पहली तिमाही की अपेक्षा सुधार फिर भी देश की अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी की गिरावट
गाँव कनेक्शन 27 Nov 2020 12:57 PM GMT
देश की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष (जुलाई-सितंबर) की तिमाही में 7.5 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में -23.9 फीसदी की गिरावट आई थी। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए मार्च के अंत से देश में लगे लॉकडाउन का देश की अर्थव्यस्था पर व्यापक असर पड़ा था। अनलॉक के बाद स्थिति में सुधार दिख रहा है।
Real GDP registered a significant improvement in Q2 2020-21 with a contraction of 7.5 % over the corresponding quarter of previous year vis a vis contraction of 23.9 % registered in Q1 2020-21@Rao_InderjitS@PIB_India@NITIAayog@PMOIndia
— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) November 27, 2020
जीडीपी में आई ये गिरावट अनुमानों से कम हैं। रेटिंग एजेंसियों ने दूसरी तिमाही में GDP में 10 से 11% तक गिरावट का अनुमान लगाया था। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 8.6% की गिरावट का अनुमान लगाया था। मूडीज ने 10.6 फीसदी, केयर रेटिंग ने 9.9 फीसदी, क्रिसिल ने 12 फीसदी, इक्रा ने 9.5 फीसदी और एसबीआई रिसर्च ने 10.7% फीसदी गिरावट का अनुमान जताया था।
कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उछाल
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की रिपोर्ट के अनुसार कृषि (Agriculture) , मत्स्यपालन और वानिकी के क्षेत्र की रफ्तार तेज हुई है। मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing), बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपभोग की सेवाओं में इस तिमाही में सुधार आया है। पहली तिमाही में मत्स्यपालन में 5.3 फीसदी की तेजी का अनुमान था जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 12.4 फीसदी हो गया।
क्या है GDP
कुल सकल घरेलू उत्पाद यानी की जीडीपी एक साल में देश में उत्पादित होने वाले सभी सामानों और सेवाओं के कुल मूल्य (वैल्यू) को कहते हैं। किसी देश की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहा है, यह जीडीपी से ही पता चलता है। GDP से यह भी पता चलता है कि किसी सेक्टर में कैसी तेजी रही।
अगर जीडीपी के आंकड़े पिछले साल की अपेक्षा कम हैं तो इसका मतलब यह है कि उस अवधि में सामानों का उत्पादन कम रहा है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) जीडीपी की गणना करता है। जीडीपी के आंकड़े हर तिमाही यानी साल में चार बार जारी किए जाते हैं। जीडीपी की गणना चार घटकों कंजम्पशन एक्सपेंडिचर, गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर, इनवेस्टमेंट एक्सपेंडिचर और नेट एक्सपोर्ट्स के जरिए होती है।
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