उपहार अग्निकांड के 20 साल बाद भी पीड़ितों को मिल रही तारीख़ पर तारीख़ 

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उपहार अग्निकांड के 20 साल बाद भी पीड़ितों को मिल रही तारीख़ पर तारीख़ उपहार अग्निकांड में 59 लोगों की हुई थी मौत।

लखनऊ। दिल्ली स्थित उपहार सिनेमा में आज से ठीक 20 साल पहले यानी 13 जून 1997 को बॉलीवुड फिल्म बार्डर का शो चल रहा था। फिल्म देखने आए लोगों में किसको पता होगा कि आज उनकी ज़िन्दगी का आखिरी दिन है। सिनेमा मालिकों की लापरवाही से दक्षिणी दिल्ली स्थित उपहार सिनेमा में 59 लोगों की आग में झुलस कर मौत हो गई और भगदण की वजह से 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

मरने वालों में महिलाओं और छोटे बच्चों की संख्या ज़्यादा थी। उस दिन किसी ने अपनी माँ को खो दिया तो किसी ने अपने पिता को, कोई विधवा हुई तो कोई विदुर। देश की राजधानी में हुए इस भीषण हादसे में सिनेमा मालिक सुशील एवं गोपाल अंसल को इस अग्निकांड का दोषी माना गया था। आग सिनेमा हाल के बेसमेंट में रखे जनरेटर से शुरू हुई और धीरे-धीरे पूरे हाल को आग ने अपने आगोश में ले लिया।

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उपहार अग्निकांड के 20 वर्ष हो जाने के बाद भी पीड़ित परिवारों को पूरी तरह इंसाफ नहीं मिल पाया। यह दुर्भाग्य ही है कि मुख्य मामले का निपटारा होने में साढ़े 19 वर्ष लग गए, जहां इस केस के मुख्य मामले में दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से सजा हो चुकी है वहीं इसी से जुड़े तीन अन्य मामले अभी भी अदालत में विचाराधीन हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद गोपाल अंसल को हाल ही में एक वर्ष के लिए जेल भेज दिया था। अब वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सांसद राम जेठमलानी ने उनकी इस सजा को भी माफ़ करने के लिए राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर दी।

राष्ट्रपति ने इस याचिका को गृह मंत्रालय के पास स्थानांतरित कर दिया, तो गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल के पास दया याचिका भेजते हुए इस पर विचार करने को कहा है। फिलहाल याचिका विचाराधीन है। उधर, उपहार घटना पीड़ित एसोसिएशन की अध्यक्ष नीलम कृष्ण मूर्ति का कहना है कि संभवत: अपनी पहुंच के कारण दोषी दया पाने में सफल भी हो जाएं।

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दस्तावेज़ ग़ायब

आरोप है कि निचली अदालत में सुनवाई के दौरान अंसल बंधुओं ने अदालत के अहलमद दिनेश चंद्र शर्मा के जरिये मामले से संबंधित दस्तावेज भी गायब करवाए और इसी आरोप में उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इस मामले में अहलमद के अलावा सुशील अंसल, गोपाल अंसल, एचएस पंवार, पीपी बत्रा, अनूप सिंह व कर्नल डीपी मल्होत्रा अभियुक्त हैं।

पीड़ितों को धमकाया

मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ित नीलम कृष्ण मूर्ति व अन्य को धमकाने, जान से मारने की धमकियां देने, महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने व लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा करने के मामले में अंसल बंधुओं के अलावा उनके कर्मचारी प्रवीण शर्मा व दीपक कथपालियां के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

तारीख़ पर तारीख़

उच्च न्यायालय ने 3 जुलाई, 2007 को एक तरफा सुनवाई में निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगा दी थी और आठ वर्ष बाद हुई आधे घंटे की सुनवाई के बाद अदालत ने 3 मार्च, 2015 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

14 जुलाई को अदालत ने अंसल बंधुओं को मामले से अलग कर दिया। ट्रायल कोर्ट ने दोनों कर्मचारियों के खिलाफ अभियोग तय कर दिए, मगर दोनों ने बिना शर्त माफी मांग ली। अब कृष्ण मूर्ति को तय करना है कि वे माफी देती हैं या नहीं। सुनवाई एक जुलाई 2017 को तय है।

20 वीं बरसी पर देंगे श्रद्धांजलि

आज उपहार अग्निकांड की 20वीं बरसी है। घटना में 59 दर्शकों की मौत हुई व भगदड़ में 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। दुर्घटना में मृत लोगों के परिजन व शुभचिंतक दिल्ली में ग्रीन पार्क एक्सटेंशन स्थित स्मृति उपवन में श्रद्धांजलि देंगे।

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