असम में बाढ़ से हालात और बिगड़े, फसलों और सब्जियों को भारी नुकसान

पूर्वोत्तर के असम में आई बाढ़ अब दूसरे इलाकों में भी पहुंच गई है। वहां पानी घुसने से सात जिलों में 51,000 से अधिक लोगों के प्रभावित होने की खबर है। बाढ़ के कारण यहां की खेती और मछली पालन पर भी पड़ रहा है।

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असम में बाढ़ से हालात और बिगड़े, फसलों और सब्जियों को भारी नुकसान

असम। पूर्वोत्तर के असम में आई बाढ़ अब दूसरे इलाकों में भी पहुंच गई है। वहां पानी घुसने से सात जिलों में 51,000 से अधिक लोगों के प्रभावित होने की खबर है। असम राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (एएसडीएमए) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बाढ़ ने आमजन की स्थितियां काफी बिगाड़ दी हैं। प्राधिकरण ने बताया कि धेमाजी, लखीमपुर, सोनितपुर, नालबारी, बारपेटा, चिरांग और मजूली जिलों में 51400 लोगों पर बाढ़ की बुरी तरह मार पड़ी है। आज 85 गांवों में 51000 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में हैं।

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बाढ़ के कारण किसानों को हुआ काफी नुकसान। फोटो: गाँव कनेक्शन

गुहावटी से लगभग 70 किलोमीटर दूर नलबरि जिले के पुवबरशिराल और बोनगाँव से लगे पगलादिया नदी में बुधवार दोपहर पानी का जलस्तर आचानक बढ़ने लगा। पानी का बहाव धीरे-धीरे तेज होता गया। जिस कारण पानी सड़क को पार करते हुए लोगों के घरों और खेतों में भी घुस गया। खेतों में पानी अब भी भरा हुआ है। बाढ़ के कारण यहां की खेती और मछली पालन पर भी पड़ रहा है। जल स्तर बढ़ने के कारण पानी तलाबों के ऊपर बहने लगा था, जिससे पानी के बहाव के साथ तालाब की मछलियां नदी में चली गईं। इस समय धान की खेती का भी बड़ा नुकसान हुआ है। खेतों में पानी भरा हुआ है। यहां मुख्य रूप से धान की खेती होती है। बाढ़ के पानी मे धान की फसल डूब चुकी है। किसानों का कहना कि सब्जी की खेती में भी उन्हें काफी नुकसान हुआ है।

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मछलियों को नदी में जाने से रोकता किसान। फोटो: गाँव कनेक्शन

पुवबरशिराल गाँव के किसान जाधव राजबंशी (50वर्ष) का कहना है, " बाढ़ के कारण मेरे मछली पालन को काफी नुकसान हुआ है। तलाब में अभी चार महीने पहले ही बीज डाला था। अभी मेरी मछलियां बड़ी हो गयी थी। मैंने लगभग तीन बीघे में धान की खेती भी की थी। अभी फसल पूरी तरह डूब चुकी है।" ऐसी ही हालत बोनगाँव के किसानों हैं। ऐसे में दोनों गाँवों के किसान काफी चिंतित और परेशान है। आज भी यहाँ हल्की बारिश हुई है। लोगों का कहना है कि यदि आगे भी बारिश हुई स्थिति और बिगड़ सकती है।

रिपोर्ट: तेज बहादुर सिंह

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