कर्ज से दबे किसान ने की आत्महत्या 

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कर्ज से दबे किसान ने की आत्महत्या फोटो साभार: गूगल इमेज

रायपुर (भाषा)। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में किसान ने कथित रूप से कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली है। महासमुंद जिले के अधिकारियों ने आज बताया कि जिले के बागबहरा विकासखंड के कोमाखान पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत मोखा गांव में आदिवासी किसान मंथिर सिंह ध्रुव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने किसान से कोई भी सुसाइड नोट बरामद नहीं किया है। किसान के परिजनों ने बताया कि उसने फसल के लिए कर्ज लिया था, जिसके कारण वह परेशान था। इसी वजह से किसान ने आत्महत्या की है।

हालांकि, जिला प्रशासन के मुताबिक किसान को आथर्कि परेशानी नहीं थी। महासंमुद जिले के कलेक्टर हीमशिखर गुप्ता ने भाषा को बताया कि प्राथमिक जांच में अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि किसान ध्रुव ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की है। अभी मामले की जांच की जा रही है। कलेक्टर ने बताया कि मंथिर के पास गांव में 7.5 हेक्टेयर जमीन है। वहीं वह फसल के लिए कोआपरेटिव सोसाइटी से लिया गया लोन भी प्रति वर्ष पटाता है। किसान ने पिछले फसल के मौसम में इस वर्ष जनवरी फरवरी में चार लाख रुपए का धान भी बेचा था।

जिला अधिकारी ने बताया कि किसान के उपर अभी कोआपरेटिव सोसाइटी का 1.25 लाख रुपए लोन है तथा पिछले वर्ष खरीदे गए ट्रेक्टर का 2.25 लाख रुपए लोन है। लेकिन प्राथमिक जांच के मुताबिक ऐसी जानकारी नहीं मिल रही है कि किसान ने पैसे की कमी से ऐसा कदम उठाया है। मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में किसान के बेटे देवी सिंह ने बताया कि उसके पिता पिछले कुछ समय से परेशान थे।

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पिछले वर्ष ही उन्होंने ट्रेक्टर के लिए लोन लिया था। वहीं खेती के लिए भी कुछ लोन लिया था। वह लोन पटाने को लेकर परेशान रहते थे। पिछले रबी के मौसम में फसल भी खराब हुआ था। वहीं खेत में कराया गया बोर भी काम नहीं कर रहा था। देवी सिंह ने कहा कि इन सब कारणों से उनके पिता अक्सर परेशान रहते थे। किसान के आत्महत्या के बाद छत्तीसगढ़ किसान महासंघ के पदाधिकारी गुरुवार को उसके घर पहुंचे और सरकार से मृत किसान के परिजनों के लिए 50 लाख रुपए मुआवजा की मांग की। महासंघ ने कहा है कि यदि सरकार किसानों के हित में लोन माफी, बोनस और धान के लिए 21 सौ रुपए समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं करती है तब आंदोलन किया जाएगा।

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