ग्रामीण खेल : किसी ने सुरबग्घी में लगाया दिमाग, तो किसी ने कंचे और गिल्ली-डंडा खेल याद किया बचपन का दिन

गांव कनेक्शन मेले में कुछ बच्चों ने कंचे और सुरबग्घी खेलकर अपने बचपन के दिनों को याद किया तो छात्राओं ने रंगोली और मेहंदी प्रतियोगिता में अपना हुनर दिखाया

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   4 Dec 2018 1:22 PM GMT

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ग्रामीण खेल : किसी ने सुरबग्घी में लगाया दिमाग, तो किसी ने कंचे और गिल्ली-डंडा खेल याद किया बचपन का दिन

लखनऊ। किसी ने खो-खो में दम दिखाया तो किसी ने कबड्डी में। कुछ बच्चों ने कंचे और सुरबग्घी खेलकर अपने बचपन के दिनों को याद किया। हजारों की संख्या में भारतीय ग्रामीण विद्यालय पहुंचे बच्चों ने जमकर मौज मस्ती की। वहीं छात्राओं ने रंगोली और मेहंदी प्रतियोगिता में हुनर दिखाया। मौका था गांव कनेक्शन अखबार के छठे स्थापना दिवस का।

ग्रामीण मुद्दे, खेती किसानी, महिलाओं और युवाओं से जुड़े मुद्दों के साथ ही सरोकार की पत्रकारिता करने वाला आपका गांव कनेक्शन छह साल का हो गया। दो दिसंबर 2018 को लखनऊ जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर के कुनौरा गांव में स्थित गांव कनेक्शन के हेडक्वार्टर- भारतीय ग्रामीण विद्यालय कुनौरा में मेले का आयोजन किया गया। मेले में बच्चों के लिए कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट, सुरबग्घी, कंचे, सतोलिया और गिल्ली-डंडे जैसे खेलों का आयोजन किया गया।

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खो-खो में पहला मैच रामा कान्वेंट और लखनऊ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के बीच खेला गया। इस रोमांचक मैच में लखनऊ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल विजेता रही। दूसरा मैच भारतीय ग्रामीण विद्यालय और एसडीएसएन इंटर कॉलेज के बीच खेला गया। यह मैच एसडीएसएन कॉलेज के नाम रहा। यह मैच काफी रोमांचकारी रहा। भारतीय ग्रामीण विद्यालय की लड़कियों ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन आखिरी वक्त में मैच हाथ से फिसल गया। वहीं आखिरी मैच परमेश्वर विद्यालय और लल्लू राम विद्यालय के बीच खेला गया। यह मैच परेमश्वर विद्यालय के नाम रहा।

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खो-खो और कबड्डी में बच्चों ने तो हाथ आजमाए ही साथ ही कंचे, सुरबग्घी और गिल्ली-डंडा खेलकर बचपन के दिनों को याद किया। कंचा देखकर बाराबंकी से आए विनोद (35वर्ष) खुद को इसे खेलने से नहीं रोक सके। विनोद ने बताया, " बचपन में कंचा और गिल्ली-डंडा मेरा पसंदीदा खेल हुआ करता था। स्कूल में भी मैं कंचे खेलता था। मेरे स्कूल बैग में हमेशा कंचे रहते थे। गांव कनेक्शन मेले में इन खेलों की व्यवस्था की गई जो थो सरानीय प्रयास है।"


महानिदेशक परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश डा. नीना गुप्ता का कहना है, " आधुनिकता और मोबाइल ने बच्चों का बचपना छीन लिया है। मुझे अच्छा लगा कि गांव कनेक्शन मेले में खास तौर कंचे, गिल्ली-डंडा और सुरबग्घी जैसे ग्रामीण खेलों की व्यवस्था की गई थी। ये खेल गांव की पहचान हैं। हमें इन खेलों को बढ़ावा देना चाहिए।"

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रंगोली प्रतियोगिता में छात्राओं ने अपने कला कौशल को बहुत संयोजित ढंग से प्रदर्शित किया। छात्राओं ने प्रतियोगिता में उत्साह के साथ हिस्सा लिया। निर्णायक समिति ने रंगोली देखने के बाद अपना फैसला सुनाया। रंगोली प्रतियोगिता दो चरणों में हुई। पहले चरण में भारतीय ग्रामीण विद्यालय, यूनिक विद्यालय, एसडीएसएन इंटर कालेज, एसएस पब्लिक स्कूल और रामा कान्वेंट कालेज की छात्राओं ने भाग लिया, जिसमें भारतीय ग्रामीण विद्यालय की छात्राओं ने बाजी मारी। वहीं दूसरे चरण में परेमेश्वर इंटर कालेज,श्री कृष्ण शिक्षा निकेतन, प्रेमा देवी विद्यालय, मातेश्वरी कालेज, योगांतर कालेज, बाबा बालक राम, लल्लू राम और लखनऊ इंटरनेशन पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने अपना हुनर दिखाया। इस चरण में परमेश्वर इंटर कालेज की छात्राएं प्रथम रहीं।


वहीं मेहंदी प्रतियोगिता में छात्राओं ने एक-दूसरे को सुंदर-सुंदर मेहंदी लगाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। मेहंदी प्रतियोगिता तीन भागों में हुई। पहले भाग में यूनिक पब्लिक स्कूल की छात्राएं विजेता रहीं। वहीं दूसरे चरण में योगांतर इंटर कालेज की छात्राओं ने बाजी अपने नाम कर लिया। तीसरे चरण में परमेश्वर इंटर कालेज की छात्राओं ने सबसे बढ़िया मेहंदी लगाकर बाजी मार ली।


सतोलिया खेलने के लिए बच्चे बेकरार दिखे। मेले में आए बच्चों ने आपस में दो टीम बना लिए। हर टीम में चार-चार बच्चे रहे। बॉल लेकर चपटे पत्त्थर को मारने की जददोजहद किया। कई का निशाना सही लगा तो कुछ कैच हो गए। गेंद लगने के बाद पत्थरों को एक के ऊपर लगाने की तत्परता भी गजब की दिखी।


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