प्याज के निर्यात पर पाबंदी के खिलाफ सड़क पर किसान, नासिक में हाईवे जाम

प्याज की कीमतों को लेकर घमासान जारी है। सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निर्यात पर रोक लगी दी है। तो इसके खिलाफ किसान सड़क पर उतर आए हैं।

Arvind ShuklaArvind Shukla   30 Sep 2019 7:30 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
प्याज, प्याज स्टॉक, केंद्र सरकार, केंद्रीय वाणिज्य एंव औद्योगिक मंत्रालय, प्याज निर्यात बैन, प्याज निर्यात, प्याज, Onion Export Ban, Onion export, Onion, Farmers against ban on onion exports

  • प्याज निर्यात पर केंद्र की रोक से किसान-व्यापारी दोनों में नाराजगी
  • प्याज की कीमत नियंत्रित करने के लिए सरकार ने लगाई है रोक

नासिक/लखनऊ। प्याज के निर्यात पर पाबंदी के खिलाफ किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र के नासिक में कई जगह किसान सड़क पर उतरे हैं। नाशिक में उमराने गांव के पास सैकड़ों किसानों ने मुंबई-आगरा हाईवे पर गाड़ियों का आवागमन रोक दिया है। वहीं सटाना में प्याज मंडी के पास भी किसान ने रोड जाम कर दिया है। किसानों का आरोप है कि निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर सरकार का किसानों का नुकसान कर रही है।

पिछले कुछ दिनों से भारत में प्याज की कीमतें बढ़ी हुई हैं। नासिक की लासलगांव और पिंपलगांव (बसवंत) में प्याज की थोक कीमत 32 से 40 रुपए प्रति किलो के आसपास हैं। मुंबई में फुटकर प्याज 60 से 65 जबकि दिल्ली में 70 रुपए के आसपास बिक रहा है। किसान तुरंत निर्यात खोलने की मांग कर रहे हैं।

"सरकार को तुरंत कांदे का निर्यात खोलना चाहिए, क्योंकि ये ही किसानों के लिए दाम मिलने का सही मौका था लेकिन सरकार ने वो बंद कर दिया। अगर प्याज बाहर नहीं जाएगा तो अच्छा रेट कैसे मिलेगा। किसान मजबूरी में सड़क पर उतरा है। पिछले साल इनता नुकसान हुआ था कोई नहीं बोला, इस बार थोड़ा अच्छा रेट मिल रहा है सब बोल रहे हैं।" महाराष्ट्र में शिरड़ी गांव के किसान पप्पू शिंदे ने गांव कनेक्शन से कहा। महाराष्ट्र समेत कई इलाकों में प्याज को कांदा भी कहा जाता है।

पप्पू शिंदे बताते हैं प्याज किसानों के लिए अच्छा मौका होता है क्योंकि पहले सावन था, फिर गणपति आए, पितृपक्ष और फिर नवरात्र चल रहे हैं, इन दौरान प्याज की खपत कम हो जाती है लेकिन अक्टूबर में त्योहारी सीजन में अच्छा भाव मिलता है। लेकिन अब किसानों को नुकसान होगा।

पप्पू शिंदे के मुताबिक एक हफ्ता पहले तक एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव और पिंपलगांव में अच्छा प्याज 5000 रुपए प्रति कुंतल तक पहुंच गया था लेकिन अब फिर 3400-3800 रुपए के बीच आ गया है। किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन चुनाव के चलते किसानों पर दबाव डाला जा रहा है।"

यह भी पढ़ें- प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए निर्यात पर रोक, जमाखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश

महाराष्ट्र में कमोडिटी पर नजर रखने वाले जानकार दीपक चव्हाण गांव कनेक्शन को बताते हैं, "आज (सोमवार) को नासिक की मंडियों में प्याज की खरीद बंद है। किसान निर्यात से रोक हटाने की मांग कर रहे हैं। उम्मीद है मंगलवार से काम फिर शुरू हो जाएगा क्योंकि सप्लाई जारी रहना जरूरी है, वर्ना कालाबाजारी करने वाले फुटकर बाजार में प्याज के रेट बढ़ा देंगे। किसानों के लिए भी जरूरी है कि उनका माल बिकता रहा। क्योंकि इधर लगातार बारिश के चलते प्याज सड़ भी रहा है।'

सरकार ने तत्काल प्रभाव से रोका निर्यात

आम लोगों को सस्ता प्याज मिले इसके लिए केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है साथ ही थोक और खुदरा व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा भी तय कर दी है। केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने राज्यों को निर्देश देते हुए कहा है कि वे जमाखारों पर सख्त कार्रवाई करें।

सरकार ने अधिसूचना जारी कर खुदरा कारोबारियों के लिए 100 कुंतल और थोक कारोबारियों के लिए 500 कुंतल भंड़ारण सीमा तय की है।

Updating...


   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.