किसान आंदोलन: इंटरनेट सेवाएं, बिजली-पानी बंद करने के विरोध में 6 फरवरी को किसानों का चक्का जाम, पुलिस ने बॉर्डर छावनी में बदले
shivangi saxena 1 Feb 2021 7:01 PM GMT
दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में छह फ़रवरी को देशभर में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक, तीन घंटे का चक्का जाम करने का ऐलान किया गया। ये चक्का जाम किसानों के धरना स्थल पर इंटरनेट और बिजली-पानी जैसी सुविधाएं बंद करने और किसान आंदोलन कवर कर रहे पत्रकारों पर हमलों के विरोध में है।
किसान नेताओं का कहना है कि प्रशासन की तरफ़ से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप है कि बॉर्डर पर बिजली, पानी, टॉयलेट और इंटरनेट सेवाओं को बंद दिया गया है। टिकरी बॉर्डर पर लोगों का कहना है कि पानी के लिए वो अपने-अपने गाँव से आ रहे लोगों पर निर्भर हैं जो अपने साथ पानी के टैंकर और बोतलें लेकर आ रहे हैं। उधर, किसान एकता मोर्चा समेत किसान आंदोलन से जुड़े कई ट्विटर एकाउंट्स को बंद कर दिया गया है।
दूसरी तरफ़ पुलिस ने टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। 26 जनवरी के बाद से यहाँ पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई। अब यहां सात लेयर की बैरिकेडिंग की गई है। रविवार शाम को पुलिस ने जेसीबी से ज़मीन को खोदना शुरू कर दिया था। सड़कें खोदकर उसमें लंबी-लंबी कीलें व नुकीले सरिये भी लगा दिए गए हैं। पुलिस की तरफ रोड रोलर, जेसीबी और क्रेन खड़ी हैं जिसके ज़रिए बैरिकेडिंग की जा रही है।
पहले बैरिकेडिंग किसानों के मेन स्टेज से टिकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन तक ही की गई थी जिसे अब बढ़ा दिया गया है। पुलिस ने बॉर्डर पर ही सड़क खोदकर उस पर सीमेंट की लेयर लगाई है और उसपर नुकीली कीलें लगवा दी हैं ताकि ट्रैक्टर दिल्ली की तरफ न आ पाएं।
टिकरी बॉर्डर इस समय किसी जंग के मैदान से कम नहीं लग रहा। स्थिति आर या पार की लग रही है। पुलिस और किसानों के बीच करीब तीस मीटर का एरिया खाली छोड़ा गया है। इस एरिया मे किसानों का आना मना है।
ये भी पढ़ें- Ghazipur Border: राकेश टिकैत के आंसुओं ने चार घंटे में पलटा नजारा, कोई खाना छोड़ तो कोई सीधे अस्पताल से दौड़ा
किसानों का कहना है कि वो शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे। हरप्रीत (30) गुज्जर, फरीदकोट से आए हैं और नवंबर से किसान आंदोलन से जुड़े हुए हैं। वो उन वालंटियर्स मे शामिल हैं जो मेन स्टेज के पास सुरक्षा व्यवस्था में हैं। उन्होंने बताया कि 28 जनवरी को एक ग्रुप मेन स्टेज की तरफ भागने की कोशिश करता हुआ किसान विरोधी नारेबाज़ी करने लगा। किसानों ने इन्हे पकड़कर पुलिस को दिया लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और सभी को थोड़ा दूर ले जाकर छोड़ दिया।
More Stories