यां द्रेज अपने साथियों के साथ बिना प्रशासनिक अनुमति के एक कार्यक्रम कर रहे थे, जबकि पूरे राज्य में आचार संहिता लागू है।
ज्यां द्रेज और उनके साथियों को गढ़वा जिले के बिशुनपुरा पुलिस ने हिरासत में लिया. पुलिस ने सभी से थाने में पूछताछ की। ताजा जानकारी के अनुसार, फिलहाल ज्यां द्रेज और उनके साथियों को दो घण्टे बाद छोड़ दिया गया। ज्यांं द्रेज बिना प्रशासनिक अनुमति के 'राइट टू फूड' पर एक जनसभा कर रहे थे।
गौरतलब है कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद बिना प्रशासन की अनुमति से कोई भी सभा करना प्रतिबंधित है. ज्यां द्रेज की गिरफ्तारी के बाद योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
योगेंद्र यादव ने लिखा, 'ज्यां द्रेज एक संत-अर्थशास्त्री हैं, जो झुग्गी-झोपड़ियों में रहकर काम करते हैं। उन्होंने किसी भी अर्थशास्त्री के मुकाबले में गरीबों के लिए अधिक काम किया है। उन्होंने कई विशेषाधिकारों और विलासिता को छोड़कर भारतीय नागरिकता ग्रहण की है और गरीबों के लिए शांतिवादी ढंग से काम कर रहे हैं। उन्हें गिरफ्तार करने से ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।"
Shocking beyond words!
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) March 28, 2019
Jean Dreze is a saint-economist, a potential Nobel awardee who lived in slums, written and done more for the poor than any economist, shunned all power and glory, took up Indian citizenship, is a pacifist.
Nothing can be more shameful than arresting him. https://t.co/KagTeBhFV8
वहीं कांग्रेस ने भी ज्यां द्रेज की गिरफ्तारी की निंदा की। कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा, 'गरीबों और वंचितों के लिए काम करने वाले लोगों को सरकार को सहायता देना चाहिए, जबकि वह उन्हें हिरासत में ले रही है।'
World renowned economist & social activist Jean Dreze & 2 others have been arrested by the BJP govt. in Jharkhand for daring to hold a meeting on Right to Food. In a state with so many hunger deaths, you'd expect the govt to be more receptive to help. https://t.co/ivXgtOK4q9
— Congress (@INCIndia) March 28, 2019
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