भयावह होती कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ओर कम पड़ते संसाधनों की वजह से रोजाना तीमारदारों को अपनों को बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। इनमें मेडिकल ऑक्सीजन की कमी भी प्रमुख है। ऐसे में केंद्रीय उर्वरक राज्य मंत्री ने सार्वजनिक, निजी और सहकारी क्षेत्र की उर्वरक कंपनियों के साथ बैठक कर उनके संयंत्रों में ऑक्सीजन के उत्पादन की संभावना पर चर्चा की।
केंद्रीय उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने उर्वरक कंपनियों से इस महामारी के समय में ऑक्सीजन उत्पादन की अपनी मौजूदा क्षमता को पुन: प्राप्त करने और अस्पतालों को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाकर मदद करने का आह्वान किया। वहीं उर्वरक कंपनियों ने इस पहल का स्वागत किया और भारत सरकार के प्रयासों में शामिल होने के लिए दिलचस्पी दिखाई।
Fertiliser Companies to supply #Oxygen soon!
~50 MT Medical O2 per day will be supplied by fertilizer companies for COVID patients.
India is committed to thwart the pandemic with deeper resolve & continuous efforts!#IndiaFightsCorona
📄: https://t.co/8Ka7yKy63C pic.twitter.com/IKIXME7Nfm
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) April 28, 2021
कंपनियों ने शुरू किया उत्पादन
जीएसएफसी ने अपने संयंत्रों में छोटे संशोधन कर लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की है। जीएनएफसी ने भी लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति भी शुरू कर दी है। इन दोनों ने अपनी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। वहीं इफको गुजरात की अपनी कलोल इकाई में 200 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाला एक ऑक्सीजन संयंत्र लगा रहा है और उनकी कुल क्षमता 33,000 क्यूबिक मीटर प्रति दिन होगी। इसके अलावी उर्वरक कंपनियां सीएसआर फंडिंग के माध्यम से देश के चुनिंदा स्थानों पर अस्पतालों/संयंत्रों में चिकित्सा संयंत्र स्थापित करेंगी।
ऐसे में कुल मिलाकर यह उम्मीद की जाती है कि चिकित्सा ऑक्सीजन उर्वरक संयंत्रों द्वारा कोविड रोगियों के लिए प्रतिदिन लगभग 50 मीट्रिक टन (एमटी) मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सकता है। ये कदम आने वाले दिनों में देश के अस्पतालों में मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाएंगे।

















