किसान की हार्ट अटैक से हुई मौत, परिवार ने कहा- कर्ज से थे परेशान

ये मामला कन्नौज के जेवां अटारा गांव का है। इस गांव के किसान सुशील तिवारी (54 वर्ष) का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

Ajay MishraAjay Mishra   17 Dec 2018 11:30 AM GMT

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किसान की हार्ट अटैक से हुई मौत, परिवार ने कहा- कर्ज से थे परेशान

कन्नौज। आलू के गिरते दाम और कर्ज के बोझ ने एक किसान को इतना परेशान किया कि हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई। कन्नौज में आलू का अच्‍छा उत्‍पादन होता है, लेकिन आलू की कम कीमत यहां के किसानों को परेशान कर रही है। जिले में 15 दिन के भीतर ही ये तीसरे किसान की मौत है।

ये मामला कन्नौज के जेवां अटारा गांव का है। इस गांव के किसान सुशील तिवारी (54 वर्ष) का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। सुशील के भाई संतोष तिवारी बताते हैं, ''मेरे भाई कर्ज में फंसे थे। कर्ज देने वाले रोज तगादा भी कर रहे थे। रुपए न होने की वजह से मेरे भाई काफी काफी चिंता में रहते थे। वहीं, आलू की कीमत भी नहीं मिल रही थी। इस कारण उनकी परेशानी और बढ़ गई, ऐसे में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया।''

संतोष आगे बताते हैं ''भाई ने इस बार 15 बीघा जमीन पर आलू की फसल की थी। नए आलू का दाम बाजार में गिर गया है, जिसको लेकर वह काफी परेशान थे। रविवार की शाम करीब पांच बजे उनका अटैक आया और उनकी मौत हो गई।'' सुशील तिवारी पर सहकारी समिति अटारा तिर्वा का एक लाख रुपए, आर्यावर्त ग्रामीण बैंक जसोदा से साढ़े चार लाख रुपए, ट्यूबवेल बिजली विभाग का करीब तीन लाख रुपए कर्ज था।

मृतक किसान सुशील के बड़े पुत्र अमित तिवारी बताते हैं, ''भूमि विकास बैंक कन्नौज शाखा से भी करीब चार लाख रुपए कर्ज लेने की बात भी पिताजी ने कही थी। अन्य कर्ज भी था। फसल में मुनाफा नहीं मिल रहा था। इस वजह से वह कर्ज में डूबते ही गए।'' अमित ने आगे बताया, ''15 दिसंबर को सुबह अचानक तबियत बिगड़ गई। आनन-फानन में उनको कानपुर के कार्डियोलॉजी की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। अगले दिन रविवार को उनका निधन हो गया। वह काफी परेशान थे।''

तहसीलदार अरविंद कुमार कहते हैं कि, ''हार्ट अटैक से किसान की मौत का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष और राष्ट्रीय पारिवारिक योजना का लाभ दिलाने के लिए किसान का नाम भेजा जाएगा।''

इन किसानों की हो चुकी है मौत

इससे पहले कन्नौज जनपद के गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के सियरमऊ निवासी सुभाष चंद्र पाल का शव नौ दिसम्बर 2018 को सुबह गांव के निकट एक बाग में लटकता मिला था। उनके पुत्र अमित कुमार ने प्रभारी निरीक्षक को कर्ज और नोटबंदी के चलते जान देने की तहरीर दी थी। दूसरा मामला गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के घासीपुर्वा गांव का है। यहां 11 दिसम्बर को एक किसान बृजेश ने फांसी लगाकर आत्‍महत्‍या कर ली थी। बताया जाता है कि उसको आलू के कम दाम मिले थे।

  

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