दिल्ली में किसान और मजदूरों प्रदर्शन, येचुरी बोले- अगर जिंदगी को बचाना है तो मोदी सरकार को हटाना है
गाँव कनेक्शन 5 Sep 2018 5:54 AM GMT
लखनऊ। कर्जमाफी, महंगाई, न्यूनतम भत्ता समेत कई मुद्दों को लेकर देश के हजारों किसान और मजदूर देश की राजधानी नई दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार सुबह देशभर से बड़ी हजारों की संख्या में मजदूर, किसान और सर्विस सेक्टर के कर्मचारी दिल्ली पहुंचे और रामलीला मैदान से संसद की ओर मार्च किया।
ऑल इंडिया किसान महासभा, अखिल भारतीय किसान महासभा और सीटू के नेतृत्व में हजारों मजदूर और किसान दिल्ली में इकट्ठा हो गये हैं। केरल के बाढ़ पीड़ित परिवार भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार दिल्ली की सड़कों पर सुबह भीषण जाम लग गया है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने का अनुमान नहीं था।
रैली में पहुंचे सीपीआई एम के महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर खूब हमला बोला। किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनता के अंदर काफी आक्रोश है, लाखों की तादाद में किसान-मजदूर दिल्ली आए हैं। सरकार ने जनता को धोखा दिया है, अगर जिंदगी को बचाना है तो मोदी सरकार को हटाना है। उन्होंने कहा कि अब अच्छे दिन तभी आएंगे जब ये सरकार जाएगी।
Workers, Farmers from all across India: In Delhi today.#MazdoorKisanSangharshRally pic.twitter.com/HCHhpP5NTH
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) September 5, 2018
उन्होंने रैली में कहा कि 2019 में हम पूरी कोशिश करेंगे, इस सरकार को हटाया जाए ताकि बेहतर भारत बना सकें। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते हम एक देशव्यापी आंदोलन का ऐलान करेंगे। येचुरी बोले कि जितना पैसा विज्ञापन पर खर्च हुआ है, उतना अगर अन्नदाताओं पर खर्च हुआ होता तो ये हालत नहीं होती।
ये भी पढ़ें- ए2, ए2+एफएल और सी2, इनका नाम सुना है आपने ? किसानों की किस्मत इसी से तय होगी
अखिल भारतीय किसान सभा की मानें तो रैली में पांच लाख किसान और मजदूर शामिल हुए हैं जो केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ संसद तक मार्च में हिस्सा ले रहे हैं। रैली में देश के कई बड़े किसान नेता भी शामिल हुए हैं।
मजदूर संगठन 'सीटू' के महासचिव तपन सेन मंच से कहा कि आजाद भारत में पहली बार सरकार के खिलाफ आयोजित रैली में किसान और मजदूर एकजुट होकर हिस्सा लें रहे हैं। यह अंतिम नहीं बल्कि पहली रैली है। मौजूदा केन्द्र सरकार सिर्फ धनी और कार्पोरेट घरानों के हितों को साधने वाली नीतियां बना रही है. इसका सीधा असर गरीब मजदूरों और किसानों पर हो रहा है।
Tapan Sen, General Secretary @cituhq, addresses the Mazdoor, Kisans at Parliament Street. He announces workers will join the Kisan long March in November. #KisanMazdoorFightBack pic.twitter.com/g3nM2ytL2U
— CPI (M) (@cpimspeak) September 5, 2018
किसान और मजदूरों की क्या हैं प्रमुख मांगें
1- रोज बढ़ रही कीमतों पर लगाम लगाई जाए
2- खाद्य वितरण प्रणाली की व्यवस्था को ठीक किया जाए।
3- मौजूदा पीढ़ी को उचित रोजगार मिले।
4- सभी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी भत्ता 18000 रुपया प्रतिमाह तय किया जाए।
5- मजदूरों के लिए बने कानून में मजदूर विरोधी बदलाव ना किए जाएं।
6- किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू हों।
7- गरीब खेती मजदूर और किसानों का कर्ज माफ हो।
8- खेती में लगे मजदूरों के लिए एक बेहतर कानून बने।
9- हर ग्रामीण इलाके में मनरेगा ठीक तरीके से लागू हो।
10- खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और घर की सुविधा मिलें।
11- मजदूरों को ठेकेदारी प्रथा से राहत मिले।
12- जमीन अधिग्रहण के नाम पर किसानों से जबरन उनकी जमीन न छीनी जाए।
13- और प्राकृतिक आपदा से पीड़ित गरीबों को उचित राहत मिले।
14- किसानों को सी-2 लागतों पर एमएसपी मिले।
15- भूमिहीनों के लिए ज़मीन और कृषि उपज के लिए बेहतर कीमतें मिले।
More Stories