गंगा के लिए अनशन पर बैठे प्रो जीडी अग्रवाल का निधन, बुधवार को सरकार ने अस्पताल में कराया था भर्ती
आईआईटी के प्रोफेसर रहे प्रो जीडी अग्रवाल का गंगा को बचाने के लिये ये पांचवां उपवास था। प्रो अग्रवाल केंद्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के पहले सदस्य सचिव रह चुके थे और गंगा के लिये लम्बे समय से संघर्ष कर रहे थे।
Hridayesh Joshi 11 Oct 2018 10:20 AM GMT
हरिद्वार। गंगा को बचाने के लिये हरिद्वार के मातृसदन में उपवास पर बैठे प्रो जी डी अग्रवाल का गुरुवार को निधन हो गया। स्वामी सानंद पिछली 22 जून से अनशन पर थे और मंगलवार को उन्होंने जल भी त्याग दिया था। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने ऋषिकेश एम्स में भरती करा दिया था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनसे अनशन खत्म करने को कहा था। लेकिन प्रो अग्रवाल (जिन्हें स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के नाम से भी जाना जाता है) गंगा के लिये अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं थे।
राज्य सरकार ने लिखित आदेश में कानून औऱ व्यवस्था का मसला बताकर प्रो जीडी अग्रवाल को अस्पताल में भर्ती करा कर दिया था। सरकार की ओर जारी आदेश में कहा गया था कि प्रो अग्रवाल के "जीवन को खतरा" है और उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुये मातृसदन में उनके समर्थकों "दंगा और बलवा" होने की आशंका है। उधर आदेश मिलने के बाद प्रो अग्रवाल ने लिखा था कि वह न तो किसी प्रकार का इलाज कराना चाहते हैं और न अस्पताल में भर्ती होना चाहते हैं। उन्होंने शांति भंग होने की आशंका को गलत बताते हुये कहा कि सरकार "षड्यंत्र" कर रही है।
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सरकार ने मातृसदन में धारा 144 लगा दी थी। आईआईटी के प्रोफेसर रहे प्रो जीडी अग्रवाल का गंगा को बचाने के लिये ये पांचवां उपवास था। पहले 2011 में मातृसदन के एक साधु निगमानंद की गंगा के लिये अनशन करते हुए मृत्यु हो गई थी। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था। अब प्रो अग्रवाल के अस्पताल में भर्ती होने के बाद कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री से कहा कि प्रो अग्रवाल को निगमानंद न बनायें। उन्होंने कहा, "स्वामी सानंद का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है। मैं उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाने की मांग करता हूं।"
प्रो अग्रवाल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पहले सदस्य सचिव रह चुके थे और गंगा के लिये लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। प्रो अग्रवाल ने गांव कनेक्शन से बातचीत में कहा था कि सरकार गंगा संरक्षण के लिये जो कानून बना रही है वह उसके खिलाफ हैं। उनके मुताबिक यह कानून मंत्रियों और नौकरशाहों के हाथों का खिलौना रहेगा और गंगा अपने असली रूप को खो देगी। गंगा में बड़े बांधों को बनने से रोकने और गंगा भक्त परिषद बनाने की बात भी उनकी मांगों में हैं।
इस पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि सरकार ने गंगा एक्ट के लिये सभी लोगों के कमेंट लेकर उसे कैबिनेट के पास भेज दिया है। गडकरी ने नदी के ई-फ्लो (न्यूनतम निरन्तर बहाव) को बनाये रखने की बात कही है। सरकार ने कहा है कि प्रो अग्रवाल को मनाने की तमाम कोशिशें बेकार गई। उनकी मांगें मांग ली गईं हैं और उनकी जान को ख़तरे को देखते हुये उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बुधवार को प्रो अग्रवाल को प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था और उन्हें ग्लूकोज़ दिया जा रहा था ।
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