राजस्थान के आदिवासी समुदाय के युवा कम्युनिटी जर्नलिस्ट बनकर उठाएंगे अपने गाँव की आवाज
Vivek Shukla 20 Sep 2019 10:26 AM GMT

उदयपुर (राजस्थान)। राजस्थान में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवा, प्रगतिशील किसान, छात्र-छात्राएं अब गांव कनेक्शन के जुड़कर अपने गांव की आवाज़ उठा सकेंगे। अपने इलाके के ग्रामीण मुद्दों को राष्ट्रीय पटल पर रख सकेंगे। गांव कनेक्शन ने अपने सामुदायिक पत्रकारिता आधारित स्वयं प्रोजेक्ट की राजस्थान में शुरुआत की है।
स्वयं प्रोजेक्ट, अपनी तरह की अनोखी मुहिम है जिसके तहत समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों को सामुदायिक पत्रकार बनने के लिए प्रेरित किया जाता है। इन्हें ख़बर लिखने की बुनियादी ट्रेनिंग दी जाती है। मोबाइल से वीडियो बनाना और फोन से बेहतर फोटो खिंचना भी सिखाया जाता है। ट्रेनिंग के बाद रुचि दिखाने वाले लोगों को लगातार प्रेरित कर उनकी ख़बरों, वीडियो आदि को गांव कनेक्शन के प्लेटफार्म पर प्रकाशित किया जाता है। यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत कई राज्यों में सफलता पूर्वक चल रहे स्वयं प्रोजेक्ट में अब राजस्थान भी शामिल हो गया है।
पिछले दिनों गांव कनेक्शन की टीम ने उदयपुर में कई जगह युवाओं को कम्युनिटी जर्नलिस्ट की ट्रेनिंग दी। गांव कनेक्शन की टीम ने उदयपुर से इसकी शुरुआत की है। गुरुवार को उदयपुर में स्वयं सेवी संगठन आजीविका ब्यूरो के सहयोग से एक दिवसीय ट्रेनिंग का आयोजन उदयपुर में शहर में किया गया, जिसमें 35 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया, जो उदयपुर, सिरोही, बांसवाड़ा समेत कई जिलों से आए हुए थे। इनमें से ज्यादातर युवा ऐसे थे जो मजदूरी भी करते थे। इन युवाओं को आजीविका ब्यूरो की तरफ विभिन्न तरह की उपयोगी कौशल विकास ट्रेनिंग भी दी जा रही हैं। ताकि उन्हें बेहतर काम और पैसे मिल सके। गांव कनेक्शन ने इन युवाओं को कम्युनिटी जर्नलिस्ट की ट्रेनिंग दी। इस दौरान उन्हें एक बारगी भरोसा नहीं हुआ कि कोई इन्हें अपनी आवाज उठाने का मौका दे सकता है।
पाली जिले के फुलाराम बताते हैं,"उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि पत्रकारिता सीखने का मौका मिलेगा। हमारे जिले में कई प्रकार की समस्याएं होती हैं लेकिन स्थानीय अखबार में उस समस्या को नजर अंदाज कर दिया जाता है। ऐसे में हमें समझ में नहीं आता है कि इसका समाधान कैसे होगा? मैं कोशिश करूंगा कि ऐसे मुद्दों को आप तक भेज सकूं।"
इसके बाद शुक्रवार की सुबह टीम उदयपुर जिले के सलूंबर ब्लॉक पहुंची। यहां पर गैर सरकारी संगठन स्टेप अकेडमी आजीविका से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं और वालेंटियर को स्वयं प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी गई और लोगों को कम्युनिटी जर्नलिस्म के फायदे बताए गए। इनमें से ज्यादातर लोग दिनभर क्षेत्र में रहते हैं और आम लोगों के बीच काम करते हैं। गांव कनेक्शन ने इन्हें कम्युनिटी जर्नलिस्ट के बारे में बताया। इसके माध्यम से ये स्थानीय मुद्दे, लोकगीत, राजस्थान के रंग आदि से संबंधित वीडियो व खबर को लोगों के सामने ला सकते हैं।
जयसमंद गातोड निवासी प्रेमशंकर मीणा इस ट्रेनिंग के बाद बहुत खुश थे। उन्होंने बताया कि "हमारे यहां रोजगार की बड़ी समस्या है जिसके लिए युवाओं को पलायन करना पड़ता है। इससे उन्हें परिवार से दूर ही रहना पड़ता है, रोजगार के लिए बहुत से अधिकारियों व नेताओं से बात की गई लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया "
वहीं शनिवार को गांव कनेक्शन टीम ने राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य और अति पिछड़े उदयपुर जिले के ग्रामीण इलाके गोगुंदा के पाटरी गांव पहुंची। वहां छात्र-छात्राओं के लिए कम्युनिटी जर्नलिस्ट ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन किया। जिसमें करीब एक दर्जन छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इन्हें मोबाइल से वीडियो बनाना, बाइट लेना, खबर लिखना आदि सिखाया गया। छात्र-छात्राओं को मौके पर ही कई वीडियो शूट करके प्रैक्टिकल भी कराया।
#community journalists #tribal areas Udaipur #story
More Stories