ग्रामीण भारत के लिए कैसा रहा 2020, गाँव कनेक्शन की पहली वार्षिक रिपोर्ट 'दी स्टेट ऑफ रूरल इंडिया रिपोर्ट 2020' में जानिए

ग्रामीण भारत के लिए कैसा रहा साल 2020? कौन से मुद्दे रहे जिन्होंने एक बड़ी आबादी को प्रभावित किया? ऐसे ही कई मुद्दों पर गांव कनेक्शन ने सालभर खबरें की जिन्हें आपने सराहा भी। अब इन सभी खबरों का संकलन आप 'दी स्टेट ऑफ रूरल इंडिया, रिपोर्ट 2020' में पढ़ सकते हैं।

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ग्रामीण भारत को देश के शहरी परिदृश्य से जोड़ने का एक और प्रयास करते हुए भारत के सबसे बड़े ग्रामीण मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'गाँव कनेक्शन' ने 2020 की वार्षिक रिपोर्ट 'द स्टेट ऑफ़ रूरल इंडिया: रिपोर्ट 2020' के नाम से जारी किया है। इस वार्षिक रिपोर्ट में ग्रामीण भारत से जुड़े 12 प्रमुख मुद्दों और उनसे जुड़ी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है। इसके अलावा इन मुद्दों से जुड़ी गांव कनेक्शन की कुल 40 ग्राउंड रिपोर्ट्स को भी इसमें जगह दी गई है। इस पूरी रिपोर्ट को www.ruraldata.in पर भी पढ़ा जा सकता है।

गाँव कनेक्शन का हमेशा से प्रयास रहा है कि वह शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की खाई को कम करे और गाँवों से जुड़े मुद्दों को सरकार, नीति नियंताओं और शहरी दुनिया के सामने रखे। ग्रामीण जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से अब कई तरह की योजनाएं और जानकारियां उपलब्ध हैं, लेकिन यह भी सच है कि शहरों और गांवों के बीच दो-तरफा संचार की कमी है। ग्रामीण भारत से जुड़े मुद्दों, समस्याओं और उपलब्धियों को उचित ढंग से बाहरी दुनिया के सामने नहीं पेश किया जाता रहा है।

'द स्टेट ऑफ रूरल इंडिया: रिपोर्ट 2020' की इस वार्षिक रिपोर्ट का लक्ष्य इसी खाई को पाटना और ग्रामीण भारत का साल भर का लेख-जोखा और उससे जुड़ी ग्राउंड रिपोर्ट्स को लोगों के सामने रखना है।

इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य, कृषि, जल, वन व वन्यजीव, जनजातीय, आजीविका, जलवायु परिवर्तन, आपदा, शिक्षा, युवा, कला व संस्कृति और लैंगिक मामले जुड़े कुल 12 अध्याय हैं। इसके अलावा एक अध्याय उन लोगों पर होगा जो इस साल कुछ बड़े बदलावों के वाहक बने।

इस रिपोर्ट के प्रत्येक अध्याय में इस बात का विस्तृत ब्योरा है कि यह साल अलग-अलग क्षेत्रों के लिए कैसा रहा। रिपोर्ट का प्रत्येक भाग आंकड़ों और तथ्यों के माध्यम से सरकार को भी एक परिप्रेक्ष्य देगा कि वह आम जनसरोकार के मुद्दों को कैसे बेहतर ढंग से प्रबंधन करें। इसके अलावा इस रिपोर्ट के प्रत्येक खंड में गाँव कनेक्शन के इस साल की 3 से 5 प्रभावशाली ग्राउंड रिपोर्ट्स भी शामिल की गई हैं, जिसका जनता व नियामकों के बीच एक व्यापक प्रभाव रहा।

'द स्टेट ऑफ़ रूरल इंडिया: रिपोर्ट 2020' में किन-किन मुख्य खबरों को शामिल किया गया है, उस पर थोड़ी चर्चा यहां भी है

उदाहरण के लिए 'आदिवासी' अध्याय (चैप्टर) में साल 2020 आदिवासियों के लिए कैसा रहा, कोरोना से वे कैसे निपटें, उनके बच्चों की पढ़ाई किस तरह प्रभावित रही और वन्य अधिकार अधिनियम (FRA, 2006) इस साल क्यों एक बड़ा मुद्दा आदिवासियों के लिए बना रहा। इसके साथ ही इस अध्याय में जम्मू कश्मीर के 'चोपन' घुमंतू समुदाय, पालघर की आदिवासी महिलाओं का पॉल्ट्री स्टार्ट अप, आदिवासी क्षेत्रों में भूमि संघर्ष और झारखंड के संथाली आदिवासी युवाओं द्वारा तकनीक और कैमरे के इस्तेमाल से अपने इतिहास के सहेजने जैसे ग्राउंड रिपोर्ट्स शामिल हैं।

पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें

गाँव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिसरा ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा, "ग्रामीण भारत देश भर को भोजन खिलाता है, अर्थव्यवस्था को भी संचालित करता है और यह भी निर्णय लेता है कि देश पर कौन शासन करेगा। लेकिन फिर भी देश के कामकाज व चलाने के तरीके में, योजनाओं को बनाने में ग्रामीण भारत का बहुत कम ही ध्यान रखा जाता है। गाँव कनेक्शन अपनी डिजिटल ताकत के साथ ग्रामीण भारत में अपनी जमीनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है, जो कई ठोस परिणाम भी पैदा कर रहा है। हम इस वार्षिक ग्रामीण रिपोर्ट के साथ ही अपने इस प्रयास को अगले स्तर तक ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि यह रिपोर्ट राज्य और राष्ट्रीय स्तर के अधिकारियों और नीति निर्माताओं को ग्रामीण भारत को व्यापक परिदृश्य में देखने और उसके समस्याओं के लिए उपयुक्त समाधान की योजना बनाने में मदद करेगा।"

गाँव कनेक्शन के बारे में

गाँव कनेक्शन भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण मीडिया प्लेटफ़ॉर्म है। यह एक दो-तरफा सड़क है जो एक तरफ ग्रामीण लोगों तक आवश्यक जानकारियों को पहुंचता है और दूसरी तरफ शहरी भारत को ग्रामीण भारत की समस्याओं, मुद्दों और उपलब्धियों से रूबरू करवाता है। गाँव कनेक्शन वर्तमान में डिजिटल, वीडियो कंटेंट, प्रिंट, ऑडियो कंटेंट, भारत की सबसे बड़ी ग्रामीण मीडिया सर्वे टीम और जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तरों पर स्मार्टफोन से सुसज्जित कम्युनिटी जर्नलिस्टों के माध्यम से यह काम कर रहा है। यह भारत के मीडिया परिदृश्य में एक अनूठा और बेजोड़ संयोजन है।

गाँव कनेक्शन का विस्तार वर्तमान में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में पूरी तरह है और धीरे-धीरे सभी हिंदी भाषी राज्यों में भी इसका विस्तार हो रहा है। गाँव कनेक्शन ने भारत के कुछ सर्वोच्च पत्रकारिता पुरस्कार भी जीते हैं, जिसमें चार रामनाथ गोयनका पुरस्कार और लैंगिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग के लिए एक दर्जन से अधिक लाडली पुरस्कार शामिल हैं।

आगे की जानकारी के लिए संपर्क करें-

कल्पना स्वामी

[email protected]

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