गुजरात विधानसभा चुनाव दो फेज में : 9 और 14 दिसंबर को वोटिंग, 18 को नतीजे
गाँव कनेक्शन 25 Oct 2017 2:23 PM GMT
नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा के चुनाव दो फेज में 9 और 14 दिसंबर को होंगे। नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे, इसी दिन हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजों का एलान भी किया जाएगा। चीफ इलेक्शन कमिश्नर (सीईसी) अचल कुमार ज्योति ने कहा, "गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी 2018 तक है। यहां 182 सीटों पर 4.33 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। 50,128 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं, चुनाव में वोटर वैरिफेबल पेपर ऑडिट ट्रेल का इस्तेमाल होगा।" बता दें कि इलेक्शन कमीशन ने कहा था कि हिमाचल के वोटिंग पैटर्न या नतीजों का असर गुजरात पर न पड़े, इसलिए शेड्यूल अलग-अलग रखा गया है।
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017
- कुल सीटें: 182
- कितने चरण में चुनाव: 2
- वोटिंग: 9 दिसंबर और 14 दिसंबर
- नतीजे: 18 दिसंबर
- कुल सीटें: 182
फर्स्ट फेज का शेड्यूल
- सीटें:89
- नोटिफिकेशन: 14 नवंबर
- नॉमिनेशन की आखिरी तारीख:21 नवंबर
- नॉमिनेशन की स्क्रूटनी: 22 नवंबर
- नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख: 24 नवंबर
- वोटिंग: 9 दिसंबर
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017
आचार संहिता लागू: CEC ने कहा, "गुजरात के साथ ही केंद्र सरकार पर भी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू किया गया है। इस दौरान गुजरात से जुड़ा कोई एलान नहीं किया जा सकेगा।"
हर इवेंट की वीडियोग्राफी: "नॉमिनेशन फाइलिंग से नतीजे आने तक हर इवेंट की वीडियोग्राफी की जाएगी। इसका अरेंजमेंट कर लिया गया है। रिटर्निंग अफसर पर इसकी जिम्मेदारी होगी। सीसीटीवी कैमरे भी इन्सटॉल किए जाएंगे।"
एक्साइज डिपार्टमेंट तैनात होगा: अचल कुमार ज्योति ने कहा, "गुजरात में ना तो शराब बनती है और ना बिकती है, लेकिन पड़ोसी राज्यों से यह राज्य में ना आ पाए इसके लिए एक्साइज डिपार्टमेंट को डिप्लॉय किया जाएगा।"
पेड न्यूज पर नजर: "पेड न्यूज को रोकने के लिए 3 टियर मैकेनिज्म तैयार किया गया है। इसके बारे में सभी संबंधित पार्टियों और एडमिनिस्ट्रेशन को गाइड लाइन्स जारी कर दी गई हैं।"
चुनावी खर्च:एक कैंडिडेंट 28 लाख रुपए से ज्यादा चुनाव खर्च नहीं कर सकेगा।
महिला स्टाफ:102 पोलिंग बूथ पूरी तरह महिला स्टाफ कंट्रोल करेगा। सभी पोलिंग बूथ एक दूसरे से जीपीएस के जरिए कनेक्ट रहेंगे।
हेल्पलाइन :पूरे इलेक्शन प्रॉसेस के दौरान 24 घंटे एक टोल फ्री नंबर इफेक्टिव रहेगा। इस पर सवालों के जवाब भी दिए जाएंगे। मोबाइल ऐप के जरिए भी लोग इलेक्शन कमीशन से शिकायत कर सकते हैं।
क्यों है पटेल-पाटीदार कम्युनिटी की अहमियत
- गुजरात के वोटरों में से 20% पाटीदारों को अलग कर दें तो बचे 80% वोटरों में से बीजेपी-कांग्रेस को 40-40% वोटरों का सपोर्ट हासिल है।
- 19 साल से BJP को सत्ता दिलाने में पाटीदारों की अहम भूमिका मानी जाती रही है। राज्य के 182 में से 44 विधायक पाटीदार हैं। 2012 में 20% पाटीदार वोटरों में से 80% वोटरों ने बीजेपी को सपोर्ट किया था। अगर ये वोटर इस बार कांग्रेस की तरफ झुक जाते हैं तो बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है।
- पाटीदारों का आरक्षण आंदोलन अगस्त 2015 में भड़का था। पटेल-पाटीदारों ने ओबीसी के 27 फीसदी कोटे में आरक्षण देने की मांग की थी। आंदोलन का चेहरा हार्दिक पटेल थे।
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