सावधान: इस पुरानी तस्वीर की तरह कुछ भी पुराना वायरल हो सकता है

न जाने कितने वर्षो की पुरानी तस्वीरें, वीडियो और ख़बरें इस समय वायरल हो जाती हैं और आप उन्हें वायरल करने में लग जाते हैं। आप सोशल मीडिया पर आने वाले मैसेज से सावधान रहिये।

Deepanshu MishraDeepanshu Mishra   22 Aug 2018 12:25 PM GMT

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सावधान: इस पुरानी तस्वीर की तरह कुछ भी पुराना वायरल हो सकता है

सोशल मीडिया के इस दौर में आप जो कुछ भी वायरल करना चाहें वह बड़ी आसानी से वायरल हो सकता है। झूठी खबर, झूठी तस्वीरें और झूठे वीडियो कुछ भी वायरल करना हो बड़ी आसानी से हो जाता है। न जाने कितने वर्षो की पुरानी तस्वीरें, वीडियो और ख़बरें इस समय वायरल हो जाती हैं और आप उन्हें वायरल करने में लग जाते हैं। आप सोशल मीडिया पर आने वाले मैसेज से सावधान रहिये।

इस समय एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक लड़की स्कूल ड्रेस में एक वृद्ध महिला के सामने बैठी रो रही है और वह वृद्ध महिला भी उस बच्ची के साथ बैठकर रो रही है।

अब बात करते हैं इस तस्वीर की जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर को न जाने कितने लोगों ने सोशल मीडिया पर अलग-अलग मैसेज के साथ शेयर किया है। तस्वीर बहुत ज्यादा यानि के 11 वर्ष पुरानी है। तस्वीर गुजरात के वरिष्ठ फोटो पत्रकार कल्पित भचेच में ने वर्ष 2007 में ली थी। यह तस्वीर अचानक से 11 वर्षों के बाद चर्चा में कैसे आ गई। क्या ये तस्वीर अभी की है और तस्वीर के साथ आने वाले मैसेज में कितनी सच्चाई है?

फोटो पत्रकार कल्पित भचेच ने वायरल हो रही इस तस्वीर के बारे में बीबीसी गुजराती को बताया।

ये भी पढ़ें- झूठी खबर: आधी रात में आपको बच्चे के रोने की आवाज आए तो दरवाजा मत खोलिएगा

"वो दिन 12 सितंबर, 2007 था। मेरे जन्मदिन से एक दिन पहले मैं सवेरे 9 बजे घर से निकला। उस दिन पत्नी ने बोला था कि रात को समय से घर आ जाना क्योंकि कल आपका जन्मदिन है और रात 12 बजे केक काटेंगे। मैं काफ़ी खुश होकर घर से निकला। कुछ ही देर में मेरे मोबाइल पर अहमदाबाद के मणिनगर के जीएनसी स्कूल से कॉल आया। कॉल स्कूल की प्रिंसिपल रीटा बहन पंड्या का था। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के साथ वो लोग वृद्धाश्रम जा रहे हैं और क्या मैं इस दौरे को कवर करने के लिए आ सकता हूं। मैं तैयार हो गया और वहां से घोड़ासर के मणिलाल गांधी वृद्धाश्रम पहुंचा।

वहां एक तरफ़ बच्चे बैठे थे और दूसरी तरफ़ वृद्ध लोग थे। मैंने आग्रह किया कि बच्चों और वृद्धों को साथ-साथ बैठा दिया जाए ताकि मैं अच्छी तस्वीरें ले सकूं। जैसे ही बच्चे खड़े हुए, एक स्कूली बच्ची वहां मौजूद एक वृद्ध महिला की तरफ़ देखकर फूट-फूट कर रोने लगी। हैरानी की बात ये थी कि सामने बैठी वृद्धा भी उस बच्ची को देखकर रोने लगी। और तभी बच्ची दौड़कर वृद्ध महिला के गले लग गई और ये देखकर वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए।

मैंने उसी वक़्त ये तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर ली और फिर जाकर महिला से पूछा तो रोते हुए उन्होंने जवाब दिया कि वो दोनों दादी-पोती हैं। बच्ची ने भी रोते हुए बताया कि ये महिला उसकी बा हैं। गुजराती में दादी को बा बोला जाता है। बच्ची ने ये भी बताया कि दादी के बिना उसकी ज़िंदगी काफ़ी सूनी हो गई थी और ये भी बताया कि बच्ची के पिता ने उसे बताया था कि उसकी दादी रिश्तेदारों से मिलने गई है, लेकिन जब वो वृद्धाश्रम पहुंची तो पता चला कि असल में दादी कहां गई थी।"

अब सवाल यह है कि यह कहानी तो 11 वर्ष पहले की है तो यह तस्वीर इस समय कैसे वायरल हो गई? बीबीसी गुजराती के अनुसार 19 अगस्त को वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर एक प्रदर्शनी लगाई थी, जिसमें 10 फोटो स्टोरीज़ रखी गईं थीं। कल्पित भचेच की स्टोरी भी उनमें से एक थी। यहीं से किसी ने यह फोटो लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

साभार: बीबीसी

इस तस्वीर में उस लड़की और दादी के साथ फोटो खीचने वाले फोटो पत्रकार की तस्वीर । पिछले 11 वर्ष पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर इतना वायरल हो सकती है तो यह जरुर होता होगा कि पिछले कई वर्ष पुरानी तस्वीरें, फोटो, वीडियो जरूर वायरल होते होंगे और वैसे ही उन पर विश्वास कर लेते होंगे जैसे कि इस तस्वीर पर कर लिया है। आपको सावधान रहने की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है।

फेसबुक ने हाल ही में भारत में एक व्हाट्सऐप वर्कशॉप आयोजित की थी। इस वर्कशॉप में गांव कनेक्शन टीम ने भी हिस्सा लिया था। इसमें बताया गया था कि किसी खबर को फेक न्यूज या अफवाह बनाने वाली चीजें हैं अगर:

1. घटना के समय के साथ छेड़छाड़ की गई है

2. घटना को बढ़ाचढ़ा कर बताया गया है

3. गलत आंकड़े पेश किए गए हैं

4. दो अलग-अलग घटनाओं को जोड़ कर सनसनीखेज घटना बनाई गई है

5. मशहूर संस्थाओं, हस्तियों या उनके प्रतीक चिन्हों का इस्तेमाल करके झूठी खबर बनाई जाए

इस मामले में वृद्धाश्रम वाली घटना को ऐसे पेश किया गया था जैसे यह अभी घटी हो।

तस्वीर सच है या झूठी पता लगाने के लिए

गूगल रिवर्स इमेज सर्च से आप तस्वीरों का सच मालूम कर सकते हैं। इसके लिए आपको तस्वीर को ऑनलाइन अपलोड करना होगा और उसके बाद ये मालूम किया जा सकता है कि ये तस्वीर पहले कहां ऑनलाइन हुई थी। आप इसके लिए गूगल पर जा सकते हैं और इमेज सर्च कर सकते हैं या फिर गूगल सर्च इमेज का विस्तार करके क्रोम ब्राउजर पर सर्च कर सकते हैं।

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