कर्नाटक में सूखा राहत राशि के नाम पर किसानों के साथ मजाक, मुआवजे में मिला सिर्फ 1 रुपए!

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
कर्नाटक में सूखा राहत राशि के नाम पर किसानों के साथ मजाक, मुआवजे में मिला सिर्फ 1 रुपए!किसानों के साथ मजाक

लखनऊ। इस समय जब देश में किसान आंदोलन उग्र है, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, दूसरी ओर कर्नाटक में किसानों के साथ एक भद्दा मजाक किया गया।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक तीन साल पहले तीन साल पहले सूखे की वजह से खराब हुई फसलों का मुआवजा किसानों को अब जाकर मिला है, उसमें भी सबसे शर्मनाक यह था कि किसानों को एक रुपए से लेकर तीन हजार का मुआवजा दिया है।

कर्नाटक के हुबली जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से इसे टेस्ट ट्रांजैक्शन बताया जा रहा है। रेवन्यू डिपार्टमेंट की तरफ से बताया जा रहा है कि ये मुआवजा 6 जून को टेस्ट चेक के आधार पर नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन की तरफ से किया गया है। जब ये टेस्ट सही साबित हो जाएंगे तो लाभार्थियों को पूरा मुआवजा भेजा जाएगा।

ये भी पढ़ें: जब-जब सड़ीं और सड़कों पर फेंकी गईं सब्जियां, होती रही है ये अनहोनी

अप्रैल में ही केंद्र के नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड ने 1712 .1 करोड़ रुपए कर्नाटक के लिए जारी किए थे। इसमें 2016-17 में करीब 10 लाख किसानों को रबी सीजन के दौरान खराब हुई फसलों का मुआवजा जारी हुआ था। हालांकि राज्य सरकार ने किसानों के लिए 4,702 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की थी।

मंदसौर पर महाभारत: किसान आंदोलन के बहाने एक-दूसरे को घेरने में जुटे नेता

मालूम हो कि पिछले तीन साल में कर्नाटक ने जितने भीषण सूखे का सामना किया था उतना 40 साल में भी नहीं किया। तब इस खबर ने अखबारों और टीवी चैनलों पर सुर्खियां बनाई थी।

साल 2015 के मानसून में वहां 86 फीसदी से भी कम बारिश हुई थी। वहीं साल 2014 में 88 फीसदी बारिश हुई थी। पहले के मुकाबले साल 2015 में 12 फीसदी और साल 2015 में 14 फीसदी कम बारिश हुई थी। दो वर्षों में में 12 से 14 फीसदी तक कम बारिश की वजह से देश के 12 राज्यों में सूखा पड़ा था।

किसान आंदोलन की आग में सुलगता मन्दसौर

          

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.