खराब हो रही दिल्‍ली की हवा, वायु प्रदूषण को लेकर बनी आपातकालीन योजना

नासा की उपग्रह तस्वीरों से पता चलता है कि पंजाब और हरियाणा में किसानों ने इस महीने के शुरू में पराली जलाना शुरू किया है।

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खराब हो रही दिल्‍ली की हवा, वायु प्रदूषण को लेकर बनी आपातकालीन योजना

दिल्‍ली की वायु गुणवत्ता हवा की गति में गिरावट के साथ सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी खराब रही। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यह अभी और खराब हो सकती है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली के अनुसार सोमवार को शाम चार बजे राजधानी का कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्‍यूआई) 218 दर्ज किया गया। जो खराब श्रेणी में आता है। इसके मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण के बारे में पहले ही चेतावनी देने के लिए एक प्रणाली की शुरुआत भी कर दी गई है।

रविवार को एक्‍यूआई 201 था, जबकि शनिवार को शाम चार बजे यह 300 था। यह अत्यंत खराब श्रेणी से महज एक बिंदु कम रहा। दिल्‍ली के पास गुरुग्राम और फरीदाबाद दोनों जगह वायु गुणवत्ता खराब रही। आंकड़ों के अनुसार दिल्‍ली में प्रदूषक तत्व 10 का स्तर 205 तथा प्रदूषक तत्व 2.5 का स्तर 106 दर्ज किया गया। अधिकारियों ने आगामी दिनों में वायु गुणवत्ता के और खराब होने की आशंका जताई है।

इस बीच नासा की उपग्रह तस्वीरों से पता चलता है कि पंजाब और हरियाणा में किसानों ने इस महीने के शुरू में पराली जलाना शुरू किया है। नासा ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि पंजाब और हरियाणा में पिछले 10 दिनों में पराली जलाए जाने का स्तर बढ़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि वायु प्रदूषण पर रोकथाम के लिए सोमवार को एक आपातकालीन कार्य योजना शुरू की गई।


बता दें, पंजाब और हरियाणा देश में धान का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले प्रदेश हैं, इस हिसाब से यहां पराली भी सबसे ज्यादा होती है। अकेले पंजाब में हर साल लगभग 2 करोड़ टन पराली खेतों में रह जाती है। इनमें से लगभग 1.5 करोड़ टन पराली में आग लगाई जाती है। 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने पराली से निबटने के लिए 665 करोड़ रुपए का बजट भी निर्धारित किया लेकिन हालात में खास बदलाव नहीं दिखाई देता।

वहीं, केंद्रीय मंत्री हर्ष वर्धन ने सोमवार को एक ऐसी प्रणाली का शुभारंभ किया जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बड़े स्तर पर वायु प्रदूषण के बारे में पहले ही चेतावनी देने में मदद करेगी। इसे केंद्र के ग्रेडेड रिस्‍पॉन्‍स एक्शन प्लान के अनुसार आवश्यक कदम उठाने के लिए अलर्ट देने को बनाया गया है। इस प्रणाली के शुभारंभ के अवसर पर हर्षवर्धन ने कहा कि इससे तीन-चार दिन पहले ही दिल्‍ली क्षेत्र में किसी भी तरह के वायु प्रदूषण के बारे में भविष्‍यवाणी करने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार के प्रयासों का जक्रि करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 41 सदस्यीय टीम गठित की है जो दिल्‍ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर पर लगातार निगरानी रखेगी और बोर्ड को इसकी रिपोर्ट देगी। कार्यक्रम में सभी अवलोकनों और पूर्वानुमान उत्पादों का संग्रह करने के लिए एक नई वेबसाइट का भी शुभारंभ किया गया।

इनपुट- भाषा

    

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