किसान आंदोलन: गृह मंत्री का प्रस्ताव नामंजूर, किसानों ने बुराड़ी मैदान को बताया ओपन जेल, कहा- हमारे पास 4 महीने का राशन है, दिल्ली जाम करेंगे

किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के उस प्रस्ताव को मानने से मना कर दिया है जिसमें उन्होंने किसानों से अपील की थी कि वे दिल्ली पुलिस की चिन्हित जगह पर आंदोलन करें। तब सरकार 3 दिसंबर से पहले किसानों से बात करेगी। साथ ही किसानों ने कहा है कि वे दिल्ली को जाम करेंगे। वे चार महीने का राशन लेकर आये हैं।

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farmers protest, farmers in delhiकेिसानों ने बुराड़ी मैदान में जाने से मना कर दिया है। (सभी तस्वीरें- गांव कनेक्शन)

नई दिल्ली के बुराड़ी मैदान में किसान आंदोलन के चौथे दिन शाम को हुई बैठक में किसान संगठनों ने बुराड़ी जाने की अपील को ठुकरा दिया। किसान संगठनों ने कहा कि सरकार उनसे बिना किसी शर्त बात करे।

किसान आंदोलन के चौथे दिन सुबह 30 किसान संगठनों की बैठक हुई थी। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल 450 किसान संगठनों ने मिलकर 7 सदस्यों की एक कमेटी बनाई जिसकी बैठक रविवार 29 नवंबर को शाम को हुई जिसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे की रणनीति बताई गई।

किसान संगठनों ने कहा कि किसान संगठनों की एक साझा संचालन समीति बनी है, जो आगे फैसला करेगी। हम दिल्ली जाने वाले पांच मुख्य मार्गों को जाम कर दिल्ली जाम करेंगें और हमारे पास इतना राशन है कि 4 महीने रोड पर बैठ सकते हैं।

संगठनों ने कहा कि किसी भी राजनीति दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं होगी। जो भी मीटिंग होगी उसकी जानकारी प्रेस रीलिज के माध्यम से दी जायेगी। किसानों ने कहा कि सरकार बिना किसी शर्त किसानों से बात। बुराड़ी हमारे लिए ओपन जेल है, हम वहां नहीं जाएंगे।

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पत्रकारों से बातचीत में भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी (पंजाब) के अध्यक्ष सुरजीत एस फुल ने कहा कि हमने फैसला किया है कि हमारे मंच से किसी राजनीतिक पार्टी को बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा, चाहे कांग्रेस, बीजेपी, आप या कोई अन्य पार्टी हो। हमारी कमिटी दूसरे संगठनों को अनुमति देगी, जो हमारे समर्थन में हैं और हमारे नियमों को मुताबिक बोलेंगे।

किसान नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा बातचीत के लिए जो कंडीशन थी हम उसे किसान संगठनों का अपमान मानते हैं। अब हम बुराड़ी पार्क में बिलकुल नहीं जाएंगे। हमें पता चला है कि वो पार्क नहीं ओपन ज़ेल है। हम ओपन ज़ेल में जाने की बजाय 5 मेन मार्ग जाम कर दिल्ली की घेराबंदी करेंगे।

पंजाब और हरियाणा से अभी भी बड़ी संख्या में किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं।

किसानों की बैठक में शामिल स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, "अमित शाह जी के बयान के बाद कल रात गृह सचिव की तरफ से भेजी गई चिट्ठी में कृषि कानून पर बातचीत के लिए सड़कें खाली करके बुराड़ी आने की जो शर्त लगाई गई थी, किसानों ने उसे नामंजूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी मकसद रास्ता रोककर जनता को परेशान करना नहीं है। किसान दो महीने से यह आंदोलन चला रहे हैं। ऐसे में सरकार ऐसे शर्त लगाकर भेजेगी तो हम कैसे जाएंगे।

कृषि मंत्री ने कहा- सरकार हर स्तर पर खुले मन से बातचीत करने को तैयार है

रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर किसानों के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखा।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, "भारत सरकार किसानों से तीन दौर की वार्ता कर चुकी है, चौथी बार तीन दिसंबर को मिलने का प्रस्ताव दिया था। सरकार हर स्तर पर खुले मन से बातचीत करने को तैयार है पर किसान यूनियन को बातचीत का माहौल बनाना चाहिए। उन्हें आंदोलन का रास्ता छोड़ चर्चा का रास्ता अपनाना चाहिए।"

इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में भी कृषि कानूनों को लेकर बात की। अपने संबोधन में उन्होंने ने कहा, "मेरे प्यारे देशवासियों, भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है।"

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