कृषि विकास दर 5.1 फीसदी से 2 फीसदी पर पहुंची, GDP 7 साल के सबसे निचले स्तर पर
गाँव कनेक्शन 30 Aug 2019 2:13 PM GMT
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गई है। वहीं कृषि विकास दर पिछले साल के 5.1 फीसदी के मुकाबले 2 फीसदी पर आ गई है। मैन्युफैक्चरिंग में भारी गिरावट आई है। पिछले साल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट 12.1 फीसदी थी जो अब घटकर 0.6 फीसदी पर आ गई है।
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है। इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की अप्रैल-जून अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर सबसे निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही थी। एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। जबकि इससे पिछली तिमाही की यदि बात की जाये तो जनवरी से मार्च 2019 की तिमाही में वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने जून में हुई मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया था।
केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर के 5.8 प्रतिशत से 6.6 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 7.3 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान जताया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार वर्ष 2019 की अप्रैल-जून अवधि में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही है जो पिछले 27 साल में सबसे कम रही।
GDP at Constant (2011-12) Prices in Q1 of 2019-20 is estimated at 35.85 lakh crore, as against 34.14 lakh crore in Q1 of 2018-19, showing a growth rate of 5.0 % pic.twitter.com/0TBAkuTwKO
— ANI (@ANI) August 30, 2019
मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम ने जीडीपी आंकड़े जारी होने के बाद कहा कि आंतरिक एवं बाह्य कारणों से जीडीपी वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ी। उन्होंने आगे यह भी कहा कि सरकार स्थिति से अवगत है और उसने बैंकों के बड़े पैमाने पर विलय सहित कई कदम उठाए हैं।
वित्त मंत्री ने आज ही कहा था, देश की अर्थव्यवस्था सही स्थिति में
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज घरेलू अर्थव्यवस्था को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया था कि देश की अर्थव्यवस्था सही हालात में है। उन्होंने बैंकों की अच्छी स्थिति के बारे में कहा कि इनके एनपीए (नॉन पफॉर्मिंग ऐसेट) कम हुए हैं और मुनाफा बढ़ा है जो अच्छी खबर है। वित्त मंत्री ने बताया कि कम समय में लोन रिकवरी बढ़ गई है और कर्ज वसूली रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।
एनपीए में कमी आई है और ये 8.65 लाख करोड़ रुपए से घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपए हो गया है यानी अब 7.90 लाख करोड़ का एनपीए बचा है। 2019 में 1 लाख 21 हजार 76 करोड़ की रिकवरी हुई है जो काफी अच्छी कही जा सकती है। इसके अलावा 18 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से 14 सरकारी बैंक फायदे में है, बैंकों का मुनाफा बढ़ा है।
कांग्रेस का कटाक्ष: मोदी है तो मुमकिन है
कांग्रेस ने आर्थिक विकास दर के पिछले साल के अपने न्यूनतम स्तर पर चले जाने को शुक्रवार को 'मोदी मेड डिजास्टर' करार दिया और कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी है तो मुमकिन है। पार्टी प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने ट्वीट कर कहा, जीडीपी विकास दर पांच फीसदी पर पहुंच गई। नोटबंदी, जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने और अक्षमता के नतीजे लगातार दिख रहे हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह गिरावट वैश्विक मुद्दों के कारण नहीं है। यह मोदी द्वारा पैदा की गई (मोदी मेड) आपदा है। मोदी है, तो मुमकिन है। गौड़ा ने कहा कि क्या अर्थव्यवस्था की स्थिति और बुरी होगी, क्या ध्यान भटकाने के लिए नई नई तरकीबें अपनाई जाएंगी?
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