लंबी बीमारी के बाद दिल्‍ली की पूर्व सीएम व कांग्रेस नेता शीला दीक्षि‍त का निधन

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लंबी बीमारी के बाद दिल्‍ली की पूर्व सीएम व कांग्रेस नेता शीला दीक्षि‍त का निधन

लखनऊ। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस की वरिष्‍ठ नेता शीला दीक्षित का शनिवार दोपहर को निधन हो गया है। वो लंबी बीमारी से जूझ रही थीं। गौरतलब है कि शीला दीक्षित 1998 से लेकर 2013 तक दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री रही थीं।

शीला दीक्षित के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए आज शाम 6 बजे से उनके आवास पर रखा जाएगा, कल दोपहर 2:30 बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इनकी तीन बार बाईपास सर्जरी हुई थी। शनिवार सुबह वह दिल्‍ली के एस्‍कार्ट्स अस्‍पताल में भर्ती थीं। कुछ दिनों पहले तक वह राजनीति में खासी ऐक्टिव थीं और हाल ही में उन्होंने दिल्ली में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी की थी।

राहुल गांधी ने शीला दीक्षित के निधन पर अपनी संवेदना ज़ाहिर करते हुए लिखा है कि यह ख़बर सुनकर बेहद दुखी हैं। वो कांग्रेस पार्टी की प्यारी बेटी थीं। मैं निजी तौर पर उनके बेहद क़रीब था।

वहीं शीला दीक्षित के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते शोक व्‍यक्‍त किया है। उन्‍होंने लिखा कि शीला दीक्षित जी के निधन से गहरा दुख हुआ। वह एक मिलनसार व्यक्तित्व थी, उन्‍होंने दिल्ली के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना है। शांति..

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके शीला दीक्षित के निधन पर शोक व्यक्त किया है। केजरीवाल ने लिखा, "अभी-अभी श्रीमती शीला दीक्षित के निधन की भयानक खबर मिली है। यह दिल्ली के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले।"



यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी शीला दीक्षित के निधन पर दुख जताया है। उन्‍होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित जी का निधन दु:खद! भारतीय राजनीति में अपने अहम योगदान एवं शालीनता के लिए उनका योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।

कांग्रेस पार्टी दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनावों में शीला दीक्षित को सीएम के चेहरे के तौर पर उतारने की तैयारी में थी। दिल्ली में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद केरल की राज्यपाल भी रही थीं। इसके अलावा कांग्रेस ने यूपी विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर भी पेश किया था। शीला को हमेशा से गांधी-नेहरू परिवार का करीबी माना जाता था।

   

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