बलात्कार के बाद गर्भवती बनी मूक-बधिर नाबालिग लड़की के पिता ने कहा- इसे जहर दे दो
वो बचपन से ही बोल नहीं सकती है, सुन नहीं सकती। जब उसने उसे पकड़ा तो वो चिल्लाकर विरोध भी न जता सकी। 17 साल की उम्र में उसका रेप हुआ, वो गर्भवती हो गयी, अभी डेढ़ साल के बेटे की मां है।
Neetu Singh 24 Dec 2019 1:42 PM GMT
नीतू सिंह/मोहित शुक्ला
पिसावां (सीतापुर)। एक पिता को जब ये पता चलता है कि उनकी मूक-बधिर नाबालिग लड़की का रेप हुआ है और वो पांच महीने की गर्भवती है तो उन्होंने अपनी पत्नी से कहा, 'इसे जहर दे दो, हम गरीब लोग कैसे लड़ पाएंगे केस।"
यूपी के सीतापुर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर पिसावां ब्लॉक के एक गांव में रहने वाले ये उस पिता की आप बीती है जिनकी 17 वर्षीय मूक-बधिर नाबालिग लड़की निकिता (बदला हुआ नाम) के साथ 14 अगस्त 2017 को उनके पड़ोसी रिश्तेदार ने दुष्कर्म किया था। वो गर्भवती हो जाती है, अभी डेढ़ साल के बेटे की मां है। आरोपी पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद जरूर हैं लेकिन असल कैद में तो निकिता का जीवन है जो रेप के बाद 'बिन ब्याही बच्चे की मां बन गयी' जैसे तानों से हर दिन दो चार होती है।
निकिता की मां का आरोप है कि एक महीने थाने के चक्कर लगाने के बाद एफआईआर दर्ज हुई। उन्होंने बताया, "इसके पापा कह रहे थे तुम इतना परेशान हो रही हो गरीबों की कोई नहीं सुनता। जहर दे दो इसे, थाने कोर्ट कचहरी करना गरीबों के बस की बात नहीं है," ये बताते हुए वो भावुक हो गईं, "अपनी बिटिया थी जहर कैसे दे देते? हमने सोचा जो होगा देखा जाएगा। हम ही बच्चे की देखरेख करते हैं वो ज्यादा कुछ कर नहीं पाती है। लोग कहते हैं कैसी मां है जो बिन ब्याही बेटी के बच्चे को खिलाती रहती है। वो अभी छोटी है बच्चे को नहीं संभाल पाती है, हम नहीं संभालेंगे तो उसे कौन देखेगा।
निकिता तीन बहन और एक भाई में दूसरे नंबर की है। वो बचपन से ही बोल नहीं सकती है, सुन नहीं सकती। जब उसने उसे पकड़ा तो वो चिल्लाकर विरोध भी न जता सकी। निकिता के पिता लखनऊ में ड्राइवर हैं। उनका 13 अगस्त 2017 को एक्सीडेंट हो गया था। निकिता की मां उसी दिन अपने पति को देखने लखनऊ आ गईं थीं। निकिता के परिवार का आरोप है कि वो घर में अकेली थी तभी एक पड़ोसी रिश्तेदार ने 14 अगस्त 2017 की शाम को घर में घुसकर उसका रेप किया। निकिता ने उसी वक़्त जाकर आरोपी की मौसी को पूरी घटना इशारों में बताई। लेकिन उन्होंने इशारों में ही उसे किसी और को बताने से मना किया और जान से मारने की धमकी दी।
निकिता की मां उसके बेटे को गोद में लिए उसे दुलार रही थी, "जबसे ये लड़का हुआ है सब हमारी लड़की के लिए यही कहते हैं 'एक तो गूंगी बहरी है और ऊपर से ऐसे कर्म'। हमारे रिश्तेदार फोन करके हमें मना करते हैं कि उसे (निकिता) लेकर मत आना क्योंकि हमारी बेइज्जती होगी।" समाज के इन तमाम तानों को दरकिनार कर निकिता की मां अपनी बेटी और बच्चे का पूरा ख्याल रखती हैं। वो कहती हैं, "इसमें इसका और इस बच्चे का क्या कुसूर है? हम तो यही सोचते हैं जैसे मेरा एक लड़का है वैसा दूसरा ये है। हम इसे लेकर रिश्तेदारी में कहीं नहीं जाते, किसी खास रिश्तेदारी में ही हम खुद जाते हैं। हमने भी लोगों के यहां जाना बहुत कम कर दिया है।"
घटना के लगभग पांच महीने बाद निकिता की मां को उसका पेट देखकर गर्भवती होने का पता चला। वो कहती हैं, "इस घटना के बाद ये बहुत डर गयी थी। उन लोगों ने इसे इशारों में धमकी भी दी थी कि किसी को बताना मत, तभी बिटिया ने नहीं बताया नहीं तो वो बताती जरूर। जब इसका बढ़ा हुआ पेट देखा तो इसने इशारों में पूरी बात बताई। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।" वो पुलिस के रवैये को भी कोस रहीं थीं, "इसके गर्भवती होने का हमें 26 जनवरी 2018 को पता चल गया था। तबसे रोज इसे पिसावां थाने लेकर जाते थे लेकिन पुलिस हमें टरका देती थी। कई बार दिन में दो तीन चक्कर थाने के लगा देते पर एफआईआर दर्ज नहीं की गयी। थक हारकर सीतापुर एसपी साहब के पास गये तब जाकर पिसावां थाने में 22 फरवरी 2018 को एफआईआर लिखी गयी।"
एफआईआर लिखने में इतना विलम्ब क्यों हुआ इस पर पिसावां थाने के सब इंस्पेक्टर और इस केस के जांच अधिकारी रहे असमित भारती गांव कनेक्शन को फोन पर बताते हैं, "अगर वो ऐसा आरोप लगा रही हैं तो हम उसके लिए कुछ नहीं कह सकते, लेकिन बस इतना कहना चाहेंगे जब भी थाने पर कोई मामला आता है तो प्रकरण को देखते हुए तुरंत एफआईआर लिखी जाती है। ये तो वैसे भी बहुत ही संवेदनशील मामला था जिसको दर्ज करना हमारी प्राथमिकता था। मुझे नहीं लगता इसकी एफआईआर के लिए उन्हें एसपी ऑफिस जाना पड़ा होगा।"
इस केस में अभी तक क्या हुआ इस पर असमित बताते हैं, "ये केस मेरे कॅरियर का पहला केस था जिसमें पीड़िता मूक-बधिर थी। मैंने व्यक्तिगत तौर पर इस केस में पीड़ित परिवार की जितना संभव हो सका उतनी मदद की। पीड़िता के मजिस्ट्रेट बयान के लिए हम उसे मूक-बधिर विद्यालय ले गये जहां पर शिक्षक की मदद से पीड़िता के बयान दर्ज कराये। आरोपी अभी जेल में है।"
निकिता ने लगभग आठ महीने पूरे होते ही समय से पहले एक बेटे को 30 मार्च 2018 को जन्म दिया। वो खुद बहुत दुबली पतली थी, बच्चे का वजन भी बहुत कम था, समय से पहले डिलीवरी होने की वजह से एक महीने तक वो और उसका बच्चा अस्पताल में भर्ती रहा। निकिता की मां ने बताया, "जब बच्चे को सीतापुर में आराम नहीं मिला तो हमने इसे लखनऊ में भर्ती कराया। बच्चा कई दिनों तक वेंटीलेटर पर रखा गया। अकेले ही भागदौड़ करते रहे, ये दोनों सही सलामत रहे यही तसल्ली है।"
बलात्कार के बाद सीरीज के सभी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें---
भाग-1 कैसी है उस बच्ची की जिंदगी जो 12 साल की उम्र में रेप के बाद मां बनी थी?
भाग-2 रेप के बाद घर पहुंची नाबालिग के लिए भाई ने कहा- इसे मार डालो, मां ने नहीं की हफ्तों बात
भाग-3 बलात्कार के बाद सीरीज पार्ट-3 'बिटिया जब घटना को याद करती है तो रोने लगती है'
भाग-4 "गैंगरेप की घटना के बाद लोग मेरे ही साथ अछूतों सा व्यवहार करते हैं..."
भाग-5 'गैंगरेप हुआ है इसके साथ, अब कौन करेगा तुम्हारी बेटी से शादी' ?
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