चीफ जस्टिस पर आए फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों का प्रदर्शन
गाँव कनेक्शन 7 May 2019 8:03 AM GMT
लखनऊ। भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम जांच समिति ने 5 मई 2019 को खारिज कर दिया। कड़ी सुरक्षा के बीच भी इस फैसले के खिलाफ कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
Bar and Bench के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय के वकीलों के कुछ समूहों और अन्य लोगों ने कोर्ट के बाहर चीफ जस्टिस पर लगे आरोपों में अंतरिम समिति द्वारा अपनाए गए तरीकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कुछ महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लगभग 40 महिला प्रदर्शनकारियों को मन्दिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा सुप्रीम कोर्ट के बाहर धारा 144 लगा दी गई है।
Delhi: Women lawyers and activists today held a protest outside the Supreme Court against the procedure adopted to deal with sexual harassment case against CJI Ranjan Gogoi. Section 144 has been imposed outside SC following the protest. pic.twitter.com/oefGGSCRCJ
— ANI (@ANI) May 7, 2019
सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच समिति ने जांच के बाद चीफ जस्टिस पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल के कार्यालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया था कि "आंतरिक प्रक्रिया के हिस्से के रूप में गठित समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी।"
सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर अपना हलफनामा भेजा था। इसके बाद न्यायालय ने न्यायमूर्ति बोबडे की अध्यक्षता में एक आंतरिक जांच समिति का गठन किया था।
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समिति में दो महिला न्यायाधीशों न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी को शामिल किया गया था। समिति के समक्ष आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी ने दो दिन अपने बयान दर्ज कराए थे। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई भी समिति के समक्ष पेश हुए थे।
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