खाद का नया रेट: डीएपी पर 1650 तो यूरिया पर 2000 रुपए प्रति बोरी की सब्सिडी, एनपीके 265 रुपए प्रति बोरी महंगी, इस दर पर मिलेंगी खादें

किसानों के लिए लाभ हानि से जुड़ी मिलीजुली खबर है।डीएपी और यूरिया को महंगा होने से रोकने के लिए सरकार ने सब्सिडी बढ़ा दी है। अब यूरिया पर सब्सिडी 2000 रुपए और डीएपी पर 1650 रुपए प्रति बोरी की सब्सिडी है। हालांकि एनपीके खाद 50 रुपए बोरी महंगी हो गई है।
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लखनऊ/नई दिल्ली। किसानों के लिए राहत की खबर है कि बुवाई के इस सीजन में फिलहाल डीएपी और यूरिया महंगी नहीं होंगी। अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कई कंपनियों ने खाद के रेट बढ़ा दिए थे, जिसके बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने डीएपी और यूरिया की सब्सिडी में बढ़ोतरी की है। केंद्र सरकार ने कहा कि सब्सिडी बढ़ाने का फैसला किसानों के हित में लिया गया है ताकि उन पर महंगाई का बोझ न पड़े। हालांकि एनपीके किसानों को इसी सीजन में 265 रुपए महंगी पड़ेगी।

उर्वरक के रेट के मुद्दे पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, “वर्तमान समय में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों के मूल्य बहुत बढ़ गये हैं और हमें अनेक प्रकार के उर्वरकों का आयात करना पड़ता है। लेकिन किसानों के हित में पीएम मोदी ने एमआरपी बढ़ाने के बजाय सब्सिडी बढ़ाने का फैसला किया।”

उन्होंने आगे बताया कि यूरिया में सब्सिडी 1500 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये, डीएपी 1200 रुपये से 1650 रुपये, एनपीके 900 रुपये से 1015 रुपये, एसएसपी 315 रुपये से 375 रुपये तक की गई है। कुल मिलाकर पीएम ने रबी सीजन में 28,000 करोड़ रुपये दिए हैं।”

रबी के सीजन में गेहूं और आलू की बुवाई के लिए बड़े पैमाने पर रासायनिक उर्वरकों की जरुरत पड़ती है। किसानों को इस सीजन में एनपीके (इफको) की 50 रुपए की बोरी 265 रुपए महंगी मिलेगी।

अकेले उत्तर प्रदेश में ही रबी के सीजन में करीब 16 लाख टन उर्वरक की जररुत होती है। उत्तर प्रदेश में इफको के राज्य विपणन प्रबंधक अभिमन्यु राय ने गांव कनेक्शन से किसानों के लिए राहत की खबर है। विदेशों से आने वाले कच्चे माल के महंगे होने से उवर्रक की कीमतों पर असर पड़ा था। लेकिन सरकार से भारी सब्सिडी दे दी है, जिससे यूरिया और डीएपी की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन एनपीके जरुर थोड़ी महंगी हो गई है। इफको की एनपीके अब 1450 रुपए की 50 किलो की बोरी मिलेगी। लेकिन पुराना स्टॉक पुरानी कीमतों 1185 रुपए में ही बिकेगा।”

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डीएपी पर 1650 और यूरिया पर 2000 रुपए प्रति बोरी की सब्सिडी

इससे पहेल 19 मई 2021 को केंद्र सरकार ने डीएपी की सब्सिडी में 500 रुपे प्रति बोरी की बढ़ोतरी की थी। दरअसल मई 2019 से पहले डीएपी की वास्तिवक कीमत 1700 रुपए प्रति बोरी थी, जिस पर सरकार 500 प्रति बोरी की सब्सिडी देती थी और कंपनियां 1200 में बेच रही थी लेकिन वैश्विक बाजार में DAP में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ने के बाद डीएपी की लागत बढ़ गई थी और प्रति बोरी की कीमत लगभग 2400 रुपए पहुंच गई थी, सरकार के 500 रुपए की सब्सिडी घटाने के बाद कंपनियां उसे 1900 में बेचने लगी थी, जिसके बाद सरकार ने सब्सिडी में 140 फीसदी का इजाफा करते किया था और प्रति बोरी डीएपी पर सब्सिडी बढ़कर 1200 हो गई थी। अब अक्टूबर के फैसले के बाद डीएपी की एक बोरी पर सब्सिडी बढ़कर 1650 रुपए हो गई है। किसान को रबी सीजन में डीएपी 1200 रुपए की ही मिलेगी।

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अब इस रेट पर मिलेगी डीएपी, एनपीके और यूरिया

कीमतें बढ़ने और सरकारी की सब्सिडी के बाद उर्वरकों के रेट कुछ इस तरह होंगे। इंडियन फॉर्मर्स फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन (इफको) की नाइट्रोजन-फास्फोरस-पोटेशियम और गंधक (NPK-NP) उर्वरकों की कीमत में 265 रुपए की बढ़ोतरी की है। इफको 2 तरह की एनपीके तैयार करता है। अब एनपीके (10:26:26 नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम अनुपात) वाली 50 किलो की बोरी 1175 रपए की जगह 1440 की मिलेगी जबकि एनपीके (12:32:16) की मौजूदा कीमत 1185 रुपए से बढ़कर 1450 रुपए हो गई है। नई दरें 15 अक्टूबर से लागू हैं लेकिन पुराना माल पुराने रेट पर ही मिलेगा।

इसके अलावा 45 किलो की यूरिया की बोरी 265 रुपए की मिलेगी जबकि 50 किलो की डाय आमोनियम फास्फेट की कीमत 1200 रुपए प्रति बोरी ही रहेगी।

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